लाखों-करोड़ों बहनों की शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾, आसà¥à¤¥à¤¾ व विशà¥à¤µà¤¾à¤¸ के केनà¥à¤¦à¥à¤°, मातृशकà¥à¤¤à¤¿ को गौरव पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ करने वाली गà¥à¤°à¥à¤¸à¤¤à¥à¤¤à¤¾ के रूप में सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ रामदेव तथा आचारà¥à¤¯ बालकृषà¥à¤£ के आशीरà¥à¤µà¤¾à¤¦ से पतंजलि योगपीठसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ वैदिक गà¥à¤°à¥à¤•à¥à¤²à¤®à¥ पà¥à¤°à¤¾à¤‚गण में रकà¥à¤·à¤¾ बंधन परà¥à¤µ (शà¥à¤°à¤¾à¤µà¤£à¥€ उपाकरà¥à¤®) हरà¥à¤·à¥‹à¤²à¥à¤²à¤¾à¤¸ के साथ मनाया गया। कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® में बहनों ने गà¥à¤°à¥à¤¸à¤¤à¥à¤¤à¤¾ को रकà¥à¤·à¤¾à¤¸à¥‚तà¥à¤° बांधकर आशीरà¥à¤µà¤¾à¤¦ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ किया। गà¥à¤°à¥à¤¸à¤¤à¥à¤¤à¤¾ ने राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤¸à¥‡à¤µà¤¾ में अहरà¥à¤¨à¤¿à¤¶ संलगà¥à¤¨ सà¤à¥€ माताओं व बहनों को रकà¥à¤·à¤¾à¤¬à¤‚धन परà¥à¤µ की शà¥à¤à¤•à¤¾à¤®à¤¨à¤¾à¤à¤ पà¥à¤°à¥‡à¤·à¤¿à¤¤ की।
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
हरिदà¥à¤µà¤¾à¤°, 03 अगसà¥à¤¤à¥¤ लाखों-करोड़ों बहनों की शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾, आसà¥à¤¥à¤¾ व विशà¥à¤µà¤¾à¤¸ के केनà¥à¤¦à¥à¤°, मातृशकà¥à¤¤à¤¿ को गौरव पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ करने वाली गà¥à¤°à¥à¤¸à¤¤à¥à¤¤à¤¾ के रूप में सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ रामदेव तथा आचारà¥à¤¯ बालकृषà¥à¤£ के आशीरà¥à¤µà¤¾à¤¦ से पतंजलि योगपीठसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ वैदिक गà¥à¤°à¥à¤•à¥à¤²à¤®à¥ पà¥à¤°à¤¾à¤‚गण में रकà¥à¤·à¤¾ बंधन परà¥à¤µ (शà¥à¤°à¤¾à¤µà¤£à¥€ उपाकरà¥à¤®) हरà¥à¤·à¥‹à¤²à¥à¤²à¤¾à¤¸ के साथ मनाया गया। कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® में बहनों ने गà¥à¤°à¥à¤¸à¤¤à¥à¤¤à¤¾ को रकà¥à¤·à¤¾à¤¸à¥‚तà¥à¤° बांधकर आशीरà¥à¤µà¤¾à¤¦ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ किया। गà¥à¤°à¥à¤¸à¤¤à¥à¤¤à¤¾ ने राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤¸à¥‡à¤µà¤¾ में अहरà¥à¤¨à¤¿à¤¶ संलगà¥à¤¨ सà¤à¥€ माताओं व बहनों को रकà¥à¤·à¤¾à¤¬à¤‚धन परà¥à¤µ की शà¥à¤à¤•à¤¾à¤®à¤¨à¤¾à¤à¤ पà¥à¤°à¥‡à¤·à¤¿à¤¤ की। इस अवसर पर सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ महाराज ने कहा कि रकà¥à¤·à¤¾ बंधन मातà¥à¤° धागों का तà¥à¤¯à¥Œà¤¹à¤¾à¤° नहीं है, ये तो पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤• हैं कि हम धरà¥à¤®, मरà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾, जीवन के शà¥à¤°à¥‡à¤·à¥à¤ आदरà¥à¤¶à¥‹à¤‚ व उनके अनà¥à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨ में बंधे हैं। इनका अनà¥à¤¸à¤°à¤£ करते हà¥à¤ हम आगे बà¥à¤¤à¥‡ रहें, यही रकà¥à¤·à¤¾ बंधन का संदेश है। जो योग करेंगे व सातà¥à¤¤à¥à¤µà¤¿à¤• जीवन के अनà¥à¤°à¥‚प जीवन जीà¤à¤à¤—े, वे अपनी रकà¥à¤·à¤¾ के साथ-साथ बहन-बेटियों, धरà¥à¤® व संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ की à¤à¥€ रकà¥à¤·à¤¾ कर पाà¤à¤à¤—े। