विश्व स्वैच्छिक रक्तदाता दिवस के अवसर पर रक्ताधान एवं रक्तकोष विभाग के तत्वावधान में स्वैच्छिक रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया।
रिपोर्ट - अंजना भट्ट घिल्डियाल
एम्स ऋषिकेश में विश्व स्वैच्छिक रक्तदाता दिवस के अवसर पर रक्ताधान एवं रक्तकोष विभाग के तत्वावधान में स्वैच्छिक रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। इस अवसर पर संस्थान की ओर से रक्तदान शिविरों का आयोजन कर आम जनमानस को रक्तदान महादान के प्रति जागरुक करने वाली संस्थाओं, व्यक्तियों तथा रक्तदाताओं को सम्मानित किया गया। एम्स ऋषिकेश के ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन (ब्लड बैंक) विभाग द्वारा विश्व रक्तदाता दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम का मुख्य अतिथि संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर (डॉ. ) मीनू सिंह ने विधिवत शुभारंभ किया। इस अवसर पर नाट्य रूपांतरण के माध्यम से मरीज को रक्त चढ़ाने की सम्पूर्ण प्रक्रिया एवं मरीज के लिए रक्त के आदान- प्रदान हेतु ब्लड पॉकेट को शुरू किया गया, जिससे कि मरीज को सुरक्षित रक्त उपलब्ध कराया जा सके । इसके साथ ही Blood ordering and transfusion services( BOTS ) को शीघ्र शुरू करने की बात कही गई। कार्यक्रम के उदघाटन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर (डॉ.) मीनू सिंह, चिकित्सा अधीक्षक प्रो. संजीव कुमार मित्तल, उपनिदेशक प्रशासन ले. कर्नल अमित पराशर, अधीक्षण अभियंता ले.कर्नल राजेश जुयाल, मुख्य नर्सिंग अधिकारी रीता शर्मा ने विशेषरूप से प्रतिभाग किया व रक्तदान शिविरों के आयोजकों व रक्तदाताओं को प्रोत्साहित किया। ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉ. गीता नेगी व विभाग के फैकल्टी सदस्य डॉ आशीष जैन ने बताया कि विभाग हर साल विश्व स्वैच्छिक रक्तदाता दिवस पर ऐसे महान स्वैच्छिक रक्तदाताओं को प्रोत्साहित करने के लिए सम्मान समारोह का आयोजन व अन्य जनजागरुकता गतिविधियों का आयोजन करता है। इसी क्रम में इस वर्ष 14 जून शुक्रवार को जनजागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, जिसके तहत आयोजित स्वैच्छिक रक्तदान शिविर में काफी संख्या में लोगों ने रक्तदान किया। इस अवसर पर उपस्थित नागरिकों, चिकित्सकों, नर्सिंग ऑफिसरों व स्टाफ सदस्यों ने नियमित रक्तदान महादान से जीवनदान का शपथ ली। इस अवसर पर विभाग की एचओडी प्रोफेसर (डॉ.) गीता नेगी और डॉ. आशीष जैन ने बताया कि जरुरतमंद की सहायता व अमूल्य जीवन के संरक्षण के लिए रक्तदान शिविरों का नियमिततौर पर आयोजन अति आवश्यक है। इससे न केवल रक्त की उपलब्धता रहती है, साथ ही जनमानस को किसी का जीवन बचाने की प्रेरणा भी मिलती है। उन्होंने बताया कि लोगों को रक्तदान के प्रति जागरुक करने के लिए एम्स रक्तकोष विभाग की ओर से ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों का ब्लड ग्रुप जांच कराई गई है। विदित हो कि 14 जून को प्रत्येक वर्ष कार्ल लैंडस्टीनर की जयंती विश्व रक्तदाता दिवस के रूप में मनाई जाती है। सर्वप्रथम विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की पहल पर 14 जून 2004 को विश्व रक्तदाता दिवस मनाए जाने की घोषणा की गई थी। तब से हर साल यह दिन रक्तदाताओं का धन्यवाद ज्ञापित रने और स्वैच्छिक रक्तदान के प्रति जनजागरूकता के लिए यह दिवस मनाया जाता है।