परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी जयपुर, राजस्थान की दो दिवसीय यात्रा पर हंै। जयपुर में शिक्षक दिवस के अवसर पर उन्होंने भिन्न भिन्न विद्यालयों में आयोजित कार्यक्रमों में सहभाग कर शिक्षकों और विद्यार्थियों को सम्बोधित किया।
रिपोर्ट - आल न्यूज़ भारत
ऋषिकेश, 6 सितंबर। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी जयपुर, राजस्थान की दो दिवसीय यात्रा पर हंै। जयपुर में शिक्षक दिवस के अवसर पर उन्होंने भिन्न भिन्न विद्यालयों में आयोजित कार्यक्रमों में सहभाग कर शिक्षकों और विद्यार्थियों को सम्बोधित किया। स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी और साध्वी भगवती सरस्वती जी को शिक्षक दिवस के अवसर पर माहेश्वरी समाज (सोसायटी), जयपुर की शिक्षा समिति द्वारा आयोजित समारोह में विशेष रूप से आमंत्रित किया। स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने शिक्षा के क्षेत्र में नारियों के योगदान पर चर्चा करते हुये कहा कि नारियों का शिक्षक के रूप में योगदान न केवल शिक्षा के क्षेत्र में बल्कि समाज के निर्माण में भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। वे अपने धैर्य, सहनशीलता और समझदारी से बच्चों को न केवल शैक्षिक ज्ञान देती है, बल्कि उन्हें नैतिक और सांस्कृतिक मूल्यों से भी परिचित कराती है। स्वामी जी ने कहा कि हमें बच्चों को केवल पाठ्यक्रम तक सीमित नहीं रखना है बल्कि उन्हें जीवन के विभिन्न पहलुओं से भी परिचित कराना तथा समाज के प्रति जिम्मेदार नागरिक बनने के लिए प्रेरित करना होगा ताकि वे समाज की नींव को मजबूत कर सके। स्वामी जी ने कहा कि नारियों को अपने कार्यस्थलों पर कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, जैसे कि लैंगिक भेदभाव, कार्यस्थल पर असमानता, और सामाजिक दबाव इन चुनौतियों के बावजूद वे अपने कर्तव्यों का पालन करती है और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करती है। इन चुनौतियों का समाधान करने के लिए समाज में जागरूकता बढ़ानी होगी और नारियों को समर्थन देना होगा क्योंकि घर और बाहर उनकी भूमिका बहुआयामी है। नारियां अपने परिवार और समाज के बीच एक सेतु का काम करती हैं।