दंडी स्वामी अनंतानंद सरस्वती जी महाराज ने कहा कि मृत्यु पर विजय प्राप्त करने का अमोघ मंत्र है; महामृत्युंजय मंत्र का जाप। महामृत्युंजय मंत्र भगवान शिव का दिया हुआ अमोघ अस्त्र है जिसमें काल भी नहीं काट सकता। महामृत्युंजय मंत्र की साधना करने वाले भक्त की आकाल मृत्यु नहीं होती।
रिपोर्ट - आल न्यूज़ भारत
हरिद्वार। दंडी स्वामी अनंतानंद सरस्वती जी महाराज ने कहा कि मृत्यु पर विजय प्राप्त करने का अमोघ मंत्र है; महामृत्युंजय मंत्र का जाप। महामृत्युंजय मंत्र भगवान शिव का दिया हुआ अमोघ अस्त्र है जिसमें काल भी नहीं काट सकता। महामृत्युंजय मंत्र की साधना करने वाले भक्त की आकाल मृत्यु नहीं होती। स्वयं भगवान महादेव भक्त की रक्षा के लिए तत्पर रहते हैं। इसीलिए साधकों को आकार मृत्यु से बचने के लिए महादेव की शरण में जाकर महामृत्युंजय मंत्र का जाप करते रहना चाहिए। गौरतलब है कि भगवान शिव की नगरी हरिद्वार हरिद्वार - नजीबाबाद रोड पर स्थित राजगुरु मठ, महामृत्युंजय मंदिर, नंद विहार गाजीवाला, कांगड़ी हरिद्वार में नवदिवसीय श्री महामृत्युंजय यज्ञ महोत्सव का शुभारंभ राजगुरु मठ, शिवाला घाट, वाराणसी के पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अनंतानंद सरस्वती जी महाराज के पावन सानिध्य में शुक्रवार को शोभायात्रा के साथ किया गया। आगामी 18 मई 2024 तक प्रतिदिन हवन पूजन, अभिषेक, आरती एवं सत्संग का आनंद प्राप्त कर सकेंगे। जगद्गुरु दंडी स्वामी स्वामी अनंतानंद सरस्वती महाराज ने बताया कि नवदिवसीय श्री महामृत्युंजय यज्ञ महोत्सव में प्रतिदिन प्रातः 8 बजे से 10 बजे तक वेदी पूजन एवं महामृत्युंजय महादेव का अभिषेक किया जायेगा। वहीं 10:15 बजे से 12:15 बजे तक जप हवन के उपरांत दूसरे सत्र में 03:15 से 06:00 बजे तक संध्या जप हवन होगा। इसके बाद 06:05 से 06:15 बजे तक संध्या आरती और 6:30 बजे से 7:30 बजे तक सत्संग होगा। उन्होंने बताया कि 18 मई को विशाल भंडारे के साथ यज्ञ का समापन होगा।