देश के 78वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर पतंजलि योगपीठ व पतंजलि विश्वविद्यालय के अध्यक्ष स्वामी रामदेव तथा पतंजलि विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य बालकृष्ण ने ध्वजारोहण कर सभी देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएँ दी।
रिपोर्ट - आल न्यूज़ भारत
हरिद्वार, 15 अगस्त। देश के 78वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर पतंजलि योगपीठ व पतंजलि विश्वविद्यालय के अध्यक्ष स्वामी रामदेव तथा पतंजलि विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य बालकृष्ण ने ध्वजारोहण कर सभी देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएँ दी। ध्वजारोहण के पश्चात राष्ट्रगीत वंदे मातरम् से सम्पूर्ण वातावरण राष्ट्रप्रेम के रंग में रंगा नजर आया। कार्यक्रम में स्वामी रामदेव जी ने कहा कि भारत की आजादी के लिए भारत के पाँच लाख से ज्यादा वीर-वीरांगनाओं व ऋषि-ऋषिकाओं ने बलिदान दिया। हमने आजादी के 78वें स्वाधीनता दिवस पर यह संकल्प लिया है कि इस देश में राजनैतिक आजादी के साथ-साथ शिक्षा, चिकित्सा, आर्थिक, सांस्कृतिक व वैचारिक आजादी एवं रोग व नशा, वासनाओं से इस देश को आजादी दिलाएँगे। इन 5 प्रकार की आजादी के अभियान को मुखर रूप से देश में बढ़ाएँगे और भारत को स्वस्थ, समृद्ध और संस्कारवान और परम वैभवशाली बनाने के लिए पतंजलि की ओर से एक बड़ी भूमिका निभाएँगे। उन्होंने कहा कि मैकाले की शिक्षा पद्धति के कारण पढ़े-लिखे बेरोजगार लोगों की फौज तैयार हो रही है जो भविष्य में सामाजिक विद्रोह का कारण बन सकती है। हम पतंजलि गुरुकुलम्, आचार्यकुलम्, पतंजलि विश्वविद्यालय और भारतीय शिक्षा बोर्ड के माध्यम से ऐसी संस्कारमूलक शिक्षा के बीज इस देश में बोएँगे जिससे देश की नई पीढ़ी को शिक्षा की स्वाधीनता मिले। उन्होंने कहा कि एलोपैथी की जहरीली दवा खाकर करोड़ों लोगों की मौत हर साल हो रही है। पतंजलि वेलनेस, योगग्राम, निरामयम् आदि चिकित्सा की आजादी का आंदोलन है। स्वामी जी ने कहा कि बांग्लादेश, श्रीलंका, मीडिल ईस्ट, पाकिस्तान व अफगानिस्तान में जो कुछ हुआ, इसमें वैश्विक ताकतें षड्यंत्र करती रही हैं और आगे भी करती रहेंगी। भारत में ऐसा न हो इसका एक ही समाधान है कि भारत की एकता, अखण्डता और सम्प्रभुता को हम बनाकर रखा जाए। भारत को इतना शक्तिशाली बना दें कि भारत के पड़ोसी देश कोई षड्यंत्र न कर सकें। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिन्दुओं, उनके व्यवसायिक प्रतिष्ठनों तथा मंदिरों पर जो हमले हो रहे हैं, वहाँ की सरकार उन्हें तुरंत रोके अन्यथा हम राजनैतिक, कूटनीतिक और वैश्विक दृष्टि से इतने सक्षम हैं कि हमारे निर्दोष हिन्दुओं पर यह अत्याचार नहीं रूका तो इसका अंजाम बहुत बुरा होगा। वहाँ कि नफरत फैलाने वाली, मजहबी उन्माद में डूबी ताकतें हैं उन्हें सबक लेना चाहिए, नहीं तो उनका भी समूल नाश होगा।