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गंगा की शुद्धता का दावा करने वाली हजारों संस्थाएं मौन के कारण गंगा को प्रदूषित करने में सहयोग कà


आज मां गंगा के नाम पर हजारों संस्थाएं पल रही हैं जो मां गंगा सफाई के नाम पर प्रदूषण के नाम पर मां गंगा की आरती के नाम पर पूजा के नाम पर और ना जाने किस-किस के नाम पर लोग मां गंगा का नाम लेकर करोड़ों अंदर कर रहे हैं ।

रिपोर्ट  - 

आज मां गंगा के नाम पर हजारों संस्थाएं पल रही हैं जो मां गंगा सफाई के नाम पर प्रदूषण के नाम पर मां गंगा की आरती के नाम पर पूजा के नाम पर और ना जाने किस-किस के नाम पर लोग मां गंगा का नाम लेकर करोड़ों अंदर कर रहे हैं लेकिन आज माँ गंगा को शुद्ध, अविरल, निर्मल करने की बात आती है तो यही लोग दूसरे राज्य के त्योहार गणपति महोत्सव को मानने लगते हैं और जिस माँ गंगा के नाम पर खा रहे हैं उसी मां गंगा में जहरीली मूर्तियों का विसर्जन कर गंगा को प्रदूषित कर रहे हैं व गंगा जल को शुद्ध करने वाले जीवो की हत्या भी कर रहे हैं लेकिन गंगा पर काम करने वाली एक भी संस्था व गंगा के नाम पर दान लेने वाला एक भी व्यक्ति इन जहरीली मूर्तियों का विरोध करने को तैयार नहीं है । बल्कि यह स्वयं भी महाराष्ट्र के इस त्यौहार को मनाने के लिए ललाहित है लेकिन किसी को मां गंगा की चिंता नहीं है गंगा पर काम करने वाली कोई समिति कोई संस्था या एनजीओ यह सब मां गंगा के नाम पर खा तो रहे हैं लेकिन मां गंगा के बारे में कोई सोचने को तैयार नहीं है कि इतनी बड़ी संख्या में जब मूर्तियां गंगा जी में विसर्जित की जाएंगी तो क्या मां गंगा प्रदूषित नहीं होगी..? क्या लाखों-करोड़ों जल को शुद्ध करने वाले जीवो की हत्या नहीं होगी ..? अगर यह संस्था इसका विरोध नहीं करती हैं तो इन्हें मां गंगा के नाम पर पैसे लेने का कोई अधिकार नहीं है. क्योंकि यहां की सरकार न देख रही हो लेकिन मां गंगा सब देख रही है 1 दिन इन्हें भी वहां जवाब अवश्य देना होगा अगर यह संस्थाएं या फिर हम चुप रहे तो वह दिन दूर नहीं है जब मां गंगा नहीं रहेंगी और जब गंगा ना रही तो क्या पेड़ पौधे रहेंगे जिनसे हमें ऑक्सीजन मिलता है ..? या हम जीवित रहेंगे..? यह एक सोचने का विषय है ..? अगर हम जल्द ही नहीं जागे तो बहुत देर हो जाएगी.।

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