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स्कूली बच्चों ने सीखें कचरा प्रबंधन एवं जैविक खाद निर्माण के गुरु


ऊँ आरोग्यम योग मंदिर एवं एवं नगर निगम, हरिद्वार के संयुक्त तत्चाधान में म्युनिसिपल इण्टर कालेज, ज्वालापुर के बच्चों एवं शिक्षकांे को कचरा निस्तारण एवं जैविक खाद निर्माण की जानकारी देने हेतु एक 3 दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।

रिपोर्ट  - 

हरिद्वार, ऊँ आरोग्यम योग मंदिर एवं एवं नगर निगम, हरिद्वार के संयुक्त तत्चाधान में म्युनिसिपल इण्टर कालेज, ज्वालापुर के बच्चों एवं शिक्षकांे को कचरा निस्तारण एवं जैविक खाद निर्माण की जानकारी देने हेतु एक 3 दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। योगी रजनीश ने कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए कहा कि कचरे हेतु जागृत करने की हरिद्वार नगर निगम की यह एक सराहनीय पहल है कि उन्होनें कचरे की समस्या को जाना एवं उसके निस्तारण एवं पृथकीकरण कर जैविक खाद बनाने की मुहिम प्रारम्भ की है। जिसके तहत ऊँ आरोग्यम योग मंदिर का यह उद्देश्य है कि इस मुहिम को घर-घर पहुंचाकर प्रत्येक व्यक्ति को जागरुक किया जा सके। जिसकी शुरुआत आज स्कूली बच्चों के साथ की गयी है। आगे उन्होंने कहा कि कचरा आज विश्व की एक विकट समस्या बन चुका है, जिसके निस्तारण हेतु हम सभी को जागरुक होने कि आवश्यकता है। यदि हमने इसके निस्तारण हेतु कोई ठोस कदम नहीं उठाये तो हमें इसके भंयकर परिणाम स्वरूप श्वास रोग, चर्म रोग आदि भयंकर रोगों के होने की सम्भावना के साथ दूषित पर्यावरण में रहने के लिए विवश होना पडे़गा। इसलिए यदि हम सभी मिलकर प्रयास करें तो इस समस्या से सहज ही छुटकारा पाया जा सकता है तथा एक सुन्दर एवं स्वस्थ वातावरण का निर्माण किया जा सकता है। साथ ही योगी रजनीश ने सभी बच्चो को पर्यावरण मित्र बनकर पर्यावरण की रक्षा करने के लिए प्रेरित किया। पर्यावरण मित्र अर्चना शर्मा ने बताया कि सबसे पहले हमें अपने घर के कचरे को समझना होगा तथा साथ ही इसके उचित प्रबंधन के लिए प्रत्येक व्यक्ति को प्रभावी कदम उठाने होंगे। इसके लिए पहले घरों में प्रतिदिन उत्पन्न होने वाले सूखे एवं गीले कचरे को अलग-अलग किया जाये तथा सूखे कूडे़ का अलग निस्तारण कर गीले कचरे का प्रयोग जैविक खाद बनाने में किया जाए। गीले कचरे की जानकारी देते हुए बताया कि फल-सब्जी के छिलके, चाय पत्ती इत्यादि गीले कचरे में आते हैं। आगे उन्होंने बताया कि यदि हम ध्यान दे तो हमें पता चलेगा कि गीला कचरा ही सडकर अनेक जीवाणुओ को उत्पन करता है जिससे बदबू के साथ-साथ अनेक बीमारियां भी फैलती है। अतः गीले कचरे को बाहर न फेंककर एक सरल विधि से घर पर ही मिट्टी के घडे़ एवं गमले में कम्पोस्ट खाद का निर्माण किया जाए जिससे यह रसायन मुक्त खाद पौधो में प्रयोग कर पर्यावरण को प्रदूषण मुक्त करने में सभी सहजता से अपनी भागीदारी दे सकते हैं। इसके माध्यम से हम सभी मिलकर नगर निगम हरिद्वार के सुंदर एवं स्वच्छ हरिद्वार के सपने को साकार कर सकते है। कार्यक्रम के विषय मे जानकारी देते हुए सोनम ने बताया कि यह कार्यशाला तीन दिनों तक चलेगी जिसमें संस्था के विशेषज्ञों द्वारा छात्र, छात्राओं एवं शिक्षको को कूड़े के पृथिकरण व प्रबंधन की उचित जानकारी देने के साथ ही घरों से निकलने वाले जैविक कूड़े से कॉम्पोस्ट खाद बनाने की विधि सिखाई जायेगी। कार्यशाला में प्रधानाचार्य जगदीश प्रसाद के साथ समस्त स्टाफ उपस्थित रहा।

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