रुद्रप्रयाग के विकासखंड अगस्त मुनि के ग्राम कंडारा की भक्तोली धार नामक स्थान पर चट्टान पर कुछ ऐसी आपरूपी निकाशिया देखने को मिल रही है। जिससे क्षेत्र के लोगो का मानना है कि ये आकृतिया भगवान शकर, गणेश , कार्तीके, मां पार्वती, की है। वही ये भी कहा जा रहा है।
रिपोर्ट - भानु भट्ट
. जनपद रुद्रप्रयाग के विकासखंड अगस्त मुनि के ग्राम कंडारा की भक्तोली धार नामक स्थान पर चट्टान पर कुछ ऐसी आपरूपी निकाशिया देखने को मिल रही है। जिससे क्षेत्र के लोगो का मानना है कि ये आकृतिया भगवान शकर, गणेश , कार्तीके, मां पार्वती, की है। वही ये भी कहा जा रहा है। कि इसके ठीक ऊपर मां राजराजेश्वरी का आधिकालीन मंदिर है, ठीक सामने पवन पुत्र हनुमान, जी बिराज मान है, तो निश्चित है। कि भगवान भोले ने इस स्थान पर स्वयंभू के रुप मे दर्शन दिए है, ये देव भूमि है। यहा कुछ भी असंभव नहीं है। वही हनुमान मंदिर मे लगभग कही समय से रह रहे बाबा से इस बात की परताल की गई तो उनका कहना है, कि इस स्थान से भगवान केदारपुरी के सीधे दर्शन हुआ करते है, व लोगो द्वारा रोज जलाभिषेक किया जाता है, एक रोज यहा से कुछ आवाज आई तो लोगो ने यहा की माटी साफ कर दी जिसके बाद ये सब दिखने लगा। वही कुछ लोगों का मानना है, कि देव भूमि के हर पथर में भगवान का बास है।