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि शà¥à¤°à¤¾à¤µà¤£à¥€ उपाकरà¥à¤® यà¥à¤—ों-यà¥à¤—ों से शà¥à¤°à¥à¤¤à¤¿ परमà¥à¤ªà¤°à¤¾ का परà¥à¤µ है। हम अपने पूरà¥à¤µà¤œà¥‹à¤‚ की शà¥à¤°à¥à¤¤à¤¿ परमà¥à¤ªà¤°à¤¾ का अनà¥à¤¸à¤°à¤£ करते हà¥à¤ ऋषि पथ पर, वेद पथ पर, à¤à¤—वानॠके पथ पर, सतà¥à¤¯ के पथ पर, अà¤à¥à¤¯à¥à¤¦à¤¯ व निःशà¥à¤°à¥‡à¤¯à¤¶ के पथ पर, पà¥à¤°à¤µà¥ƒà¤¤à¥à¤¤à¤¿ व निवृतà¥à¤¤à¤¿ के पथ पर, तà¥à¤°à¤¿à¤µà¤°à¥à¤— व मोकà¥à¤· के मारà¥à¤— पर, परा-अपरा विदà¥à¤¯à¤¾ के मारà¥à¤— पर चलते आठहैं। पूजà¥à¤¯ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी ने पूरे राषà¥à¤Ÿà¥à¤° व नेपाल सहित सनातन हिनà¥à¤¦à¥ आरà¥à¤¯ वैदिक ऋषि परमà¥à¤ªà¤°à¤¾ में निषà¥à¤ ा रखने वालों के साथ-साथ पूरे विशà¥à¤µ को शà¥à¤°à¤¾à¤µà¤£à¥€ उपाकरà¥à¤® की शà¥à¤à¤•à¤¾à¤®à¤¨à¤¾à¤à¤ पà¥à¤°à¥‡à¤·à¤¿à¤¤ की। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ ने कहा कि इस उतà¥à¤¸à¤µ के पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤¦ सà¥à¤µà¤°à¥‚प परमातà¥à¤®à¤¾ सबके सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯ व जीवन की रकà¥à¤·à¤¾ के साथ-साथ वैयकà¥à¤¤à¤¿à¤•, पारिवारिक, सामाजिक, आरà¥à¤¥à¤¿à¤•, राजनैतिक, आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤• जीवन व आचरण की रकà¥à¤·à¤¾ करे। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि आज पूरा विशà¥à¤µ इस बात को मानता है कि योग, आयà¥à¤°à¥à¤µà¥‡à¤¦ व अधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤® यà¥à¤•à¥à¤¤ पà¥à¤°à¤¾à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤•, नैसरà¥à¤—िक व अहिंसक जीवन पदà¥à¤§à¤¤à¤¿ ही हमारा जीवन कवच है। à¤à¤• समय था जब लोगों ने पूरà¥à¤µà¤œà¥‹à¤‚, जीवन पदà¥à¤§à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚, विचारधाराओं, संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ व सिदà¥à¤§à¤¾à¤‚तों के नाम पर लोगों को बाà¤à¤Ÿà¤¨à¥‡ का पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ किया लेकिन अब सब ये मानने लगे हैं कि दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ की सबसे पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨, सबसे वैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤•, सबसे पà¥à¤°à¤¾à¤®à¤¾à¤£à¤¿à¤• व सबसे वà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤°à¤¿à¤• जीवन पदà¥à¤§à¤¤à¤¿ यदि कोई है तो वह वैदिक सनातन आरà¥à¤¯ हिनà¥à¤¦à¥ जीवन पदà¥à¤§à¤¤à¤¿ है। अब सारी दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ इस सातà¥à¤¤à¥à¤µà¤¿à¤• व