हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय की इंस्टीट्यूट इनोवेशन काउंसिल द्वारा स्कूल ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट में "डिजिटल टूल्स और प्लेटफॉर्म उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए बिजनेस मॉडल कैनवस" पर दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।
रिपोर्ट - अंजना भट्ट घिल्डियाल
हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय की इंस्टीट्यूट इनोवेशन काउंसिल द्वारा स्कूल ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट में "डिजिटल टूल्स और प्लेटफॉर्म उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए बिजनेस मॉडल कैनवस" पर दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। दो दिवसीय कार्यशाला का उद्घाटन मुख्य अतिथि राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, उत्तराखंड के प्रो॰ विवेक श्रीवास्तव तथा प्रो॰ एम॰ पी॰ थपलियाल डीन स्कूल ऑफ़ इंजीनियरिंग हे. न. ब. ग. वि.वि. के द्वारा किया गया। आई. आई. सी. अध्यक्ष डॉ. राम कुमार साहू ने कार्यक्रम की शुरुआत की और डिजिटल उद्यमिता में बिजनेस मॉडल कैनवास के महत्व पर जोर दिया। प्रो. एम.पी. थपलियाल ने पारंपरिक बिजनेस मॉडल पर डिजिटल प्लेटफॉर्म के परिवर्तनकारी प्रभाव पर प्रकाश डाला। मुख्य अतिथि प्रोफेसर विवेक श्रीवास्तव ने डिजिटल युग में बहुविशयी नवाचार और इंजीनियरिंग समाधानों पर अंतर्दृष्टि साझा की। छात्रों को अपना खुद का व्यवसाय और स्टार्ट-अप शुरू करने के लिए प्रोत्साहित करते हुए आम जीवन की समस्याओं की खोज करने और उनके लिए व्यवहार्य आर्थिक समाधान प्रदान करने पर जोर दिया। व्यवसाय मॉडल के निर्माण की यात्रा के दौरान उत्पन्न होने वाली समस्याओं और समाधानों का एक संपूर्ण विचार प्रदान किया। डॉ. वरुण बर्थवाल ने व्यवसाय अनुकूलन और विकास के लिए आईटी का लाभ उठाने पर ध्यान केंद्रित किया । डॉ. विनीत कुमार मौर्य ने आभार व्यक्त करते हुए उद्घाटन समारोह का समापन किया। आमंत्रित वक्ता डॉ॰ कोशल कुमार ने कैनवा टूल का डिजिटल उद्यमिता में उपयोग पर प्रतिभागियों का मार्गदर्शन किया। कार्यशाला के द्वितीय दिवस को प्रोफेसर शिव कुमार गुप्ता ने उद्यमिता के विभिन्न पहलुओं और पारंपरिक बिजनेस मॉडल पर डिजिटल टूल्स के परिवर्तनकारी प्रभाव पर एक व्यावहारिक प्रस्तुति दी। उत्तराखंड के सबसे युवा उद्यमी और ज़ेडिटल मीडिया प्राइवेट लिमिटेड के संस्थापक मोहम्मद ज़ैद खान ने अपनी उद्यमशीलता की यात्रा साझा की, जिसमें बिजनेस मॉडल कैनवस का लाभ उठाकर व्यवसाय बनाने और उसे बढ़ाने के बारे में व्यावहारिक जानकारी दी गई। उनकी कहानी ने प्रतिभागियों को प्रेरित किया और कार्यशाला की अवधारणाओं के व्यावहारिक अनुप्रयोगों का प्रदर्शन किया।