Latest News

टिहरी जिलाधिकारी ने कोटेश्वर पहुंचकर मत्स्य विभाग की हे मत्स्य हैचरी का निरीक्षण


जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने कोटेश्वर पहुंचकर मत्स्य विभाग की हे मत्स्य हैचरी का निरीक्षण किया एवं कोटेश्वर झील में मत्स्य सीड डालकर मत्स्य उत्पादन के क्षेत्र में जनपद को अग्रणी बनाए जाने का संदेश भी दिया। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने कहा कि जनपद में मत्स्य पालन की अपार संभावनाएं हैं।

रिपोर्ट  - à¤…ंजना भट्ट घिल्डियाल

टिहरी गढ़वाल 03 जुलाई 2020, जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने कोटेश्वर पहुंचकर मत्स्य विभाग की हे मत्स्य हैचरी का निरीक्षण किया एवं कोटेश्वर झील में मत्स्य सीड डालकर मत्स्य उत्पादन के क्षेत्र में जनपद को अग्रणी बनाए जाने का संदेश भी दिया। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने कहा कि जनपद में मत्स्य पालन की अपार संभावनाएं हैं। संभावनाओं को अवसर में बदलने के लिये मछली व्यवसाय व अन्य काश्तकारों को जागरूक करने की आवश्यकता है। ताकि काश्तकार मल्टी क्रॉपिंग के साथ-साथ मत्स्य पालन को अपनाकर आय में वृद्धि कर सकते है। उन्होंने कहा की मत्स्य पालन एक कॅश क्रॉप है, जिसमे काश्तकार/मत्स्य पालक कभी भी इसका विपणन कर अच्छी आमदनी कर सकते है। जिलाधिकारी ने मत्स्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि हैचरी में जो भी कमियां हैं, इस संबंध में विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर प्रस्तुत की जाय, ताकि हैचरी को और अधिक व्यवस्थित करते हुए उत्पादन क्षमता के साथ-साथ वितरण को बढ़ाया जा सके। इस इस अवसर पर जिलाधिकारी समेत टीएचडीसी के अधिकारियों एवं मत्स्य विभाग के अधिकारियों ने संयुक्त रूप से कोटेश्वर बांध झील में मछली सीड डालकर मत्स्य उत्पादन को बढ़ावा दिए जाने का संदेश दिया। इस दौरान सहायक निदेशक मत्स्य अल्पना हल्दिया ने हैचरी में मछलियों की प्रजातियाँ, हैचरी में मत्स्य बीज उत्पादन की क्षमता एवं मछली के लिए फीडिंग इत्यदि जानकारियां भी जिलाधिकारी के समक्ष प्रस्तुत की। एडी फिशरी ने बताया हैचरी में जहां ट्राउट फिशिंग सीड के लिए लगभग दो लाख की क्षमता है वही कॉमन कार्प मत्स्य सीड की क्षमता इससे 5-6 गुना अधिक है। उन्होंने बताया कि जुलाई-अगस्त माह मत्स्य प्रजनन का समय होता है , इस दौरान मछली पकड़ने पर पूर्ण प्रतिबंध रहता है। कहा कि मत्स्य पालन में सबसे बड़ी समस्या उनकी मृत्यु दर है, जो कि लगभग 50 से 60% है। इसके अलावा मछली को सही पोषण की निरंतर उपलब्धता पर ही उनका वजन निर्भर करता है। इसके उपरांत जिलाधिकारी ने जीरो पॉइंट पर स्थित नई टिहरी पंपिंग स्टेशन, टीएचडीसी पंप हाउस, भेंतोगी नाला पंपिंग स्टेशन, बागी पंपिंग स्टेशन का भी निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने पम्पिंग स्टेशंस में लगे मोटर उनकी क्षमता इत्यादि के बारे में विस्तृत जानकारी अधिशासी अभियंता जल संस्थान सतीश नौटियाल ली। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी अभिषेक रुहेला, एजीएम टीएचडीसी एसके राय, असिस्टेंट कमांडेंट सीआईएसफ जेपी गोस्वामी, मैनेजर टीएचडीसी हिमांशु अस्वाल के अलावा मत्स्य विभाग के अन्य अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे।

Related Post