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नारियाँ प्रत्येक क्षेत्र में बढ़ रही हैं: शैलदीदी


गायत्री तीर्थ शांतिकुंज में पाँच दिवसीय कन्या, कौशल अभिवर्धन प्रशिक्षक प्रशिक्षण शिविर का रविवार को समापन हो गया।

रिपोर्ट  - 

हरिद्वार, गायत्री तीर्थ शांतिकुंज में पाँच दिवसीय कन्या, कौशल अभिवर्धन प्रशिक्षक प्रशिक्षण शिविर का रविवार को समापन हो गया। इस शिविर में राजस्थान, पंजाब व हरियाणा के विभिन्न जिलों की बहिनें भागीदारी की। भेंट परामर्श के क्रम में संस्था की गायत्री परिवार प्रमुखद्वय श्रद्धेय डॉ प्रणव पण्ड्या व शैलदीदी ने कहा कि नारी अब पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने की स्थिति में आ गयी है, उन्हें अबला नहीं कहा जा सकता। नारियाँ प्रत्येक क्षेत्र में आगे बढ़ रही है। उन्हें इतिहास से प्रेरणा लेकर आगे बढ़ने के साथ नये समाज की संरचना करने को भी तैयार होना चाहिए। शिविर के समापन सत्र को संबोधित करते हुए शांतिकुंज महिला मण्डल की प्रमुख श्रीमती यशोदा शर्मा ने कहा कि प्रशिक्षण शिविर अपने अंदर छुपी प्रतिभा को जाग्रत करने एवं आंतरिक ऊर्जा को सुनियोजित करने की विधा का नाम है। उन्होंने कहा कि सैद्धांतिक व व्यावहारिक प्रशिक्षण के माध्यम से जो प्रशिक्षण दिये गये, उसे जीवन में अपनाने से महानता की ओर अग्रसर हो सकते हैं। महानता अर्थात् आंतरिक प्रतिभा का परिष्कार के साथ विनम्रता होनी चाहिए। इससे पूर्व श्रीमती शेफाली पण्ड्या ने वर्तमान समय में कन्याओं को प्रशिक्षित कर उन्हें आत्म निर्भर बनाने की आवश्यकता पर बल दिया। पाँच दिन तक चले इस प्रशिक्षण शिविर में सफल जीवन की दिशाधारा, किशोरावस्था और आधुनिक जीवनशैली, जीवन लक्ष्य, जीवन निर्माण का विज्ञान,कर्मफल का सुनिश्चित सिद्धांत, भावी माता और उसके उत्तरदायित्व, स्मरण शक्ति बढ़ाने के उपाय, स्वास्थ्य संरक्षण, संस्कार परंपरा सहित चौबीस सत्र में विभिन्न विषयों पर विस्तृत जानकारी दी गयी। शिविर को डॉ. गायत्री शर्मा, श्रीमती अपर्णा पँवार, सुशीला अनघोरे, डॉ अलका मिश्रा, धनेश्वरी साहू, नीलम मोटलानी आदि विषय विशेषज्ञों ने संबोधित किया।

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