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आजाद भारत के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री


राष्ट्रीय मानव अधिकार संरक्षण ट्रस्ट की राष्ट्रीय सचिव रेखा नेगी ने महात्मा गांधी व लाल बहादुर शास्त्री को नमन करते हुए कहा कि 2 अक्टूबर का दिन भारत के लिए काफी मायने रखता है। क्योंकि आज के दिन भारत के दो ऐसे महान लोगों ने जन्म लिया जिसने देश को नया जन्म और नई पहचान दी है।

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

राष्ट्रीय मानव अधिकार संरक्षण ट्रस्ट की राष्ट्रीय सचिव रेखा नेगी ने महात्मा गांधी व लाल बहादुर शास्त्री को नमन करते हुए कहा कि 2 अक्टूबर का दिन भारत के लिए काफी मायने रखता है। क्योंकि आज के दिन भारत के दो ऐसे महान लोगों ने जन्म लिया जिसने देश को नया जन्म और नई पहचान दी है। एक तो मोहनदास करमचंद गांधी का, उन्हें आदर से महात्मा और प्यार से बापू कहा गया| दूसरे हमारे आजाद भारत के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री का| बतौर प्रधानमंत्री शास्त्री का कार्यकाल बहुत छोटा रहा, लेकिन वे अपने संक्षिप्त कार्यकाल में इतना बड़ा काम कर गए कि इतिहास उन्हें भुला नहीं सकता| राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के कार्यों तथा विचारों ने देश की स्वतंत्रता और इसके बाद आजाद भारत को आकार देने में बड़ी भूमिका निभाई। वहीं, पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री का जन्म दो अक्टूबर 1904 को हुआ था। उनकी सादगी और विनम्रता के लोग कायल थे। अंग्रेजों को भारत से खदेड़ने में महात्मा गांधी की ओर से चलाए गए सत्याग्रह जन आंदोलनों की बड़ी भूमिका बताई जाती है| वहीं, भारत के स्वतंत्रता संग्राम में लाल बहादुर शास्त्री का भी महत्वपूर्ण योगदान है| महात्मा गांधी हमेशा लोगों को सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलने की सीख देते थे और लाल बहादुर शास्त्री की छवि भी सबसे ईमानदार नेता की है| महात्मा गांधी ने सादा जीवन उच्च विचार का उपदेश दिया तो वहीं, लाल बहादुर शास्त्री सादगी और विनम्रता के पर्याय माने जाते हैं| लाल बहादुर शास्त्री ने 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान ‘जय जवान जय किसान’ का नारा दिया था| महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री के जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए| इन दोनों के महान लोगों के जीवन से हमें सादगी से जीने का सन्देश मिलता है|

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