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14 जून 2024 को अपराह्न 03%00 बजे "सुशासन में आर०टी०आई० की प्रासंगिकता" विषय पर कार्यशाला का आयोजन


उत्तराखण्ड सचिवालय के वीर चन्द्र गढ़वाली सभागार में दिनांक 14 जून 2024 को अपराह्न 03%00 बजे "सुशासन में आर०टी०आई० की प्रासंगिकता" विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया जाना है।

रिपोर्ट  - अंजना भट्ट घिल्डियाल

उत्तराखण्ड सचिवालय के वीर चन्द्र गढ़वाली सभागार में दिनांक 14 जून 2024 को अपराह्न 03%00 बजे "सुशासन में आर०टी०आई० की प्रासंगिकता" विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया जाना है। उक्त कार्यशाला में उत्तराखण्ड सचिवालय के समस्त लोक सूचना अधिकारियों और विभागीय अपीलीय अधिकारियों के द्वारा प्रतिभाग किया गया। कार्यशाला में मा० राज्य सूचना आयुक्त योगेश भट्ट जी मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी द्वारा वक्तव्य दिया गया। कार्यशाला में सचिव समान्य प्रशासन दीपेन्द्र चौधरी, सचिव उत्तराखण्ड सूचना आयोग अरविन्द पांडेय, विधि अधिकारी सूचना आयोग सर्वेश गुप्ता कार्यशाला में प्रशिक्षण प्रदान किये जाने हेतु निदेशालय में कार्यरत डा० आनन्द भारद्वाज संयुक्त निदेशक भी उपस्थित हैं। मा0 राज्य सूचना आयुक्त श्री योगेश भट्ट द्वारा लोक सूचना अधिकारियों को सूचना का अधिकार अधिनियम को सकारात्मक रूप से लिये जाने] बोझ न समझे जाने बल्कि बोझ को व्यवस्थित करते हुए बोझ कम करने का माध्यम बनाये जाने पर जोर दिया गया। उनके द्वारा कहा गया कि सूचना का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत लोक सूचना अधिकारियों को व्यापक रूप से प्रशिक्षण दिये जाने तथा उन्हें जागरूक करने की आवश्यकता है। इस हेतु वरिष्ठ स्तर के अधिकारियों को लोक सूचना अधिकारी नामित करते हुए सूचना का अधिकार अधिनियम के क्रियान्वयन में मजबूती प्रदान करने की आवश्यकता है। सभी लोक प्राधिकारियों को चाहिए कि वे लोक सूचना अधिकारी की नियुक्ति में नजरिया बदलते हुए वरिष्ठ एवं भिज्ञ अधिकारियों को लोक सूचना अधिकारी के रूप में नामित करें तथा समय पर उनके व्यापक प्रशिक्षण की व्यवस्था सुनिश्चित करें ताकि सूचना का अधिकार अधिनियम का प्रभावी क्रियान्वयन हो सके। मा0 राज्य सूचना आयुक्त श्री योगेश भट्ट द्वारा अपने सम्बोधन में कहा गया कि विभागीय अपीलीय अधिकारियों को भी सूचना का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत अपने दायित्वों का भली-भांति निर्वहन करते हुए संवेदनशील होकर अपीलों का निस्तारण करना चाहिए तथा प्रथम अपीलों के निस्तारण में प्रकरण के तह तक जाकर उनका समाधान करने का भरसक प्रयास करना चाहिए। अधिकांश विभागीय अपीलीय अधिकारियों द्वारा मात्र निर्देश देकर प्रथम अपीलों का निस्तारण कर दिया जाता है, यदि वे बिन्दुवार परीक्षण करते हुए गहनतापूर्वक तह में जायें तो न केवल आवेदकों को सूचना की प्राप्ति होगी बल्कि कई हद तक उनकी समस्याओं का समाधान भी हो जायेगा, यही सूचना का अधिकार अधिनियम की मूल भावना है। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि उत्तराखण्ड सूचना आयोग द्वारा सचिवालय के विभिन्न विभागों के लोक सूचना अधिकारियों हेतु आरटीआई पर यह कार्यशाला आयोजित करना सराहनीय पहल है। आरटीआई की बेहतर जानकारी होने से लोक सूचना अधिकारी अपने उत्तरदायित्वों का निर्वहन अधिक कुशलता से कर पाएंगे। इससे अधिक से अधिक अपीलों का निस्तारण प्राथमिक स्तर पर ही हो जाएगा। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि जिला स्तर तथा विभागीय स्तर पर भी आरटीआई पर कार्यशालाओं को आयोजन किया जाना चाहिए। उन्होंने आयोग के कार्यों को अधिकाधिक ऑनलाइन करने की बात कही जिससे अधिकाधिक पारदर्शिता बढ़ेगी तथा दूरस्थ क्षेत्र के लोगों को सुविधा होगी। कार्यशाला में सूचना आयुक्त योगेश भट, सचिव दीपेन्द्र कुमार चौधरी सहित विभिन्न विभागों के लोक सूचना अधिकारी मौजूद रहे।

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