खà¥à¤¶à¤¹à¤¾à¤²à¥€ का पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤• "हरेला परà¥à¤µ" à¤à¤• ओर जहाठमानव को à¤à¤• सूतà¥à¤° में बनà¥à¤§à¤¨à¥‡ की पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾ देता है वही यह परà¥à¤µ पà¥à¤°à¤¾à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• सनà¥à¤¤à¥à¤²à¤¨ बनाये रखने के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ जन जन को योगदान देने के हेतॠसंचेतना का संचार करता है।
रिपोर्ट - अंजना à¤à¤Ÿà¥à¤Ÿ घिलà¥à¤¡à¤¿à¤¯à¤¾à¤²
खà¥à¤¶à¤¹à¤¾à¤²à¥€ का पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤• "हरेला परà¥à¤µ" à¤à¤• ओर जहाठमानव को à¤à¤• सूतà¥à¤° में बनà¥à¤§à¤¨à¥‡ की पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾ देता है वही यह परà¥à¤µ पà¥à¤°à¤¾à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• सनà¥à¤¤à¥à¤²à¤¨ बनाये रखने के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ जन जन को योगदान देने के हेतॠसंचेतना का संचार करता है। इस अवसर पर विदà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ के पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤¾à¤šà¤¾à¤°à¥à¤¯ डॉ अजय शेखर बहà¥à¤—à¥à¤£à¤¾ ने बताया कि हरेला परà¥à¤µ के लिये नौ दिन पहले घरों में पूजा सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ में किसी जगह मिटà¥à¤Ÿà¥€ बिछाकर सात पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° के बीज जैसे- गेंहूं, जौ, मूंग, उड़द, à¤à¥à¤Ÿà¥à¤Ÿà¤¾, गहत, सरसों आदि बोते हैं और नौ दिनों तक उसमें जल आदि डालते हैं। बीज अंकà¥à¤°à¤¿à¤¤ हो बढ़ने लगते हैं। हर दिन सांकेतिक रूप से इनकी गà¥à¤¡à¤¼à¤¾à¤ˆ à¤à¥€ की जाती है और हरेले के दिन कटाई।पूजा ,नैवेदà¥à¤¯, आरती आदि का विधान à¤à¥€ होता है। कई तरह के पकवान बनते हैं। हरेला शबà¥à¤¦ की उतà¥à¤ªà¤¤à¥à¤¤à¤¿ हरियाली से हà¥à¤ˆ है। हरियाली जीवन और खà¥à¤¶à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤• होती है। इस दिन सà¥à¤¬à¤¹ से लोग अपने से छोटे लोगों को आशीरà¥à¤µà¤¾à¤¦ देते हैं। पूरा परिवार à¤à¤• होकर इस मौके पर दीरà¥à¤˜à¤¾à¤¯à¥, बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿à¤®à¤¾à¤¨ और शकà¥à¤¤à¤¿à¤®à¤¾à¤¨ होने का आशीरà¥à¤µà¤¾à¤¦ और शà¥à¤à¤•à¤¾à¤®à¤¨à¤¾ से ओतपà¥à¤°à¥‹à¤¤ लोकगीत गाया जाता है।“जी रया जागि रया आकाश जस उचà¥à¤š,धरती जस चाकव है जया सà¥à¤¯à¤¾à¤µà¥ˆ क जस बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿, सूरज जस तराण है जौ सिल पिसी à¤à¤¾à¤¤ खाया, जाà¤à¤ ि टेकि à¤à¥ˆà¤° जया दूब जस फैलि हरेले के इस पावन दिन में पंडित अपने यजमानों के घरों में पूजा अादि करते हैं अौर सà¤à¥€ लोगों के सर पर हरेले के तिनकों को रखकर आशीरà¥à¤µà¤¾à¤¦ देते हैं। लोग परिवार के उन लोगों को जो दूर गठहैं या रोजगार के कारण दूरसà¥à¤¥ हो गठहैं, उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ à¤à¥€ पतà¥à¤° दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ हरेला परà¥à¤µ का आशीष à¤à¥‡à¤œà¤¤à¥‡ हैं। आज इस अवसर पर सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ सतà¥à¤¯à¤®à¤¿à¤¤à¥à¤°à¤¾à¤¨à¤¨à¥à¤¦ गिरी रा ई का हरिपà¥à¤°à¤•à¤²à¤¾ में पौधारोपण कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® आयोजित किया गया । " à¤à¤• पौधा - मेरा पौधा" थीम के साथ पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤¾à¤šà¤¾à¤°à¥à¤¯ सहित करà¥à¤®à¤šà¤¾à¤°à¥€ व 'शिकà¥à¤·à¤•à¥‹à¤‚ ने अपना पौधा साथ लेकर विदयालय में आम, लीची और पपीता का पौधारोपण किया। पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤¾à¤šà¤¾à¤°à¥à¤¯ डॉ अजय शेखर बहà¥à¤—à¥à¤£à¤¾, राजपाल सिंह धमादा ,वृजेश कà¥à¤®à¤¾à¤° पोखरियाल,संजय कà¥à¤®à¤¾à¤°,विनोद सिंह सजवाण ,राजेनà¥à¤¦à¥à¤° सिह नेगी,नवीन कà¥à¤®à¤¾à¤° मौरà¥à¤¯,राम सिह शाह ,विकाश गौड और राम सिंह ने विदà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ परिसर में पौधारोपण कर जन मानस को à¤à¤•à¤¤à¤¾ का संदेश दिया ।