à¤à¤¯à¤¾à¤¨à¤• महामारी बन चà¥à¤•à¥‡ कोरोना वायरस तथा इसके संकà¥à¤°à¤®à¤£ के फैलने से बचने के उपायों को लेकर किये जा रहे अनà¥à¤¸à¤‚धान तथा मानव टà¥à¤°à¤¾à¤¯à¤² पर कारà¥à¤¯ तेजी से चल रहा है।
रिपोर्ट - ALL NEWS BHARAT
आज पूरी दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ मे à¤à¤¯à¤¾à¤¨à¤• महामारी बन चà¥à¤•à¥‡ कोरोना वायरस तथा इसके संकà¥à¤°à¤®à¤£ के फैलने से बचने के उपायों को लेकर किये जा रहे अनà¥à¤¸à¤‚धान तथा मानव टà¥à¤°à¤¾à¤¯à¤² पर कारà¥à¤¯ तेजी से चल रहा है। इन पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸à¥‹à¤‚ मे सफलता के लिये दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾à¤à¤° के लोग वà¥à¤¯à¤¾à¤•à¥à¤² à¤à¤µà¤‚ बेसबरी से इनà¥à¤¤à¤œà¤¾à¤° कर रहे है। दवा कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° से जà¥à¤¡à¥‡ वैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤• दिन-रात तरह तरह के पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸à¥‹à¤‚ के माधà¥à¤¯à¤® से शोधकारà¥à¤¯à¥‹ में जà¥à¤Ÿà¥‡ है, ताकि इस कोरोना महामारी से बचाव हेतॠकारगर टीका अथवा दवाई तैयार की जा सके। हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° के मनोवैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤• डाॅ0 शिवकà¥à¤®à¤¾à¤° चैहान का कहना है कि वैशà¥à¤µà¤¿à¤• परिवेश को छोडकर à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ परिवेश की बात की जाये तो यहां सामाजिक ढांचे का पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥‚प à¤à¤¸à¤¾ है जिसमे अनेक धरà¥à¤®, जाति, पंथ, समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ के लोग साथ रहते है। इसी परिवेश में à¤à¤¸à¥‡ लोग à¤à¥€ बहà¥à¤¤à¤¾à¤¯à¤¤ है जो बिना किसी सहारे के अपनी दैनिक जरूरतों की पूरà¥à¤¤à¤¿ के लिठà¤à¥€à¤– मांगकर गà¥à¤œà¤° बसर करते है अथवा दूसरों की दया पर निरà¥à¤à¤° रहते है। à¤à¤¸à¥€ ही जिंदगी पारिवारिक अथवा सामाजिक परिवरà¥à¤¤à¤¨ के कारण अपने सà¥à¤µà¤à¤¾à¤µ मे परिवरà¥à¤¤à¤¨ न कर पाने वाले लोग जो मानसिक रूप से विकà¥à¤·à¤¿à¤ªà¥à¤¤ अथवा परà¥à¤¸à¤¨à¤¾à¤²à¥à¤Ÿà¥€ डिसआरà¥à¤¡à¤° का शिकार हो गये है। à¤à¤¸à¥‡ लोगों के सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯ की परवाह करने के लिठन तो सरकार के पास कोई कारà¥à¤¯ योजना है और न ही सामाजिक संसà¥à¤¥à¤¾à¤¯à¥‡ और संगठन इस दिशा मे सकà¥à¤°à¤¿à¤¯ है। लेकिन कà¥à¤› लोग à¤à¤• बडी जिमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤°à¥€ के साथ इस दिशा मे कारà¥à¤¯ की आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ समà¤à¤¤à¥‡ है। à¤à¤• ओर जहां कोविड के संकà¥à¤°à¤®à¤£ से बचने के जनमानस अपनी इमà¥à¤¯à¥‚निटी मजबूत करने, सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯ के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ जागरूक रहकर, संकà¥à¤°à¤®à¤£ से बचने के लिठसामाजिक दूरी à¤à¤µà¤‚ मासà¥à¤• का उपयोग करके, सैनेटाईजर आदि उपायों दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ अपनी सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ के इनà¥à¤¤à¤œà¤¾à¤®à¤¾à¤¤ कर रहा है। वही à¤à¥€à¤– मांगकर अपना गà¥à¤œà¤° बसर करने वाले मजबूर à¤à¤µà¤‚ असहाय लोगों की चिनà¥à¤¤à¤¾ करने को कोई नही है। जिनके दिन की शà¥à¤°à¥‚आत ही शायद सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯ की चिनà¥à¤¤à¤¾ को ताक पर रखकर होती है। वही मानसिक विकà¥à¤·à¤¿à¤ªà¥à¤¤ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ अथवा महिला को तो सà¥à¤µà¤¯à¤‚ के असà¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ का ही बोध नही है। कà¥à¤¯à¤¾ सही अथवा कà¥à¤¯à¤¾ गलत इसका à¤à¥€ उसे पता नही है। à¤à¤¸à¥‡ लोगों को कोरोना से बचाने के लिठशायद किसी ने सोचा à¤à¥€ नही है। à¤à¤¸à¥‡ तमाम लोगों के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ मानवीय संवेदना तथा मदद के पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ à¤à¥€ किये जाने जरूरी है। शायद इसीलिठकहा गया है ‘जाकों राखे साईयां मार सके न कोई’। कोरोना संकà¥à¤°à¤®à¤£ से दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ मे जहां मौतों का आंकडा 75 लाख के पार हो रहा है वही कोई à¤à¥€ सरà¥à¤µà¥‡ इस बात की पà¥à¤·à¥à¤Ÿà¤¿ नही करता है कि किसी à¤à¤¿à¤–ारी अथवा मानसिक विकà¥à¤·à¤¿à¤ªà¥à¤¤ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ या महिला की मौत कोविड के कारण हà¥à¤ˆ हो। परनà¥à¤¤à¥ यह समाज के लिठà¤à¤• चà¥à¤¨à¥Œà¤¤à¥€ है कि यदि à¤à¤¸à¤¾ कोई वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ कोविड के कारण संकà¥à¤°à¤®à¤¿à¤¤ पाया जाता है। तब उसके बिना किसी रोक टोक के à¤à¤• सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ से दूसरे सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पर घूमने से संकà¥à¤°à¤®à¤£ फैल सकता है। और इसकी संà¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ अधिक इसलिठà¤à¥€ है कà¥à¤¯à¥‹à¤•à¤¿ à¤à¤¸à¥‡ लोगों की इमà¥à¤¯à¥‚निटी à¤à¤µà¤‚ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤°à¥‹à¤§à¤• कà¥à¤·à¤®à¤¤à¤¾ अपेकà¥à¤·à¤¾à¤•à¥ƒà¤¤ कम होने की संà¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ है। जिसके कारण इनमे संकà¥à¤°à¤®à¤£ का à¤à¤¯ जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ है। और यदि लकà¥à¤·à¤£ अनà¥à¤à¤µ à¤à¥€ हो तो उनà¥à¤¹à¥‡ बताने à¤à¤µà¤‚ जाॅच की वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ नही है। यदि à¤à¤¸à¥‡ लोग संकà¥à¤°à¤®à¤£ का शिकार हो जाते है तो इसके पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤° को फैलने से रोकना सरकार के लिठसंकट पैदा कर सकता है। इसलिठसरकार को à¤à¥€ इस दिशा में सोचते हà¥à¤ कारगर कारà¥à¤¯à¤¯à¥‹à¤œà¤¨à¤¾ तैयार करने की जरूरत है। वही सामाजिक संसà¥à¤¥à¤¾à¤“ं à¤à¤µà¤‚ संगठनों को à¤à¥€ इस ओर धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ देने की आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ है। तà¤à¥€ à¤à¤• सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥ à¤à¤µà¤‚ जागरूक सामाज की संकलà¥à¤ªà¤¨à¤¾ साकार हो सकती है।