एम्स, ऋषिकेश के यूरोलॉजी विभाग के तत्वावधान में शनिवार को यूरोलॉजिकल कैंसर विषय पर जनजागरुकता के उद्देश्य से क्लोज द केयर गैप कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
रिपोर्ट - अंजना भट्ट घिल्डियाल
एम्स, ऋषिकेश के यूरोलॉजी विभाग के तत्वावधान में शनिवार को यूरोलॉजिकल कैंसर विषय पर जनजागरुकता के उद्देश्य से क्लोज द केयर गैप कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि सूबे के राज्यपाल ले. जनरल गुरमीत सिंह ने कहा कि मनुष्य में बढ़ रही कैंसर से जुड़ी विभिन्न बीमारियां मानव जीवन के लिए खतरा है और चिकित्सकों को चाहिए कि वह इस चुनौती के लिए आम जनमानस को भी शिक्षित करें। कार्यक्रम के दौरान राज्यपाल ने यूरोलॉजी विभाग द्वारा यूरोलॉजिकल कैंसर के प्रति जनसामान्य को जागरुक करने के लिए हिंदी व अंग्रेजी में लिखी पुस्तक का विमोचन व हेल्पलाईन नंबर भी जारी किया गया। शनिवार को संस्थान के मुख्य सभागार में यूरोलॉजिकल कैंसर विषय पर आधारित कार्यक्रम का मुख्य अतिथि राज्यपाल ले. जनरल गुरमीत सिंह व एम्स की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर डॉ. मीनू सिंह ने विधिवत शुभारंभ किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि ने कहा कि उत्तराखंड में उच्च हिमालयी क्षेत्रों का वातावरण तथा पहाड़ के पानी की वजह से राज्य में मूत्र रोग से संबंधित कैंसर के रोगी ज्यादा हैं और कैंसर से जुड़ी यह बीमारियां आधुनिक चिकित्सा पद्धति के सम्मुख एक चुनौती के रूप में है। इस प्रकार की घातक बीमारियों का निदान तभी संभव होगा जब प्रत्येक व्यक्ति इन बीमारियों के लक्षण व समय पर अस्पताल जाकर उपचार कराने के लिए जागरुक होगा। राज्यपाल ने चिकित्सकों सहित समाज की विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं से आह्वान किया कि यूरोलॉजिकल कैंसर जागरुकता को लेकर वह सामुहिक रूप से वृहद मुहिम शुरू करें। उन्होंने कहा कि बीमारी से बचाव ही सबसे अच्छा इलाज है, लिहाजा हमें कैंसर जैसी बीमारियों के प्रति जागरुक होना होगा। संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रो. मीनू सिंह ने लोगों से आह्वान किया कि वह अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरुक रहें और नियमिततौर पर अपना स्वास्थ्य परीक्षण कराते रहें। किसी भी तरह की बीमारी के लक्षण नजर आने पर शीघ्रता से विशेषज्ञ चिकित्सक से परामर्श लें। उन्होंने बताया कि मूत्र रोग से संबंधित समस्याओं को बताने में लोग अक्सर संकोच करते हैं, इससे बीमारी और ज्यादा बढ़ती है लिहाजा हमें बीमारियों को लेकर संकोच को छोड़ना होगा तभी हम स्वस्थ रह सकते हैं। कार्यक्रम के आयोजन सचिव व यूरोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. अंकुर मित्तल ने यूरोलॉजिकल कैंसर के लक्षणों, इलाज व सावधानियों को लेकर लोगों को जागरुक किया। उन्होंने बताया कि विभाग इस बीमारी के जड़मूल के लिए सततरूप से कार्य कररहा है और अब तक विभाग में मूत्र रोग से जुड़े 500 से अधिक रोबोटिक सर्जरी सफलतापूर्वक किए जा चुके हैं।