Latest News

हिन्दी भाषा और साहित्य पर कृत्रिम बुद्धिमत्ता अनुप्रयोग: महत्व एवं चुनौतियाँ विषयक त्रिदिवसीय व्याखान माला का आयोजन


हिन्दी सप्ताह के अंतर्गत हिन्दी भाषा और साहित्य पर कृत्रिम बुद्धिमत्ता अनुप्रयोग: महत्व एवं चुनौतियाँ विषयक त्रिदिवसीय व्याखान माला का आयोजन किया गया। हिन्दी सप्ताह के तीसरे दिन के उदघाटन सत्र में डॉ. सुशील उपाध्याय, प्राचार्य, चमनलाल महाविद्यालय ने एआई के दौर में रचनात्मक लेखन की चुनौतियां और संभवानाएँ विषय पर बीज व्याख्यान प्रस्तुत किया।

रिपोर्ट  - आल न्यूज़ भारत

हिन्दी विभाग गुरुकुल काँगड़ी समविश्वविद्यालय में हिन्दी सप्ताह के अंतर्गत हिन्दी भाषा और साहित्य पर कृत्रिम बुद्धिमत्ता अनुप्रयोग: महत्व एवं चुनौतियाँ विषयक त्रिदिवसीय व्याखान माला का आयोजन किया गया। हिन्दी सप्ताह के तीसरे दिन के उदघाटन सत्र में डॉ. सुशील उपाध्याय, प्राचार्य, चमनलाल महाविद्यालय ने एआई के दौर में रचनात्मक लेखन की चुनौतियां और संभवानाएँ विषय पर बीज व्याख्यान प्रस्तुत किया। हिन्दी विभागाध्यक्ष प्रो. मृदुल जोशी ने व्याख्यान माला के समापन दिवस पर कहा कि यह व्याख्यान माला हिन्दी भाषा और साहित्य के छात्रों को नवाचार और तकनीकी समावेशी बनाने के उद्देश्य से आयोजित की गई है। प्रो. जोशी ने उम्मीद जताई की प्रतिभागी इसका उपयोग अपनी शिक्षा और अध्ययन में करेंगे। द्वितीय दिवस व्याख्यान के मुख्य वक्ता डॉ. सुशील उपाध्याय ने कहा कि एआई के विभिन्न के टूल्स मनुष्य की सुविधा के लिए बनाए गए हैं जिनकी मदद से शिक्षा और शोध के क्षेत्र में चीजें आसान हुई हैं यह मशीनीकृत डाटा प्रस्तुतीकरण मानवीय श्रम को कम करता है। डॉ. उपाध्याय ने कहा कि एआई का उपयोग साहित्यिक चोरी को रोकने के लिए किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि एआई के मानव मस्तिष्क और और संवेदना को चुनौती दे रहा है इसलिए यह जोखिम भरा भी है और इसकी जवाबदेही भी तय नहीं है। डॉ. उपाध्याय ने विभिन्न एआई टूल्स की जानकारी और अनुप्रयोग विधि प्रतिभागियों के साथ साझा की। समापन सत्र के द्वितीय वक्ता डॉ. अजित तोमर ने पीपीटी के माध्यम से डिजिटल माध्यमों में हिन्दी और रचनात्मक लेखन विषय पर अपना व्याख्यान देते हुए कहा कि डिजिटल हिन्दी की दुनिया में हिन्दी के लिए व्यापक स्पेस बना है। डॉ. तोमर ने हिन्दी ब्लॉगिंग की यात्रा और ब्लॉग लेखन की बारीकियों के बारें प्रतिभागियों को विस्तार से जानकारी प्रदान की। उन्होने कहा कि हिन्दी में ऑनलाइन लेखन के लिए विभिन्न टूल्स मौजूद है जिसके सहायता से हिन्दी में रचनात्मक लेखन किया जा सकता है।

ADVERTISEMENT

Related Post