दुर्लभ भोजपत्र के पौधे लगाने के लिए चलाया विशेष अभियान।
रिपोर्ट - रामेश्वर गौर
विश्व पर्यावरण दिवस पर चमोली जिले में विशेष पौधारोपण अभियान चलाया गया। वन विभाग के तत्वाधान में और विकासखंड जोशीमठ के सहयोग से देश के प्रथम गांव माणा में दुर्लभ हिमालयी भोजपत्र के पौधे लगाकर लोगों को पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रेरित किया गया। भोजपत्र के वृक्ष को जितना पवित्र माना जाता है। उतना ही चमत्कारी औषधीय गुणों के लिए भी प्रसिद्ध है। इसकी छाल से कई प्राचीन ग्रंथो की रचना की गई है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के 21 अक्टूबर 2022 को माणा गांव में आयोजित सरस मेले के दौरान स्थानीय महिलाओं ने भोजपत्र पर तैयार एक अनूठी कलाकृति प्रधानमंत्री को भेंट की थी। प्रधानमंत्री ने भोजपत्र पर बनाए जा रहे स्मृति चिन्हों और कलाकृतियों का खासतौर पर जिक्र करते हुए इसे अभिनव पहल बताते हुए सराहना की और महिलाओं की आजीविका सर्वधन के लिए इस काम को आगे बढ़ाने की बात कही। जिला प्रशासन द्वारा जोशीमठ ब्लाक में एनआरएलएम समूह की महिलाओं को प्रशिक्षण देकर भोजपत्र पर बद्रीश आरती, श्लोक, भोजपत्र की माला, राखी और कई तरह के स्मृति चिन्ह एवं लिखित सौवेनिर तैयार कराए जा रहे है। इससे महिला समूहों को आर्थिक लाभ मिलने लगा है। जिला प्रशासन द्वारा भोजपत्र के संरक्षण और संवर्धन के लिए उच्च हिमालयी क्षेत्रों में भोजपत्र की नर्सरी तैयार करते हुए इसका पौधा रोपण किया जा रहा है। ताकि महिला समूहों को भोजपत्र की छाल मिलती रहे और यह भोजपत्र उनकी आजीविका का साधन बना रहे। विश्व पर्यावरण दिवस पर आज बद्रीनाथ धाम एवं माणा गांव के आसपास भोजपत्र, देवदार, कैल, खुमानी के 400 से भी अधिक पौधे लगाए गए।