प्रकृति के साथ बेहतर समन्वय से ही जीवन को खुशहाल एवं समृद्ध शाली बनाया जा सकता है। प्राकृतिक रूप से जीवन यापन करना सरल, सहज एवं सम्पन्नता प्रदान करता है।
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
प्रकृति के साथ बेहतर समन्वय से ही जीवन को खुशहाल एवं समृद्ध शाली बनाया जा सकता है। प्राकृतिक रूप से जीवन यापन करना सरल, सहज एवं सम्पन्नता प्रदान करता है। यही मूल मंत्र आधुनिक एवं मशीनी-युग की समस्याओं का समाधान कर सकता है। गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के शारीरिक शिक्षा एवं खेल विभाग, दयानंद स्टेडियम परिसर में स्वच्छता ही सेवा है अभियान के अन्तर्गत स्वभाव स्वच्छता- संस्कार स्वच्छता विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ कुलसचिव प्रो0 सुनील कुमार द्वारा दीप प्रज्वलित करके किया गया। संकायाध्यक्ष प्रो0 सुरेन्द्र कुमार ने जीवन में स्वच्छता में समाज तथा परिवार की भागीदारी को अहम बताया। शारीरिक शिक्षा के प्रशिक्षु एवं भावी अध्यापकों को सम्बोधित करते हुये कुलसचिव प्रो0 सुनील कुमार ने कहा कि स्वच्छता के लिए स्वभाव तथा सोच में परिवर्तन करना जरूरी है, जो जागरूकता एवं संकल्प-शक्ति के माध्यम से सम्भव है। प्रभारी, शारीरिक शिक्षा एवं खेल विभाग डॉ0 शिवकुमार चौहान ने कहा कि बेहतर संस्कार ही बेहतर संस्कृति को जन्म देते है। संस्कारों की शुद्धता से स्वच्छता ही सेवा है, मिशन को सार्थक एवं सफल बनाया जा सकता है। कार्यशाला के उपरान्त प्रशिक्षु छात्रों एवं अध्यापकों ने परिसर में वृक्षारोपण, ट्री-गार्ड एवं पेड़ों की देखभाल के लिए संकल्प लिया। इस अवसर पर डॉ0 कपिल मिश्रा, डॉ0 प्रणवीर सिंह, सुनील कुमार, दुष्यंत राणा, अश्वनी कुमार, राजेन्द्र सिंह, कुलदीप सहित अन्य संकायों के छात्र एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारी उपस्थित रहे। सामाजिक एवं व्यापारिक संस्थानों से जुड़े लोगों ने भी अभियान में बढ़कर सहयोग प्रदान किया। कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए समविश्वविद्यालय के उद्यान अनुभाग के रामअजोर यादव, बृजपाल सिंह, सतीश का सहयोग भी प्राप्त हुआ। परिसर मे आम, नीम, चीकू, आंवला, बेहडा, नींबू, सहजन, अश्वगंधा, कपूर, रुद्राक्ष, पीपल आदि पेड़ों को रोपित किया गया।