जहां शासन, हो या प्रशासन हो चिल्ला चिल्ला कर हर बार स्वच्छ भारत का नारा देती रही हो उसका एक उदाहरण , तहसील मुख्यालय बसूकेदार के बाजार का ही लेलो जहा लगभग महीनो से कूड़ादान भरे पडे है |
रिपोर्ट - भानु भट्ट
रुद्रप्रयाग, जिले की तह्सील बसुकेदार में जहां शासन, हो या प्रशासन हो चिल्ला चिल्ला कर हर बार स्वच्छ भारत का नारा देती रही हो उसका एक उदाहरण , तहसील मुख्यालय बसूकेदार के बाजार का ही लेलो जहा लगभग महीनो से कूड़ादान भरे पडे है, ये इस बात को साबित करते है कि कूड़ा धान सफाई के लिऐ नहीं लगाए गए बल्की सरकारी पैसे का वारा न्यारा करने को लगाए गए है वो इस लिए कहा जा रहा कि प्रत्येक विकास खण्डों द्वारा हर गांव मे प्रधानों के सहयोग से कूड़ा धान लगाए गए ओर सप्ताह मे मुख्यालय से कूड़ा उठाने के लिऐ गाड़ी के साथ साथ कर्मचारी भी न्यूकत किए गए याने व्यवस्थाये पूरी कुछ समय तक सब ठीक चलता रहा याने सरकारी बजट पास, किन्तु कुछ दिन बाद सारी व्यवस्था ठप्प, अगर ये कहे कि सरकारी पैसे का वारा न्यारा तो कोई अति सयुक्तती नही, कहने को बाबा बसु केदार की नगरी है जहाँ भगवान भोले नाथ ने विश्राम किया था उस जगह को सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहियें वहाँ महीनों से गंदगी के अम्बार लगे हुये है जिससे भगवान बसु केदार के दर्शन करने वाले श्रधालुओ को भगवान की दर्शन करने से पहले गंदगी की दर्शन करने पड़ते हैं जबकि धाम यात्रा चरम पर है उस्के बावजूद प्रसाशन एवम सरकार का ध्यान इस् तीर्थ पर बिल्कुल नही हैं ।