जनपद भ्रमण पर पहुंचे अपर मुख्य सचिव आनंद वर्धन ने केदारनाथ धाम में दर्शन करने पहुंच रहे तीर्थ यात्रियों के लिए जिला प्रशासन एवं विभिन्न विभागों की ओर से की जा रही सुविधाओं एवं व्यवस्थाओं का जायजा लिया।
रिपोर्ट - अंजना भट्ट घिल्डियाल
रुद्रप्रयाग, 26 मई 2024 जनपद भ्रमण पर पहुंचे अपर मुख्य सचिव आनंद वर्धन ने केदारनाथ धाम में दर्शन करने पहुंच रहे तीर्थ यात्रियों के लिए जिला प्रशासन एवं विभिन्न विभागों की ओर से की जा रही सुविधाओं एवं व्यवस्थाओं का जायजा लिया। जनपद आगमन पर जिलाधिकारी सौरभ गहरवार एवं पुलिस अधीक्षक विशाखा भदाणे ने स्वागत किया। चारधाम यात्रा में आ रहे श्रद्धालुओं को सभी आवश्यक मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करायी जायें। जनपद भ्रमण पर पहुंचे अपर मुख्य सचिव ने केदारनाथ धाम में दर्शन करने पहुंच रहे श्रद्धालुओं के लिए जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन द्वारा श्रद्धालुओं के लिए उपलब्ध कराई जा रही सुविधाओं एवं व्यवस्थाओं का जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक के साथ बैठक कर जानकारी प्राप्त की। उन्होंने जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिये है कि चारधाम यात्रा पर भारी संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने आ रहे हैं, दर्शन करने पहुंच रहे तीर्थ यात्रियों को कोई असुविधा न हो उन्हें सभी आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जायें। मुख्यमंत्री द्वारा चारधाम यात्रा की नियमित समीक्षा की जा रही है, उन्होंने निर्देश दिये है कि सबसे पहले अधिक ध्यान सुरक्षित यात्रा पर दिया जाय। उन्होंने यह भी निर्देश दिये हैं कि केदारनाथ धाम के मुख्य पडाव सीतापुर, सोनप्रयाग आदि स्थानों पर पार्किंग फुल हो जाती है, तो यात्रियों को पहले ही सुरक्षित स्थानों पर रोका जाय, तथा उनके लिए ठहरने की उचित व्यवस्था की जाय। उन्होंने यह भी कहा कि यात्रा मार्ग से लेकर केदारनाथ धाम तक साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जाय, तथा तीर्थ यात्रियों को चिकित्सा सुविधा का भी विशेष ध्यान रखा जाए, उन्होंने यात्रा मार्ग एवं धाम में पेयजल एवं विद्युत आपूर्ति बाधित होने पर उसे त्वरित गति से सुचारु किया जाय। उन्होंने यात्रा मार्ग एवं यात्रा मार्ग प्रमुख पड़ाव पर सुगम एवं व्यवस्थित यात्रा करने के लिए बेहतर ट्रैफिक प्लान तैयार कर जिससे कि यातायात व्यवस्था को सुव्यवस्थित ढंग से संचालित किया जा सके। उन्होंने केदारनाथ यात्रा मार्ग में संचालित हो रहे घोड़े-खच्चरों के संबंध में भी जानकारी प्राप्त करते हुए कहा कि किसी भी घोड़े खच्चर के साथ कोई पशु कुरता न हो इसका विशेष ध्यान रखा जाय।