गायत्री विद्यापीठ शांतिकुंज का दो दिवसीय ४३वाँ वार्षिकोत्सव के समापन अवसर पर भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन हुआ। यह आयोजन मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम के जीवनवृत पर आधारित रहा। कार्यक्रम का शुभारंभ|
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
हरिद्वार 26 अक्टूबर। गायत्री विद्यापीठ शांतिकुंज का दो दिवसीय ४३वाँ वार्षिकोत्सव के समापन अवसर पर भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन हुआ। यह आयोजन मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम के जीवनवृत पर आधारित रहा। कार्यक्रम का शुभारंभ देवसंस्कृति विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति व युवा आइकान डॉ चिन्मय पण्ड्या एवं गायत्री विद्यापीठ व्यवस्था मण्डल की प्रमुख श्रीमती शेफाली पण्ड्या ने दीप प्रज्वलन कर किया। सांस्कृतिक कार्यक्रम का शुभारंभ सरस्वती वंदना से हुआ। तो वहीं समूह गान, परिचय नृत्य, हम कथा सुनाते श्रीराम की, राम जन्म, सीता स्वयंवर, वनवास, सूर्पणखा, सीताहरण, अशोक वाटिका, राम रावण युद्ध के मनमोहक दृश्यों को प्रदर्शित किया। इसमें कक्षा एक से लेकर कक्षा बारह तक के छात्र-छात्राओं ने कलाकारों की भूमिका निभाई। बच्चों के शानदार संवाद एवं अभिनय को उपस्थित लोगों ने तालियों की गड़गड़ाहट के साथ समर्थन दिया। साथ ही प्रज्ञायोग, सूर्य नमस्कार आदि योगासनों के अभ्यास से लोगों को स्वस्थ जीवन के लिए योग को अपनाने के लिए अपील की। कक्षा 11 की छात्रा कु. स्तुति पण्ड्या एवं कक्षा 12 की छात्रा कु. वंशदा अग्रवाल के जोरदार संचालन ने कार्यक्रम के उत्साह को दोगुना कर दिया। गायत्री परिवार की संस्थापिका परम वंदनीया माता भगवती देवी शर्मा जी एवं दिव्य अखंडदीप के शताब्दी वर्ष 2026 के परिप्रेक्ष्य में विद्यार्थियों ने अदभुत झलकियां प्रस्तुत की। देसंविवि के प्रतिकुलपति डॉ. चिन्मय पण्ड्या एवं श्रीमती शैफाली पण्ड्या जी ने विद्यार्थियों को खेल भावना को जीवंत और जाग्रत बनाए रखने के प्रेरित किया। सभागार में शांतिकुंज, ब्रह्मवर्चस एवं देवसंस्कृति विश्वविद्यालय के कार्यकर्ता एवं अविभावकों ने विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आनंद उठाया एवं विद्यार्थियों का उत्साह वर्धन किया।