अहिंसक जीवन पदà¥à¤§à¤¤à¤¿ को अपना रही है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने आशा वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤ की कि आने वाले 25-30 वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ में चाहे दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ के किसी à¤à¥€ मजहब का विसà¥à¤¤à¤¾à¤° जितना कम-जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ हो, राजनैतिक विसà¥à¤¤à¤¾à¤° जिसका जितना कम-जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ हो, वैचारिक व सांसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾à¤à¤ कोई à¤à¥€ हों किनà¥à¤¤à¥ पूरी दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ यौगिक, आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤•, वैदिक, अहिंसक जीवन पदà¥à¤§à¤¤à¤¿ का अनà¥à¤¸à¤°à¤£ करेगी। हमारा गौरव हे कि हम दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ की सरà¥à¤µà¤¶à¥à¤°à¥‡à¤·à¥à¤ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ व वैदिक ऋषि परमà¥à¤ªà¤°à¤¾ में जनà¥à¤®à¥‡à¤‚ हैं। कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® में आचारà¥à¤¯ बालकृषà¥à¤£ ने कहा कि रकà¥à¤·à¤¾ बंधन में रकà¥à¤·à¤¾à¤¸à¥‚तà¥à¤° व यजà¥à¤žà¥‹à¤ªà¤µà¥€à¤¤ पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤•à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤• हैं। हम पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¦à¤¿à¤¨ जो यजà¥à¤žà¥‹à¤ªà¤µà¥€à¤¤ पहनते हैं इसका उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯ à¤à¥€ तो यही है कि हमें सà¥à¤®à¤°à¤£ रहे कि हम ऋणि हैं, उऋण नहीं हैं। à¤à¤¾à¤°à¤¤à¤µà¤°à¥à¤· के कà¥à¤› इलाकों तथा नेपाल में इस परà¥à¤µ को जनेऊ पूरà¥à¤£à¤¿à¤®à¤¾ कहते हैं। आज मà¥à¤–à¥à¤¯ रूप से यजà¥à¤žà¥‹à¤ªà¤µà¥€à¤¤ परिवरà¥à¤¤à¤¨ का दिन है। परमà¥à¤ªà¤°à¤¾à¤“ं के मूल सà¥à¤µà¤°à¥‚प का हमें सतत सà¥à¤®à¤°à¤£ रखना चाहिà¤à¥¤ आज à¤à¥€ à¤à¤¸à¥€ परमà¥à¤ªà¤°à¤¾à¤à¤ हैं कि जिस गà¥à¤°à¥ ने अपने शिषà¥à¤¯ को यजà¥à¤žà¥‹à¤ªà¤µà¥€à¤¤ धारण कराया, वह गà¥à¤°à¥ उसकी सदैव रकà¥à¤·à¤¾ के लिठसंकलà¥à¤ªà¤¿à¤¤ रहता है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि रकà¥à¤·à¤¾ सदैव सकà¥à¤·à¤® वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ निरà¥à¤¬à¤² की करता है। गà¥à¤°à¥ को जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ सकà¥à¤·à¤® माना गया है इसलिठगà¥à¤°à¥ संकलà¥à¤ª लेता है कि वह अपने शिषà¥à¤¯ की रकà¥à¤·à¤¾ सदैव करेगा। à¤à¤¾à¤ˆ व बहन में à¤à¤¾à¤‡à¤¯à¥‹à¤‚ को सकà¥à¤·à¤® माना जाता था किंतॠआज हमारी बहनें à¤à¤¾à¤‡à¤¯à¥‹à¤‚ से à¤à¥€ जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ सकà¥à¤·à¤® हैं। