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30 सेंटी मीटर नीचे ही डाल दी बिजली की केबिल सुरक्षा मानक रखें ताक पर


शहर में भूमिगत विद्युत परियोजना का कार्य सुरक्षा मानकों को ताक पर रखकर किया जा रहा है। कम से कम 1 मीटर की गहराई में बिजली की केबिल डालने जानी थी।

रिपोर्ट  - à¤°à¤¤à¤¨à¤®à¤£à¥€ डोभाल

हरिद्वार। शहर में भूमिगत विद्युत परियोजना का कार्य सुरक्षा मानकों को ताक पर रखकर किया जा रहा है। कम से कम 1 मीटर की गहराई में बिजली की केबिल डालने जानी थी। वेतनमान कुमार गुणवत्ता की धज्जियां उड़ाते हुए अनिका स्थानों पर यह पाया गया है कि विद्युत के बिल को 30 सेंटीमीटर की गहराई में ही डाला गया है जो भविष्य में सुरक्षा के लिए बहुत ही खतरनाक स्थिति है। पीडब्ल्यूडी के सहायक अभियंता बीसी पांडे ने यूपीसीएल के के भूमिगत विद्युत परियोजना के अधिशासी अभियंता और पत्र भेजा है जिसमें उन्हें अवगत कराया गया है कि पुराना दिल्ली नीति पास मोटर मार्ग पर पुल जटवाड़ा से भूपतवाला तक के मार्ग पर विद्युत केबिल रोड सरफेस से 30 सेमी0 नीचे ही लाइन डाली गई है। जबकि विद्युत केबिल पर्याप्त गहराई में लगभग 1 मीटर नीचे डाली जानी चाहिए। सहायक अभियंता बीडी पांडे ने इस पत्र के भर्ती पीडब्ल्यूडी के ठेकेदार मैसर्स नेर इंफ्रावेंचर को भी भेजी है। जिसमें निर्देशित किया है कि वह सुनिश्चित करें सुनिश्चित करें कि विद्युत केबल 1 मीटर की गहराई में हो, यदि 1 मीटर की गहराई में ना हो तो संबंधित विभाग के को अवगत कराया जाए। संबंध में समाजसेवी दिनेश जोशी ने आरोप लगाया कि पीडब्ल्यूडी के अधिकारी भी केवल कागजी खानापूर्ति के लिए पत्र भेज देते हैं और उसके बाद अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लेते हैं उन्होंने आरोप लगाया कि पीडब्ल्यूडी के ठेकेदार ने उन स्थानों पर भी सड़क को ठीक करने का काम शुरू कर दिया है जहां पर पीडब्ल्यूडी के सहायक अभियंता यह बता रहे हैं कि विद्युत केबिल 30 सेमी पर ही डाली गई है। उन्होंने जिलाधिकारी से मांग की है कि जन सुरक्षा की अनदेखी का डाली गई विद्युत केबल के जांच कराई जाए और सुरक्षा समिति की जाए तथा इसके बाद ही सड़क का निर्माण कराया जाए।

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