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अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरी, महामंत्री श्रीमहंत हरिगि


निर्मला छावनी स्थित बेंकट हाॅल में आयोजित सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि भारतीय संस्कृति व सनातन परंपराओं के संरक्षण तथा संवर्द्धन में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरी व महामंत्री हरिगिरी का उल्लेखनीय योगदान है। श्रीमहंत नरेंद्र गिरी तथा श्रीमहंत हरिगिरी के नेतृत्व में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद द्वारा लिए महत्वपूर्ण निर्णयों से अखाड़ा परिषद की गरिमा बढ़ी है।

रिपोर्ट  - 

हरिद्वार, 31 अगस्त। श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल के 157वें स्थापना दिवस के अवसर पर अखाड़े की ओर से सम्मान समारोह का आयोजन कर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरी, महामंत्री श्रीमहंत हरिगिरी को फूलमालाए पहनाकर व शाॅल ओढ़ाकर तथा सम्मान पत्र भेंटकर सम्मानित किया गया। निर्मला छावनी स्थित बेंकट हाॅल में आयोजित सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि भारतीय संस्कृति व सनातन परंपराओं के संरक्षण तथा संवर्द्धन में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरी व महामंत्री हरिगिरी का उल्लेखनीय योगदान है। श्रीमहंत नरेंद्र गिरी तथा श्रीमहंत हरिगिरी के नेतृत्व में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद द्वारा लिए महत्वपूर्ण निर्णयों से अखाड़ा परिषद की गरिमा बढ़ी है। उन्होंने कहा कि श्रीमहंत नरेंद्र गिरी तथा श्रीमहंत हरिगिरी के नेतृत्व में 2021 में हरिद्वार में होने वाले महाकुंभ को बेहद भव्य पूर्ण तरीके से संपन्न कराया जाएगा। हरिद्वार में होने वाला महाकुंभ देश दुनिया को एक संदेश देगा। जिसे लंबे समय तक याद रखा जाएगा। श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल के अध्यक्ष श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह महाराज ने कहा कि श्रीमहंत नरेंद्र गिरी तथा श्रीमहंत हरिगिरी के नेतृत्व में अखाड़ा परिषद को नई पहचान मिली है। निर्मल अखाड़े पर आए संकट के दौरान श्रीमहंत नरेंद्र गिरी व श्रीमहंत हरिगिरी के नेतृत्व में सभी अखाड़ों व आश्रमों के संतों की एकजुटता के सामने असामाजिक तत्वों को भागना पड़ा। निर्मल अखाड़ा अपने सामाजिक दायित्वों को वर्षो से निभाता चला आ रहा है। कई समाज सेवा प्रकल्प अखाड़े के माध्यम से चलाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि श्रीमहंत नरेंद्र गिरी व श्रीमहंत हरिगिरी के नेतृत्व में प्रयागराज में ऐतिहासिक रूप से संपन्न हुए दिव्य कुंभ के बाद अब हरिद्वार में 2021 में होने वाला महाकुंभ भी अद्भुत व भव्य रूप से संपन्न होगा। कोठारी महंत जसविन्द्र सिंह महाराज ने कहा कि राष्ट्र निर्माण में संतों की अहम भूमिका है। अखाड़ा परिषद अध्यक्ष के रूप में श्रीमहंत नरेंद्र गिरी और महामंत्री के रूप में श्रीमहंत हरिगिरी महाराज ने सदैव संत समाज का मार्गदर्शन कर समाज कल्याण में अपना अतुल्य योगदान प्रदान किया है। युवा संतों को इनसे प्रेरणा लेनी चाहिए। म.म.