स्वास्थ्य विभाग द्वारा राष्ट्रीय अंधता निवारण कार्यक्रम के अंतर्गत जनपद में 39 वां राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाड़ा 25 अगस्त से 8 सितंबर तक मनाया जाएगा। अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी/जिला कार्यक्रम अधिकारी डॉ0 रमेश कुंवर ने कहा कि नेत्रदान श्रेष्ठ दान है, जो कि नेत्रहीन के लिए किसी वरदान से कम नहीं है।
रिपोर्ट - अंजना भट्ट घिल्डियाल
पौड़ी/25 अगस्त, 2024; स्वास्थ्य विभाग द्वारा राष्ट्रीय अंधता निवारण कार्यक्रम के अंतर्गत जनपद में 39 वां राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाड़ा 25 अगस्त से 8 सितंबर तक मनाया जाएगा। अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी/जिला कार्यक्रम अधिकारी डॉ0 रमेश कुंवर ने कहा कि नेत्रदान श्रेष्ठ दान है, जो कि नेत्रहीन के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ0 रमेश कुंवर ने बताया कि 25 अगस्त से 8 सितंबर, 2024 तक चलने वाले नेत्रदान पखवाड़े के दौरान जनपद में समस्त चिकित्सा इकाइयों के माध्यम से नेत्रदान हेतु विभिन्न जन जागरूकता गतिविधियां आयोजित की जाएगी। जनपद में कार्यरत आशा कार्यकत्री, एएनएम, सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी व प्रभारी चिकित्सा अधिकारियों द्वारा ब्लॉक स्तर पर ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर नेत्र दान हेतु जन जागरूकता अभियान चलाकर आमजन को नेत्रदान हेतु प्रेरित कर नेत्र दान की शपथ दिलाई जाएगी। अंधता निवारण कार्यक्रम के अंतर्गत जनपद के समस्त विद्यालयों में छात्र छात्राओं का नेत्र परीक्षण कर जिन बच्चों के आंखों की रोशनी कम होती है उन्हें राजकीय चिकित्सा इकाई में जांच उपरांत नि:शुल्क चश्मे वितरित किए जाते हैं। गौरतलब है कि उत्तराखंड में नेत्र बैंक की सुविधा हिमालयन हॉस्पिटल जॉली ग्रांट देहरादून, सुशीला तिवारी मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी व एम्स ऋषिकेश में उपलब्ध है। नेत्रदान हेतु मृत्यु के 6 घंटे के भीतर आंखे निकालनी होती हैं इसलिए परिजन अपने समीप स्थित नेत्र बैंक या नेत्र दान केंद्र में संपर्क कर सकते हैं। नेत्र दान से 2 अंधे व्यक्तियों की आंखों को रोशनी दी जा सकती है। किसी भी उम्र का कोई भी व्यक्ति मृत्यु के बाद नेत्रदान कर सकता है यदि कोई व्यक्ति चश्मा पहनता हो मोतियाबिंद रोगी हो या उसकी आंख का सफल ऑपरेशन हो चुका हो वह भी नेत्रदान कर सकता है यदि उसका कार्निया साफ और स्वस्थ है।