पौधारोपण से ज्यादा जरूरी पौधों का संरक्षण है। हमारी जवाबदारी सिर्फ पौधे लगाने तक नहीं होनी चाहिए। उन्हें पेड़ बनाना भी आवश्यक है।
रिपोर्ट - आल न्यूज़ भारत
पौधारोपण से ज्यादा जरूरी पौधों का संरक्षण है। हमारी जवाबदारी सिर्फ पौधे लगाने तक नहीं होनी चाहिए। उन्हें पेड़ बनाना भी आवश्यक है। पौधारोपण, जैसे कि पर्यावरण दिवस या हरेला पर्व जैसे अवसरों पर एक महत्वपूर्ण कदम है, जो हमें पृथ्वी के प्राकृतिक संतुलन को बचाने में मदद करता है। लेकिन इसके अलावा, एक और महत्वपूर्ण मुद्दा है जिस पर हमें ध्यान देना चाहिए - पौधों का संरक्षण। हमारा उद्देश्य न केवल नए पौधे लगाना होना चाहिए, बल्कि इनके संरक्षण पर भी ध्यान केंद्रित होना चाहिए। पूरे प्रदेश में, हम देखते हैं कि बड़े-बड़े अधिकारी और नेता विभिन्न अवसरों पर लाखों पौधे रोपते हैं। यह एक प्रशंसनीय कदम है, लेकिन सच्चाई यह है कि इन पौधों का संरक्षण कितने लोग करते हैं। कई बार, बारिशों में या अन्य प्राकृतिक आपदाओं में, ये पौधे अनपढ़ रह जाते हैं या उनकी देखभाल ठीक से नहीं होती है। आधुनिक युग में पौधारोपण केवल फोटो खींचवाकर उसे सोशल मीडिया पर शेयर करने के लिये किया जाता है। आजकल सोशल मीडिया पर फोटोग्राफी का प्रचलन बढ़ता जा रहा है, फोटोग्राफी के द्वारा अगर हम सिर्फ तस्वीरें खींचते हैं और सोशल मीडिया पर उन्हें शेयर करते हैं तो क्या हम उनके संवाद को नजरअंदाज कर रहे हैं? फोटोग्राफी का असली मकसद क्या है? क्या यह सिर्फ दृश्य को कैप्चर करने के लिए है या फिर वहाँ के पौधों से हमारा संवाद बढ़ाने के लिए? सोशल मीडिया पर पौधों की तस्वीरें शेयर करने से क्या हम प्राकृतिक जीवन के महत्व को उचाईयों पर ले जा रहे हैं, या बस एक फैशन ट्रेंड का हिस्सा बन रहे हैं? पौधों के साथ रोजमर्रा की जिंदगी में कैसे एक सहयोगी तालमेल बना सकते हैं और उनके बारे में अधिक सीख सकते हैं?