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उत्तराखंड संयुक्त ट्रेड यूनियन्स संघर्ष समिति का भारत बचाओ आंदोलन


उत्तराखण्ड संयुक्त ट्रेड यूनियन्स संघर्ष समिति के तत्वाधान में दीनदयाल पार्क में 9 अगस्त भारत छोड़ो आंदोलन की वर्ष गांठ पर देश व्यापी भारत बचाओ आंदोलन के तहत धरना दिया उक्त आशय की जानकारी सीटू के प्रांतीय सचिव लेखराज ने दी उन्होंने बताया कि इस आंदोलन में इंटक सीटू ऐटक एक्टू उत्तराखण्ड किसान सभा सहित उत्तराखण्ड केंद्रीय कर्मचारी।

रिपोर्ट  - à¤°à¤¤à¤¨à¤®à¤£à¥€ डोभाल

देहरादून 9 अगस्त 2020 ,उत्तराखण्ड संयुक्त ट्रेड यूनियन्स संघर्ष समिति के तत्वाधान में दीनदयाल पार्क में 9 अगस्त भारत छोड़ो आंदोलन की वर्ष गांठ पर देश व्यापी भारत बचाओ आंदोलन के तहत धरना दिया उक्त आशय की जानकारी सीटू के प्रांतीय सचिव लेखराज ने दी उन्होंने बताया कि इस आंदोलन में इंटक सीटू ऐटक एक्टू उत्तराखण्ड किसान सभा सहित उत्तराखण्ड केंद्रीय कर्मचारी समन्वयस्मिति , बैंक , बीमा ,रक्षा क्षेत्र की यूनियन फ़ेडरेशन्स आदि के प्रतिनिधि शामिल हुए । इस अवसर पर प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा गया । धरने को सम्बोधित करते हुए पर्व केबिनेट मंत्री और इंटक के प्रदेश अध्यक्ष हीरा सिंह बिष्ट ने कहा कि वर्तमान में केंद्र की मोदी सरकार कोरोना बीमारी से लड़ने में असफल हो गयी है जिसका फायदा उठाते हुए ये सरकर आयुद्धनिर्माणियो के नैगमिकरण कर उन्हें निजी हाथों में बेचने की साजिश रच रही है जिस कारण रक्षा क्षेत्र के समस्त कर्मचारी इसका विरोध कर रहे है इसी कड़ी में रेलवे , हवाई अड्डो , कोल इंडिया को भी निजी हाथों में बेचने की तैयारी की जा रही है उन्होंने कहा कि मोदी का आत्म निर्भर भारत का यही अर्थ है । इस अवसर पर सीटू के प्रांतीय सचिव लेखराज ने कहा कि उत्तराखण्ड सरकार द्वरा श्रम कानूनों को समाप्त करने का केबिनेट का फैसला शर्मनाक है इससे आम मजदूर के सारे अधिकार समाप्त हो जाएंगे जिससे मजदूरो को गुलामी की जिंदगी जीने के लिए मजबूर होना पड़ेगा इस फैसले से इस सरकाए का मजदूर विरोधी चेहरे तो सामने आ ही गया है वही 12 घण्टे काम के आदेश से बेरोजगारी बढ़ेगी दूसरी ओर मजदूरो के श्रम शक्ति पर प्रतिकूल असर पड़ेगा ।इस अवसर पर सीटू के प्रांतीय अध्यक्ष राजेंद्र सिंह नेगी ने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार द्वारा कारोना से लड़ रहे कॅरोना वरियर्स आशा वर्कर्स को मानदेय नही दे रहे है उन्हों कहा कि सरकार इस बीमारी से लड़ने में पूरी तरह से असफल हो गयी है उन्होंने श्रम कानूनों को निलंबित करने के फैसले को पुंजिपतियो की दलाली करार दिया । इस अवसर पर ऐटक के प्रदेश महामंत्री अशोक शर्मा ने कहा कि इस सरकार के द्वारा कर्मचारियों के वेतन व भत्तों में कटौती की गई है उसे तत्काल वापस लिया जाए उन्होंने चायबागान के श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा सहित वर्षो से चायबागान में निवास कर रहे श्रमिको को मालिकाना हक दिया जाए उन्होंने बिजली सेक्टर के निजीकरण के खिलाफ संघर्ष करने का ऐलान किये इससे आम आदमी को महंगी बिजली मिलेगी । इस अवसर पर उत्तराखण्ड किसान सभा के प्रदेश अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह सजवाण ने कहा कि केंद्र सरक द्वारा एसेंसियल कॉमोडिटी एक्ट के प्रावधानों को समाप्त कर किसानों को बर्बादी के रास्ते पर धकेल रही है इससे किसानों की फसल की लूट होगी और किसान का संकट और आधी गहराएगा उन्होंने कहा कि सभी किसानों के कर्ज माफ किये जायें उन्होंने देश मे मजदूर किसानों को सरकार की नीतियों से मिलकर लड़ने पर बल दिया । इस अवसर पर एक्टू के संयोजक के.पी.चन्दोला ने स्किम वर्कर्स की समस्याओं पर कहा कि सरकार आशा वर्करों से कम तो करवाती हर किन्तु मानदेय नही देती है उन्होंने आंगनवाड़ी ,आशा ,भोजन माताओ को 21000 रु न्यूनतम वेतन देने की मांग सरकार से की । इस अवसर पर मजिस्ट्रेट के माध्यम से प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजे गए इस अवसर पर किसानों की समस्याओं पर किसान सभा और आशा वर्कर्स ने भी ज्ञापन भेजे । इस अवसर पर इंटक के पंकज क्षेत्री , शिवा दुबे ने भी विचार व्यक्त किये । इस अवसर पर , भगवंत पयाल, रविन्द्र नौडियाल , देवराज , राजेन्द्र पुरोहित , कमरुद्दीन , बैंक से एस. एस रजवार, नौटियाल रक्षा क्षेत्र से ,,गगन ककड़ , शिवा दुबे , अनंत आकाश , देव राज , मुकेश , ईश्वर पल, मामचंद , लक्ष्मी नारायण , अनिल उनियाल, हरिओम , आनन्द , घनश्याम , विनोद कुमार , बच्ची राम कौंसवाल, अधिवक्ता संघ से शम्भू प्रसाद ममगई , बबिता , कलावती चन्दोला , लोकेश , अनिता , उर्मिला गैरोला ,पूजा देवी आदि बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।

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