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मां गंगा की गोद में अस्थियों को प्रवाहित करने से आत्मा को मुक्ति मिलती है-श्रीमहंत सुरेंद्रनाथ


कालिका पीठाधीश्वर एवं सनातन हिंदू वाहिनी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत सुरेंद्रनाथ अवधूत ने कहा कि श्री देवोत्थान सेवा समिति उत्तराखंड व पुण्यदायी अभियान सेवा समिति पहाडी बाजार के संयुक्त तत्वाधान में पिछले 17 वर्षो से अनवरत रूप से चल रहे लावारिस अस्थियां गंगा में प्रवाहित करने के अभियान के तहत 21 सितम्बर को दिल्ली एनसीआर सहित देश के विभिन्न प्रांतों से लायी गयी लावारिस अस्थियों को कनखल स्थित सती घाट पर पूरे विधि विधान के साथ मां गंगा की गोद में प्रवाहित किया जाएगा।

रिपोर्ट  - 

हरिद्वार, कालिका पीठाधीश्वर एवं सनातन हिंदू वाहिनी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत सुरेंद्रनाथ अवधूत ने कहा कि श्री देवोत्थान सेवा समिति उत्तराखंड व पुण्यदायी अभियान सेवा समिति पहाडी बाजार के संयुक्त तत्वाधान में पिछले 17 वर्षो से अनवरत रूप से चल रहे लावारिस अस्थियां गंगा में प्रवाहित करने के अभियान के तहत 21 सितम्बर को दिल्ली एनसीआर सहित देश के विभिन्न प्रांतों से लायी गयी लावारिस अस्थियों को कनखल स्थित सती घाट पर पूरे विधि विधान के साथ मां गंगा की गोद में प्रवाहित किया जाएगा। निष्काम सेवा ट्रस्ट में पत्रकारों को जानकारी देते हुए महंत सुरेंद्रनाथ अवधूत ने कहा कि शास्त्रों में भी कहा गया है कि अस्थियों को गंगा में प्रवाहित किए बिना मृतक की आत्मा को शांति नहीं मिलती है। लावारिस अस्थियों को गंगा में प्रवाहित करने के पुण्यदायी अभियान के तहत संस्था द्वारा अब तक 1,28,493 अस्थि कलशों को पूरे वैदिक विधि विधान से गंगा में प्रवाहित किया जा चुका है। जिसमें पाकिस्तान से लाए हिन्दू भाई बहनों के 295 अस्थि कलश भी शामिल हैं। उन्होंने बताया कि पिछले 17 वर्षो से अनवरत रूप से चल रहे अभियान के तहत 20 सितम्बर को 18वीं अस्थि कलश विसर्जन यात्रा हरिद्वार पहुंचेगी। 21 सितम्बर को निष्काम सेवा ट्रस्ट से भव्य देव झांकियों व बैण्ड बाजों से सुसज्जित अस्थि कलश यात्रा सूखी नदी, भीमगौड़ा, हरकी पैड़ी, अपर रोड़, शिवमूर्ति चैक, बंगाली मोड़, चैक बाजार होते हुए कनखल के सतीघाट पहुंचेंगी। सती घाट पर पूरे वैदिक विधि विधान व मंत्रोच्चारण के साथ गंगा में प्रवाहित की जाएगी। श्रीमहंत सुरेंद्रनाथ अवधूत ने समिति के अध्यक्ष अनिल नरेंद्र के प्रयासों के लिए सराहना करते हुए कहा कि पितृपक्ष के 16 दिनों में पितृ अपने परिजनों से मिलने गंगा तट पर आते हैं। उसी दौरान समिति द्वारा हजारों की संख्या में अस्थि कलशों को लाकर उन्हें गंगा में प्रवाहित कर मोक्ष दिलाना यह दर्शाता है कि संस्था बिछडों को भी परलोक गमन के समय मिलवाने का काम करती है। समिति के महामत्री एवं यात्रा संयोजक विजय शर्मा ने कहा कि इस बार भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आहवान पर प्लास्टिक व पाॅलिथिन के बहिष्कार को लेकर समिति द्वारा अस्थि कलशों को ससम्मान कपडों के थैलों में सजाया गया है। लाल और सफेद रंगों के थैलों में हजारों अस्थि कलश हरिद्वार पहुंचेगे। विजय शर्मा ने बताया कि दिल्ली एनसीआर के अलावा देश भर के शमशान घाटों से समिति के कार्यकर्ता लावारिस अस्थियां एकत्र करते हैं। जिन्हें हरिद्वार लाकर पूरे सम्मान के साथ गंगा में प्रवाहित किया जाता है। इस बार हिमाचल प्रदेश सहित कई प्रदेशों से लावारिस अस्थियां गंगा में प्रवाहित करने के लिए हरिद्वार लायी जाएंगी। उन्होंने कहा कि अस्थिल विसर्जन कार्यक्रम को संपन्न कराने के लिए समिति की उत्तराखण्ड ईकाई पूरी सक्रियता के साथ तैयारियां कर रही है। इस दौरान श्रीमहंत रामरतन गिरी, चण्डी देवी मंदिर के परमाध्यक्ष महत रोहित गिरी ने भी विचार रखे। इस अवसर पर प्रांत प्रमुख अवधेश शर्मा, उप प्रमुख उमेश कौशिक, सहयोगी संस्था पुण्यदायी अभियान सेवा समिति के संरक्षक प्रभारी रविंद्र गोयल, अमित वालिया, हिमांशु वालिया, कुलभूषण शर्मा, पुष्पेंद्र मिश्रा, संजय सैनी, अतुल गर्ग, सतेंद्र चैधरी, डाॅ चन्द्रधर काला, जानकी प्रसाद, लोधी चन्द्र प्रकाश शुक्ला, यशपाल विजन, श्रीराम विजय, अनिल गुप्ता, निगम पार्षद अनिरूद्ध भाटी, अनिल वशिष्ठ, पं पदम प्रकाश शर्मा, अजय अरोडा, डा राजीव तुम्बडिया, मनोज गौतम आदि भी मौजूद रहे।

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