गायत्री परिवार की अधिष्ठात्री माता भगवती देवी शर्मा की साल 2026 जन्मशताब्दी वर्ष है। इस हेतु अखिल विश्व गायत्री परिवार द्वारा विश्वभर में यज्ञीय आयोजन सम्पन्न कराने की योजना है।
रिपोर्ट - आल न्यूज़ भारत
हरिद्वार 23 मई। गायत्री परिवार की अधिष्ठात्री माता भगवती देवी शर्मा की साल 2026 जन्मशताब्दी वर्ष है। इस हेतु अखिल विश्व गायत्री परिवार द्वारा विश्वभर में यज्ञीय आयोजन सम्पन्न कराने की योजना है। इस अभियान की कड़ी में बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर शांतिकंुज के तत्वावधान में गृहे-गृहे गायत्री यज्ञ अभियान के अंतर्गत देश भर के 24 लाख से अधिक घरों में एक साथ एक ही समय में गायत्री यज्ञ किया गया। इसमें गायत्री परिवार के हजारों स्वयंसेवकों ने सर्वे भवंतु सुखिनः की भावना से यज्ञ सम्पन्न कराया और विश्व कल्याण की प्रार्थना की। अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रमुख श्रद्धेय डॉ प्रणव पण्ड्या ने बताया कि गृहे-गृहे गायत्री यज्ञ अभियान एक विश्वस्तरीय आध्यात्मिक प्रयोग है। बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर लगभग 24 लाख से अधिक घरों में एक साथ एक ही समय में यज्ञीय आयोजन सम्पन्न हुआ। इस बार लक्ष्य से अधिक घरों में गायत्री यज्ञ हुए। उन्होंने बताया कि आयोजन के लिए देश भर के गायत्री परिवार के सदस्यों द्वारा विगत एक सप्ताह से घर-घर संपर्क किया गया था और सोशल मीडिया के माध्यम से भी जन-जन तक यह संदेश पहुंचाया था। देवसंस्कृति विश्व विद्यालय के कुलाधिपति श्रद्ेधय डॉ पण्ड्या ने बताया कि यज्ञ ही संसार चक्र की धुरी है। विश्व की प्रथम एवं श्रेष्ठतम संस्कृति के माता-पिता गायत्री और यज्ञ हैं। संस्था की अधिष्ठात्री श्रद्धेया शैलदीदी ने कहा कि सद्बुद्धि की अधिष्ठात्री माता गायत्री की इस सामूहिक आराधना से देशभर में शांति की स्थापना होगी और भारत को समर्थ, शक्तिशाली व पुनः विश्व गुरु बनने की दिशा में अग्रसर होगा। साथ ही यज्ञ से देश के चहुंमुखी विकास में दैवीय अनुग्रह प्राप्त होगा, ऐसा विश्वास है। आयोजन संयोजक श्री श्याम बिहारी दुबे ने बताया कि शांतिकंुज, हरिद्वार के निकटवर्ती क्षेत्रों सहित उत्तराखण्ड, मप्र, उप्र, बिहार, झारखण्ड, दिल्ली, गुजरात, महाराष्ट्र सहित देश भर के करीब 25 राज्यों में एक साथ एक ही समय में गायत्री यज्ञ का आयोजन हुआ। इसके लिए उच्च प्रशिक्षित स्वयंसेवक याजकों के घरों में पहुंचे और निःशुल्क यज्ञ सम्पन्न कराया। साथ ही आस्ट्रेलिया, कनाडा, अमेरिका, फीजी, न्यूजीलैण्ड, यूरोप के सभी देश के अलावा अनेक देशों में भी गायत्री परिवार के कार्यकर्त्ताओं ने यज्ञ सम्पन्न कराया।