21जà¥à¤²à¤¾à¤ˆ की रात में मानसून की पहली मूसलाधार बारिश में हर की पैड़ी की दीवार गिरी सबने देखी। लेकिन इसके अलावा à¤à¥€ दीवारें गिरी हैं। हर की पैड़ी के नजदीक ही कांगड़ा मोड़ पर शà¥à¤°à¥ƒà¤‚गेरी मठके सामने रेलवे सà¥à¤°à¤‚ग के उपर की पहाड़ी पर à¤à¥‚सà¥à¤–लन à¤à¥€ हà¥à¤† है।
रिपोर्ट - रतनमणी डोà¤à¤¾à¤²
सोमवार 20 / 21जà¥à¤²à¤¾à¤ˆ की रात में मानसून की पहली मूसलाधार बारिश में हर की पैड़ी की दीवार गिरी सबने देखी। लेकिन इसके अलावा à¤à¥€ दीवारें गिरी हैं। हर की पैड़ी के नजदीक ही कांगड़ा मोड़ पर शà¥à¤°à¥ƒà¤‚गेरी मठके सामने रेलवे सà¥à¤°à¤‚ग के उपर की पहाड़ी पर à¤à¥‚सà¥à¤–लन à¤à¥€ हà¥à¤† है। जिसके बड़े-बड़े पतà¥à¤¥à¤° सड़क पर पड़े हà¥à¤ हैं। जिला पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨ का à¤à¤• आपदा पà¥à¤°à¤¬à¤‚धन विà¤à¤¾à¤— à¤à¥€ है लेकिन वह करता कà¥à¤¯à¤¾ है किसी को कà¥à¤› पता नहीं है। हर की पैड़ी की दीवार गिरने की तो जांच à¤à¥€ बैठी और उठà¤à¥€ गई पर किसी का बाल बांका à¤à¥€ हà¥à¤† की जानकारी नहीं है। à¤à¥‚मिगत केबिल तथा गैस पाइपलाइन उसी ढरà¥à¤°à¥‡ से डाली जा रही है। माननीय ने कहा दिया है कि हर की पैड़ी की दीवार पहले से à¤à¥€ à¤à¤µà¥à¤¯ बनाई जाà¤à¤—ी। दीवार गिरने की वजह पानी का रिसाव बताया गया। लेकिन पानी का रिसाव तो यूपीसीà¤à¤² दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ अंधाधà¥à¤‚ध ढंग से दीवार की नींव में à¤à¥‚मिगत विदà¥à¤¯à¥à¤¤ केबिल ठूंसने से ही हà¥à¤† है।इस पर परà¥à¤¦à¤¾ डाल दिया गया है। दीवार तो शारदा मठकी à¤à¥€ गिरी और हर की पैड़ी से बड़ी गिरी । उसको बनवाना तो दूर आपदा पà¥à¤°à¤¬à¤‚धन विà¤à¤¾à¤— à¤à¤¾à¤‚कने à¤à¥€ नहीं गया है। दीवार और सड़क की नींव के अंदर किस तरह à¤à¥‚मिगत विदà¥à¤¯à¥à¤¤ केबिल को ठà¥à¤‚सा गया है फोटो में साफ दिखाई दे रहा है। सीवर का मेन होल à¤à¥€ बैठगया है। सबसे अधिक खतरा रेलवे सà¥à¤°à¤‚ग को होने वाला है। सà¥à¤°à¤‚ग के उपर पहाड़ी को खोद खोदकर अवैध निरà¥à¤®à¤¾à¤£ कर रेतीले पहाड़ को जरà¥à¤œà¤° कर दिया गया है। थोड़ी सी बारिश होने पर à¤à¥‚सà¥à¤–लन होता रहता है परंतॠकà¤à¥€ कोई इस ओर धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ नहीं देता है। सà¥à¤°à¤‚ग के ऊपर हà¥à¤ à¤à¤• बहà¥à¤®à¤‚जिला निरà¥à¤®à¤¾à¤£ के के खिलाफ à¤à¤šà¤†à¤°à¤¡à¥€à¤ दो बार धà¥à¤µà¤¸à¥à¤¤à¥€à¤•à¤°à¤£ करने का आदेश पारित कर चà¥à¤•à¤¾ है। तोड़ने के लिठटेंडर à¤à¥€ कराया गया लेकिन अवैध निरà¥à¤®à¤¾à¤£ खड़ा है और à¤à¤šà¤†à¤°à¤¡à¥€à¤ अधिकारियों का मà¥à¤‚ह चिड़ा रहा है। इसकी आड़ में और à¤à¥€ कई निरà¥à¤®à¤¾à¤£ पहाड़ी पर हà¥à¤ हैं। इस गंà¤à¥€à¤° खतरे को अनदेखा किया जाना à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ में बहà¥à¤¤ ही हानिकारक हो सकता है इससे पहले कई बार à¤à¥‚सà¥à¤–लन में जानी नà¥à¤•à¤¸à¤¾à¤¨ à¤à¥€ कांगड़ा मोड़ पर हो चà¥à¤•à¤¾ है इसके बावजूद इसकी अनदेखी की जा रही है। सड़क पर पड़े पतà¥à¤¥à¤° खतरे की घंटी बजा रहे हैं। यह याद दिलाना ठीक होगा कि 2010 की आपदा के समय ततà¥à¤•à¤¾à¤²à¥€à¤¨ उप जिलाधिकारी हरवीर सिंह जो वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ में à¤à¤š आर डी ठके सचिव तथा अपर मेला अधिकारी कà¥à¤‚ठहैं ने हर की पौड़ी से à¤à¥€à¤®à¤—ोडा नई बसà¥à¤¤à¥€ हिल बाईपास के नीचे के कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° को डेंजर जोन घोषित किया था और 92 परिवारों को विसà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ करने की आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ बताई थी लेकिन इसके बाद à¤à¥€ इस पहाड़ी पर मानवीय हसà¥à¤¤à¤•à¥à¤·à¥‡à¤ª रà¥à¤•à¤¾ नहीं है।