कार्यशाला का उद्देश्य छात्रों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), ब्लॉकचेन जैसी उभरती हुई तकनीकों और आधुनिक डिजिटल परिदृश्य में उनके अनुप्रयोगों की गहन समझ प्रदान करना था। इस कार्यक्रम में दो व्याख्याताओं ने भाग लिया, जिन्होंने एआई, ब्लॉकचेन, जनरेटिव एआई और लार्ज लैंग्वेज मॉडल (एलएलएम) पर सत्र दिए।
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग विभाग ने "एआई और ब्लॉकचेन की खोज" शीर्षक से दो दिवसीय कार्यशाला का सफलतापूर्वक आयोजन किया। कार्यशाला का उद्देश्य छात्रों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), ब्लॉकचेन जैसी उभरती हुई तकनीकों और आधुनिक डिजिटल परिदृश्य में उनके अनुप्रयोगों की गहन समझ प्रदान करना था। इस कार्यक्रम में दो व्याख्याताओं ने भाग लिया, जिन्होंने एआई, ब्लॉकचेन, जनरेटिव एआई और लार्ज लैंग्वेज मॉडल (एलएलएम) पर सत्र दिए। कुलपति प्रो. हेमलता के. ने भी इस अवसर पर अपने विचार साझा किए और विभाग को इसके दूरगामी दृष्टिकोण के लिए बधाई दी। "एआई और ब्लॉकचेन केवल चर्चा का विषय नहीं हैं; वे प्रौद्योगिकी और समाज का भविष्य हैं। हमारा विश्वविद्यालय छात्रों को ऐसे कौशल और ज्ञान प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है जो उन्हें कल की चुनौतियों और अवसरों के लिए तैयार करेंगे। विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. सुनील कुमार ने कार्यशाला के सफल क्रियान्वयन के लिए अपनी प्रशंसा व्यक्त की और आयोजकों तथा संसाधन व्यक्तियों के प्रयासों की सराहना की। "भविष्य उन लोगों का है जो आज की तकनीकी क्रांतियों के लिए तैयार हैं। छात्रों को एआई, ब्लॉकचेन और इन तकनीकों के व्यापक निहितार्थों से अवगत कराकर, कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग विभाग यह सुनिश्चित कर रहा है कि हमारे छात्र नवाचार के मामले में सबसे आगे रहें।