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गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय में दो दिवसीय अन्तर्जालीय राष्ट्रीय वेबिनार 2020 का आयोजन किया गया।


हरिद्वार में कम्प्यूटर विज्ञान विभाग में दो दिवसीय अन्तर्जालीय राष्ट्रीय वेबिनार 2020 का आयोजन किया गया। इस वेबिनार के मुख्य अतिथि गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कहा कि शाकाहार एवं प्रकृति की गोद में स्वाभाविक जीवन जीना सबसे उत्तम है।

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय, हरिद्वार में कम्प्यूटर विज्ञान विभाग में दो दिवसीय अन्तर्जालीय राष्ट्रीय वेबिनार 2020 का आयोजन किया गया। इस वेबिनार के मुख्य अतिथि गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कहा कि शाकाहार एवं प्रकृति की गोद में स्वाभाविक जीवन जीना सबसे उत्तम है। शारीरिक और मानसिक दोनों प्रकार के रोगों के निर्मूलन के उपाय तथा अंकुरीत अन्न, फल, कन्द, मूल का सेवन तथा जैविक कृषि के महत्व को सुबोध रीति से समझाया। कोविड-19 जैसी बीमारियों से बचने के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता को निरन्तर बढ़ाने के लिए उपरोक्त साधनों के महत्व को प्रतिपादित किया। विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डा0 सत्यपाल सिंह ने कहा कि हमें युक्त आहार-विहार एवं युक्त चेष्टाएं करनी चाहिए। यह सब सुख-शान्ति का मूल है। आयुर्वेद के हितभुक्-मितभुक्-ऋतभुक् आदि सूत्रों को भी अपने वक्तव्य में स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि कोविड-19 रोग श्वसन तंत्र को हानि पहुंचाता है। उससे योग, प्राणायाम आदि के माध्यम से बचा जा सकता है। आई.आर.एस. के विनीत आर्य ने मुख्य वक्ता बतौर कहा कि विज्ञान का केन्द्र बिन्दु वेद है तथा वेद का विज्ञान चेतन विज्ञान है। उन्होंने बताया कि वेद विज्ञान अनुकरणीय है। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 रूपकिशोर शास्त्री ने गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत और कुलाधिपति डा0 सत्यपाल सिंह की उपस्थिति को गरिमापूर्ण एवं ऐतिहासिक बताया तथा विश्वविद्यालय को आपके मार्गदर्शन एवं आशीर्वाद की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि कुलाधिपति के मार्गनिर्देशन में विश्वविद्यालय प्रगति के पथ पर अग्रसर होगा। वेबिनार के विषय में बोलते हुए उन्होंने कहा कि सब प्रकार के रोगों के शमन का उपाय योग एवं आयुर्वेद है। विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. दिनेश चंद्र भट्ट ने कोविड - १९ में वेद, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विषय पर किये जा रहे वेबिनार की सफलता की कामना की तथा इस महामारी में हो रहे बदलावों को अवसर में बदलने के उपायों पर प्रकाश डाला। आई.आई.टी. हैदराबाद के प्रो0 शत्रुंजय रावत ने कहा कि भारतीय दर्शनों को उद्धृत करते हुए मोक्ष की ओर ले जाने वाली तकनीकी विद्या ही उत्तम विद्या है। उन्होंने तकनीकी विद्या को दैवी और राक्षसी रूप में प्रतिपादित किया तथा गुरुकुल की उन्नति में सदा सहयोग का आश्वासन दिया। डा0 ओ0पी0 पाण्डेय ने प्रकृति प्रेम तथा आत्मनिर्भरता जैसे विषयों पर प्रकाश डाला। वेबिनार के संयोजक डा0 श्वेतांक आर्य ने कहा कि वेद विज्ञान और कोविड-19 विषय पर वेबिनार करने का मूल उद्देश्य यह था कि वेद और विज्ञान एक दूसरे के पर्याय है। वर्तमान में कोविड-19 की महामारी पूरे विश्व को अपनी चपेट में लिए हुए है। इसके समाधान के लिए वेबिनार में लोगों के विचार और समाधान खोजना अत्यन्त आवश्यक है। वेद विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो0 दिनेशचन्द्र शास्त्री ने कहा कि वेद की मीमांसा को समझना है तो वेदों का अध्ययन करना जरूरी है। वेद हमारा आधुनिक विज्ञान है। आज का विज्ञान पूरी तरह से वेदों पर आधारित है। वेद विभाग के डा0 दीनदयाल वेदालंकार ने कहा कि विभिन्न राज्यों के शोधार्थी कोविड-19 वेद और विज्ञान को लेकर कार्य कर रहे हैं। आज वेद की प्रासंगिकता लगातार बढ़ती जा रही है। वेबिनार की अध्यक्षता करते हुए कम्प्यूटर विज्ञान विभाग के प्रो0 कर्मजीत भाटिया ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर डा0 सुहास, डा0 महेन्द्र सिंह असवाल, डा0 कृष्ण कुमार ने भी अपने विचार व्यक्त किए। वेबिनार का संयोजन डा0 श्वेतांक ने किया तथा संचालन डा0 दीन दयाल ने किया।

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