गुरूद्वारा हेमकुंड साहिब, ऋषिकेष से आज परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती और गवर्नर, उत्तराखंड गुरमीत सिंह ने हरी झंड़ी दिखाकर श्री हेमकुंड साहिब यात्रियों के दल को षुभकामनायें देकर रवाना किया तथा हरित यात्रा की याद में रूद्राक्ष का पौधा भेंट किया।
रिपोर्ट - आल न्यूज़ भारत
ऋषिकेष, 22 मई। गुरूद्वारा हेमकुंड साहिब, ऋषिकेष से आज परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती और गवर्नर, उत्तराखंड गुरमीत सिंह ने हरी झंड़ी दिखाकर श्री हेमकुंड साहिब यात्रियों के दल को षुभकामनायें देकर रवाना किया तथा हरित यात्रा की याद में रूद्राक्ष का पौधा भेंट किया। स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि उत्तराखंड आध्यात्मिक ऊर्जा का पावर बैंक है। चाहे चार धाम यात्रा हो या श्री हेमकुंड़ साहिब यात्रा हो यहां आने पर हृदय अध्यात्म और आनन्द से भर जाता है। यह षान्ति, षक्ति और श्क्ति की भूमि है। यह हमारा स्विट्जरलैण्ड भी है और स्पिरिचुअललैण्ड भी है क्योंकि यहां पर माँ गंगा है और हिमालय भी है इसलिये यह पूरे विष्व को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। गवर्नर, उत्तराखंड श्रीमान गुरमीत सिंह जी ने श्री हेमकुंड साहिब जाने वाले सभी यात्रियों को षुभकामनायें देते हुये कहा कि पहाड़ की संस्कृति व संस्कारों को बनाये रखते हुये इस दिव्य यात्रा का आनन्द ले। स्वामी जी ने कहा कि गुरू नानक देव जी से लेकर दसवें गुरू, गुरूगोबिंद सिंह जी ने जीवन के बड़े ही प्यारे मंत्र दिये। ’’नाम जपना, हमेशा ईश्वर का सुमिरन करना, किरत करना और ईमानदारी से आजीविका अर्जित करना। वंड छकना, अर्थात दूसरों के साथ अपनी कमाई साझा करना, जरूरत मंदों को दान देना एवं उनकी देखभाल करना। वास्तव में यही जीवन जीने व सेवा करने का माध्यम है। ईमानदारी से जीवन जीना, अपराध से दूर रहना और प्रकृति के अनुरूप जीना यही सच्चा धर्म है। हर क्षण प्रभुनाम का सुमिरण करना इस मंत्र के साथ आप सभी अपनी यात्रा का संकल्प लें क्योंकि उŸाराखंड पर्यटन की नहीं तीर्थाटन की भूमि है। आज्ञा भई अकाल की, तभी चलायो पंथ, सब सिखन को हुक्म है, गुरू मानियो ग्रंथ। अद्भुत संदेष है गुरु गोबिंद सिंह जी का उसे आत्मसात कर अपनी यात्रा का षुभारम्भ करे। यह यात्रा जागृति और नई ऊर्जा के समावेष की है।