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अब प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाएगी घर की बनी रोटी, वैज्ञानिकों ने विकसित की प्रजाति


भोज्य पदार्थों में मुख्य रूप से जिंक और आयरन की कमी कुपोषण का मुख्य कारण है। जिंक की कमी से जहां शरीर की प्रतिरोधक क्षमता प्रभावित होती है, वहीं लौह तत्व की कमी से एनीमिया जैसी बीमारियों को निमंत्रण मिलता है।पंतनगर कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने आम गेहूं के मुकाबले 65 फीसद अधिक जस्ते और आयरन युक्त गेहूं की प्रजाति विकसित करने में सफलता हासिल की है।

रिपोर्ट  - ALL NEWS BHARAT

भोज्य पदार्थों में मुख्य रूप से जिंक और आयरन की कमी कुपोषण का मुख्य कारण है। जिंक की कमी से जहां शरीर की प्रतिरोधक क्षमता प्रभावित होती है, वहीं लौह तत्व की कमी से एनीमिया जैसी बीमारियों को निमंत्रण मिलता है।पंतनगर कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने आम गेहूं के मुकाबले 65 फीसद अधिक जस्ते और आयरन युक्त गेहूं की प्रजाति विकसित करने में सफलता हासिल की है।दावा है कि इस गेहूं के आटे की बनी रोटी खाने से लोगों का इम्यून सिस्टम मजबूत बनेगा,जो कोरोना जैसी घातक बीमारी से बचाव में सहायक साबित होगा।राज्य प्रजाति विमोचन समिति ने पंतनगर विवि से क्षेत्रों में (नवंबर में) बुवाई के लिए उपयुक्त है।इस प्रजाति की औसत उत्पादकता 55 क्विंटल प्रति हेक्टेयर और उपज क्षमता 70 क्विंटल प्रति हेक्टेयर पाई गई है।इस प्रजाति में प्रोटीन की मात्रा जहां 12.68 प्रतिशत पाई गई है,वहीं इसमें जस्ते और लौह तत्व की मात्रा लगभग 65 प्रतिशत अधिक है।यह प्राय: सामान्य प्रजातियों में नहीं पाई जाती है।राष्ट्रीय परीक्षणों में जहां इसमें जस्ते की मात्रा 49 पीपीएम (पार्ट पर मिलियन) से अधिक पाई गई है, वहीं इस प्रजाति में लौह तत्व की मात्रा 47 पीपीएम तक पाई गई है।

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