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि सà¤à¥€ को सबल व सकà¥à¤·à¤® गà¥à¤°à¥ मिले तो कोई आतà¥à¤®à¤¹à¤¤à¥à¤¯à¤¾ नहीं करेगा। कोई à¤à¥€ सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ à¤à¤¸à¥€ नहीं जिसमें आतà¥à¤®à¤¹à¤¤à¥à¤¯à¤¾ का मारà¥à¤— चà¥à¤¨à¤¨à¤¾ पड़े। मनà¥à¤·à¥à¤¯ में वेद जà¥à¤žà¤¾à¤¨ है किनà¥à¤¤à¥ उसे जागृत करने का कारà¥à¤¯ गà¥à¤°à¥ ही करता है। आचारà¥à¤¯ जी ने कहा कि हमारी परमà¥à¤ªà¤°à¤¾ व संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ बहà¥à¤¤ विशाल है। ये परमà¥à¤ªà¤°à¤¾à¤à¤ अनà¥à¤¯ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ में नहीं हैं। à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ वैदिक संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ में हमारे पूरà¥à¤µà¤œ ऋषियों ने जीवन को उनà¥à¤¨à¤¤ बनाने के लिठजहाठनितà¥à¤¯ करà¥à¤®à¥‹à¤‚ का विधान किया वहीं नितà¥à¤¯ करà¥à¤®à¥‹à¤‚ के अनà¥à¤¤à¤°à¥à¤—त पंच महायजà¥à¤žà¥‹à¤‚ का à¤à¥€ विधान किया। हम पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¦à¤¿à¤¨ जहाठबà¥à¤°à¤¹à¥à¤® उपासना करते हैं वहीं देवयजà¥à¤ž के रूप में अगà¥à¤¨à¤¿à¤¹à¥‹à¤¤à¥à¤° à¤à¥€ करते हैं। अपने माता-पिता व बड़े-बà¥à¤œà¥à¤°à¥à¤—ों के समà¥à¤®à¤¾à¤¨ में पितृ यजà¥à¤ž करते हैं। मनà¥à¤·à¥à¤¯ से इतर पशà¥-पकà¥à¤·à¥€à¤¯à¥‹à¤‚ का à¤à¥€ सà¥à¤®à¤°à¤£ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¦à¤¿à¤¨ रखते हà¥à¤ गो-गà¥à¤°à¤¾à¤¸ व कà¥à¤¤à¥à¤¤à¥‡ को रोटी देने की à¤à¥€ परमà¥à¤ªà¤°à¤¾ पहले से रही है। यह हमारी संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ का अंग है। à¤à¤¸à¥€ पावनी संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ में कोई अनà¥à¤¯ नहीं है। हमारे ऋषियों ने नितà¥à¤¯ करà¥à¤®à¥‹à¤‚ के साथ-साथ नैमितà¥à¤¤à¤¿à¤• करà¥à¤®à¥‹à¤‚ को à¤à¥€ निमितà¥à¤¤ बनाया, जैसे- अलग-अलग तà¥à¤¯à¥Œà¤¹à¤¾à¤° नैमितà¥à¤¤à¤¿à¤• करà¥à¤® में आते हैं जिनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ हम वरà¥à¤· à¤à¤° में 2-3 माह के अनà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤² पर हरà¥à¤·à¥‹à¤²à¥à¤²à¤¾à¤¸ के साथ मनाते हà¥à¤ अपनी मरà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ व गौरव का à¤à¥€ सà¥à¤®à¤°à¤£ करते हैं। हमेें संसà¥à¤•à¤¾à¤°à¤¿à¤¤ करने के लिठ16 संसà¥à¤•à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ की ऋषियों की परमà¥à¤ªà¤°à¤¾ à¤à¥€ रही है। यहाठतो जनà¥à¤® à¤à¥€ उतà¥à¤¸à¤µ है, मृतà¥à¤¯à¥ à¤à¥€ उतà¥à¤¸à¤µ है। इनà¥à¤¹à¥€à¤‚ बंधनों व परमà¥à¤ªà¤°à¤¾à¤“ं में हम बंधे हà¥à¤ हैं। आचारà¥à¤¯à¤¶à¥à¤°à¥€ ने कहा कि इन परंपराओं में बंधकर इस जीवन को उनà¥à¤¨à¤¤ व समृदà¥à¤§à¤¶à¤¾à¤²à¥€ बनाने का यह अनà¥à¤ªà¤® अवसर à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ सनातन वैदिक संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ में जीने वालों को ही पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ है।