Latest News

संस्कृत भारती द्वारा किये जा रहे अनेक कार्य* *प्रदेश भर में संस्कृत सप्ताह की धूम


'वर्तमान संदर्भ में संस्कृत' विषय पर आयोजित इस संगोष्ठी के मुख्य अतिथि प्रदेश के संस्कृत शिक्षा मंत्री अरविन्द पांडे थे।ऑनलाइन आयोजित हुई संगोष्ठी को संबोधित करते हुए शिक्षा मंत्री ने कहा कि संस्कृत के विकास के लिए वह निरन्तर अपना प्रयास जारी रखेंगे।

रिपोर्ट  - ALL NEWS BHARAT

हरिद्वार। संस्कृत भारती उत्तरांचलम् द्वारा इन दिनों संस्कृत सप्ताह प्रदेशभर में मनाया जा रहा है,कहीं ऑनलाइन सम्भाषण शिविर तो कहीं संगोष्ठियों की धूम है। प्रदेश कार्यालय में संस्कृत दिवस पर शुरुआत विद्वद् संगोष्ठी से की गई। 'वर्तमान संदर्भ में संस्कृत' विषय पर आयोजित इस संगोष्ठी के मुख्य अतिथि प्रदेश के संस्कृत शिक्षा मंत्री अरविन्द पांडे थे।ऑनलाइन आयोजित हुई संगोष्ठी को संबोधित करते हुए शिक्षा मंत्री ने कहा कि संस्कृत के विकास के लिए वह निरन्तर अपना प्रयास जारी रखेंगे।उन्होंने कहा कि संस्कृत प्रदेश की द्वितीय राजभाषा होने के कारण सबसे अधिक जिम्मेदारी के साथ सरकार इस दिशा में कार्य कर रही है। प्रदेश में संस्कृत भाषा को आमजन तक पहुँचाने के लिए हमें चिंतन मनन कर कार्य करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में संस्कृत मय वातावरण बनाने के प्रमुख कारणों पर सरकार गंभीरता से विचार कर रही है, संस्कृत रोजगार से जुड़े इसलिए इस दिशा में जरूरी कदम उठाए जाएंगे। विशिष्ट अतिथि दिव्य प्रेम सेवा मिशन के संस्थापक डॉ आशीष गौतम ने दुनियां में फैले संस्कृत ज्ञान के बारे में बताते हुए कहा जिस तरह प्राचीनकाल में संस्कृत पूरे विश्व की सिरमौर भाषा थी,ठीक उसी प्रकार से मौजूदा युग में भी संस्कृत का महत्व लोग समझने लगे हैं,यही कारण है कि दुनियां के लोग संस्कृत की ओर खींचे चले आ रहे हैं। विदेशों के अनेक विश्वविद्यालयों में संस्कृत पढ़ाई जा रही है। सारस्वत अतिथि उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति ने संस्कृत में वर्णित ज्योतिष के अनेक पक्षों को विस्तार से समझाया।उन्होंने कहा कि ज्योतिष के गूढ़ पक्ष को संस्कृत के अध्ययन द्वारा ही जाना जा सकता है। गुरुकुल काँगड़ी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर रूप किशोर शास्त्री भी विद्वद् गोष्ठी के सारस्वत अतिथि थे। प्रोफेसर शास्त्री ने संस्कृत को वेदों से जोड़ते हुए कहा कि हमारे सम्पूर्ण वेद संस्कृत भाषा में ही हैं,इससे यह बात सच साबित होती है कि सम्पूर्ण ब्रह्मांड में संस्कृत ही श्रेष्ठ भाषा है।संस्कृत भारती के प्रांत संपर्क प्रमुख डॉ प्रकाश पंत ने बतौर वक्ता अपने विचार संगोष्ठी में साझा किये। उन्होंने संस्कृत भारती द्वारा संस्कृत के उन्नयन में लगे हजारों कार्यकर्ताओं के योगदान को गोष्ठी में मजबूती के साथ रखा। संस्कृत अकादमी उत्तराखण्ड के उपाध्यक्ष एवं उत्तरांचलम् संस्कृत भारती न्यास के अध्यक्ष प्रोफेसर प्रेमचंद शास्त्री ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए संस्कृत भारती द्वारा संस्कृत सप्ताह के कार्यक्रमों की जानकारियां दीं।उन्होंने बताया कि 31 जुलाई को संस्कृत सम्भाषण वर्ग का शुभारंभ ,1 अगस्त को सुभाषित गान स्पर्धा, 2 को विद्वद् गोष्ठी, 3 को संस्कृत ज्ञान प्रतियोगिता तथा 4 को संस्कृत कुटुंब परिचय का कार्यक्रम आयोजित हुआ। 5 अगस्त को संस्कृत छात्र कविसम्मेलन तथा 6 अगस्त को संस्कृत सम्भाषण वर्ग का ऑनलाइन समापन कार्यक्रम होगा। संस्कृत भारती के प्रदेश संगठन मंत्री योगेश विद्यार्थी ने गोष्ठी में शामिल सभी अतिथियों का आभार प्रकट किया। इस अवसर पर प्रान्त मंत्री राकेश शर्मा, प्रचार प्रमुख डॉ संजू ध्यानी, डॉ चंद्रप्रकाश उप्रेती, जगदीश जोशी, वेदमित्र सहित अनेक कार्यकर्ता गोष्ठी में शामिल थे।

Related Post