न्यूरोलॉजी (MIND) के डायरेक्टर, डॉ. शमशेर द्विवेदी और न्यूरोलॉजी (MIND) के सीनियर कंसल्टेंट , डॉ. नितिन गर्ग ने स्ट्रोक प्रबंधन में रैपिड इंटरवेशन के जीवन-रक्षक प्रभाव पर प्रकाश डाला और हाल ही में आये एक मामले पर चर्चा की जो आधुनिक न्यूरोलॉजिकल देखभाल में हॉस्पिटल की विशेषज्ञता को दर्शाती है।
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
हरिद्वार, 28 अक्टूबर 2024: विश्व स्ट्रोक दिवस की पूर्व संध्या पर, मैक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, देहरादून ने स्ट्रोक के रोगियों के लिए तत्काल चिकित्सा देखभाल के महत्व पर जागरूक किया। न्यूरोलॉजी (MIND) के डायरेक्टर, डॉ. शमशेर द्विवेदी और न्यूरोलॉजी (MIND) के सीनियर कंसल्टेंट , डॉ. नितिन गर्ग ने स्ट्रोक प्रबंधन में रैपिड इंटरवेशन के जीवन-रक्षक प्रभाव पर प्रकाश डाला और हाल ही में आये एक मामले पर चर्चा की जो आधुनिक न्यूरोलॉजिकल देखभाल में हॉस्पिटल की विशेषज्ञता को दर्शाती है। ऐसा ही एक मामला 39 वर्षीय पुरुष मरीज का है, जिसके बाएं तरफ में कमजोरी, चेहरे का टेढ़ापन और बोलने में असमर्थता की समस्या हुई, इसके कारण उसे हॉस्पिटल लाया गया था। डॉ. शमशेर द्विवेदी, डायरेक्टर न्यूरोलॉजी (MIND), ने बताया "रोगी के लक्षण अस्पताल पहुंचने से 30 मिनट पहले शुरू हुए थे - जो कि स्ट्रोक इलाज में यह एक महत्वपूर्ण समयावधि है। मरीज को तुरंत भर्ती कर न्यूरोलॉजी टीम की देखरेख में आगे के परीक्षण और प्रबंधन के लिए कदम उठाए गए। टीम के द्वारा स्ट्रोक का चेकअप किया गया, जिसमें सीटी और एमआरआई ब्रेन स्कैन, और मस्तिष्क और गर्दन का एंजियोग्राम शामिल था। रोगी को 15 दिन पहले भी इसी तरह के लक्षणों का सामना करना पड़ा था, जो अपने आप ठीक हो गए थे। लक्षणों के दोबारा आने से रैपिड इंटर्वेंशन की आवश्यकता थी जो कि समय पर इलाज करने के कारण हम स्थिति को बिगड़ने से पहले ही नियंत्रित करने में सक्षम हुए।"