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स्वामी चिदानन्द सरस्वती से भेंट कर योग, ध्यान और भारतीय संस्कृति आदि विभिन्न विषयों पर प्राप्त किया समाधान


परमार्थ निकेतन में लॉस एंजिलिस, कैलिफोर्निया, अमेरिका से विश्व विख्यात चिकित्सकों का दल आया। उन्होंने परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी से भेंट कर योग, ध्यान, भारतीय संस्कृति आदि अनेक विषयों पर अपनी जिज्ञासाओं का समाधान प्राप्त किया और अपने अनुभवों को भी साझा किए।

रिपोर्ट  - 

परमार्थ निकेतन में लॉस एंजिलिस, कैलिफोर्निया, अमेरिका से विश्व विख्यात चिकित्सकों का दल आया। उन्होंने परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी से भेंट कर योग, ध्यान, भारतीय संस्कृति आदि अनेक विषयों पर अपनी जिज्ञासाओं का समाधान प्राप्त किया और अपने अनुभवों को भी साझा किए। उन्होंने यहां के दिव्य वातावरण, आध्यात्मिक गतिविधियों और पूज्य स्वामी जी से मिलन को एक अनोखा और अलौकिक अनुभव बताया। चिकित्सकों के दल ने परमार्थ निकेतन, माँ गंगा, हिमालय और उत्तराखंड की धरती की महिमा का उत्कृष्ट वर्णन किया। स्वामी जी ने कहा कि जो भी उत्तराखंड आता है, वह यहीं का होकर रह जाता है इसलिए हमें इस प्रदेश को दिव्य और प्रदूषण मुक्त बनाए रखना होगा ताकि आने वाले हजारों वर्षों तक यह धरती पूरी दुनिया को अपनी ओर आकर्षित करती रहे। उत्तराखंड की धरती को समाधान और शांति की धरती बताते हुए, स्वामी जी ने योग, आयुर्वेद और ध्यान के माध्यम से जीवन को व्यस्त रहते हुए भी स्वस्थ व मस्त रहने हेतु सभी को प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि इन प्राचीन विधियों के माध्यम से जीवन को स्वस्थ और संतुलित रखा जा सकता है। स्वामी जी ने कहा कि हमें उत्तराखंड को प्रदूषण मुक्त और स्वच्छ बनाए रखना होगा ताकि यह धरती आने वाले समय में भी अपनी दिव्यता और आकर्षण को बनाए रख सके। उन्होंने सभी का आह्वान करते हुये कहा उत्तराखंड के प्राकृतिक सौन्दर्य और आध्यात्मिकता को संरक्षित रखना प्रत्येक प्रदेशवासी का परम कर्तव्य है। चिकित्सकों ने पूज्य स्वामी जी के नेतृत्व व मार्गदर्शन में परमार्थ निकेतन द्वारा किये जा रहे कार्यों की सराहना करते हुये कहा कि यहां का वातावरण और आध्यात्मिकता उन्हें नई ऊर्जा और प्रेरणा प्रदान करती है। उन्होंने कहा कि वे इस अनुभव को अपने साथ लेकर जाएंगे और इसे अपने जीवन में अपनाने का प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा कि यहां आने वाले सभी को एक नई दिशा और दृष्टिकोण प्राप्त होता है। उन्होंने उत्तराखंड की प्राकृतिक सुंदरता और आध्यात्मिक वातावरण की भी भूरि-भूरि प्राशंसा की। चिकित्सकों ने बताया कि विदेशों में तनाव और मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के लिए विभिन्न प्रकार की दवाइयों का उपयोग किया जाता है। इनमें एंटीडिप्रेसेंट्स, एंटी-एंग्जायटी मेडिकेशन और स्लीपिंग पिल्स ली जाती हैं। ये दवाइयाँ तनाव, चिंता और अवसाद को कम करने में मदद करती हैं, लेकिन इनके साथ कुछ साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं परन्तु परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश का वातावरण अपने आप में एक प्राकृतिक और प्रभावी उपचार है, जो मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को सुधारने में मदद करता है। यहाँ का वातावरण शांत, पवित्र और प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है। जो मानसिक शांति और आत्मिक उन्नति के लिए अद्भुत है।

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