स्वामी कैलाशानंद ब्रह्मचारी महाराज ने कहा कि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरी व महामंत्री श्रीमहंत हरिगिरी संत समाज का गौरव हैं। श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल द्वारा संत समाज की दोनों विभूतियों को सम्मान देना एक सराहनीय पहल है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री श्रीमहंत हरिगिरी महाराज ने कहा कि भारतीय सनातन परम्परा में श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल का महत्वपूर्ण स्थान है और श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह महाराज के बिना निर्मल अखाड़ा अधूरा है। उन्होंने कहा कि आपसी मतभेद भुलाकर संत समाज संगठित होकर राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान देता चला आ रहा है। विश्व की ऐतिहासिक धरोहर महाकुंभ मेले को सफल बनाने में सभी तेरह अखाड़ों की निर्णायक भूमिका होगी। धर्मनगरी में होने वाला महाकुंभ मेला अद्भुत होगा। सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरी महाराज ने कहा कि श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल के अध्यक्ष श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह महाराज विद्वान संत हैं। उनके नेतृत्व में अखाड़े ने धर्म सेवा के क्षेत्र में हमेशा अतुलनीय योगदान किया है। उन्होंने कहा कि श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल पर आए संकट के समय अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के नेतृत्व में संतो ने अग्रणीय भूमिका निभाते हुए असामाजिक तत्वों को कामयाब नहीं होने दिया। आगे भी यदि किसी भी अखाड़े, मठ, मंदिर या किसी संत पर कोई संकट आता है तो अखाड़ा परिषद पूरी मदद करेगा। किसी भी अखाड़े की संपत्ति को खुर्दबुर्द नहीं होने दिया जाएगा। संतों को पूरी सुरक्षा दी जाएगी। उन्होंने कहा कि 2021 में हरिद्वार में होने वाला महाकुंभ प्रयागराज से भी अधिक भव्य तरीके से संपन्न होगा। हरिद्वार महाकुंभ पूरी दुनिया को आकर्षित करेगा। राज्य की त्रिवेंद्र सरकार महाकुंभ मेले की तैयारियों को लेकर कार्ययोजनाएं बना रही है। निश्चित रूप से सरकार बेहतर व्यवस्थाएं लागू करेगी। कार्यक्रम का संचालन म.म.स्वामी हरिचेतनानन्द ने किया। श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल के कोठारी महंत जसविन्द्र सिंह महाराज ने कार्यक्रम में उपस्थित हुए सभी संत महापुरूषों व गणमान्य लोगों का आभार व्यक्त किया। मुखिया महंत कमलजीत सिंह, महंत सतनाम सिंह, महंत गरूभक्त सिंह, महंत अमनदीप सिंह, महंत प्यारा सिंह, महंत रोहित सिंह, महंत अजैब सिंह, महंत प्रताप सिंह, संत सुखमन सिंह, संत जसकरन सिंह, संत कलविन्द्र सिंह, संत गुरजीत सिंह, मुंशी विष्णु तिवारी, संत झन्डा सिंह ने सभी संतों को शाॅल ओढ़ाकर व सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम में पधारे सभी संत महापुरूषों का अतुल शर्मा, पार्षद सुनील गुड्डु, नीरव साहू, अनिरूद्ध भाटी, अजय कुमार कुमार, संजय वर्मा, अनिल खुराना, पार्षद विनीत जौली, समाजसेवी जगदीशलाल पाहवा, विहिप नेता नितिन गौतम, संजय चोपड़ा आदि ने फूलमालाएं पहनाकर स्वागत किया। इस दौरान कुंभ मेला अधिकारी दीपक रावत, एसएसपी जनमेजय खण्डूरी, जिला अधिकारी दीपेंद्र चैधरी, अपर मेला अधिकारी हरवीर सिंह, गंगा सभा के महामंत्री तन्मय वशिष्ठ सहित मौजद रहे सभी संतों को भी सम्मान पत्र भेंटकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर श्रीमहंत विनोद गिरी महाराज, म.म.स्वामी प्रबोधानन्द गिरी, श्रीमहंत रामरतन गिरी, पूर्व पालिका अध्यक्ष सतपाल ब्रह्मचारी, जयराम आश्रम के परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी, म.म.रामेश्वरानन्द सरस्वती, महंत दिनेश दास, श्रीमहंत ललितानन्द गिरी, महंत रविन्द्रपुरी, मुखिया महंत भगतराम, महंत प्रेमदास, महंत डोगरी गिरी, महंत विष्णुदास, महंत रघुवीर सिंह, स्वामी राजेंद्रानन्द, महंत दुर्गादास आदि सहित बड़ी संख्या में संत महापुरूष मौजूद रहे।

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