गीता में à¤à¤—वान कृषà¥à¤£ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ अरà¥à¤œà¥à¤¨ को दिये गये धरà¥à¤® शासà¥à¤¤à¥à¤° के इसी उपदेश में वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ को जीवन का सार समà¤à¤¾à¤¯à¤¾ गया है। वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ जीवन मे कितना à¤à¥€ साधन समà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ बन जाये, धरà¥à¤® और अधरà¥à¤® के बीच चलता उसका जीवन पग पग पर इसी à¤à¤¾à¤µà¤¾à¤°à¥à¤¥ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° करà¥à¤® करने की पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾ देता है।
रिपोर्ट - ALL NEWS BHARAT
यदा यदा ही धरà¥à¤®à¤¸à¥à¤¯, गà¥à¤²à¤¾à¤¨à¤¿à¤°à¥à¤à¤µà¤¤à¥€ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥¤ अà¤à¥à¤¯à¥à¤¥à¤¾à¤¨à¤® अधरà¥à¤®à¤¸à¥à¤¯, तदातà¥à¤®à¤¾à¤¨à¤‚ सृजामà¥à¤¯à¤¹à¤®à¥à¥¤ परितà¥à¤°à¤¾à¤£à¤¾à¤¯ साधà¥à¤¨à¤¾à¤® विनाशाय चः दà¥à¤·à¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¾à¤®, धरà¥à¤® संसà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¾à¤¯ समà¥à¤à¤µà¤¾à¤®à¥€ यà¥à¤—े यà¥à¤—े।। जब-जब धरà¥à¤® की हानि और अधरà¥à¤® की वृदà¥à¤§à¤¿ होती है, तब-तब मैं पà¥à¤°à¤•à¤Ÿ होता हूà¤à¥¤ à¤à¤¾à¤µà¤¾à¤°à¥à¤¥ - हे पारà¥à¤¥! साधॠपà¥à¤°à¥à¤·à¥‹à¤‚ का उदà¥à¤§à¤¾à¤° करने के लिà¤, पाप करà¥à¤® करने वालों का विनाश करने के लिठऔर धरà¥à¤® की सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ करने के लिठमैं यà¥à¤—-यà¥à¤— में पà¥à¤°à¤•à¤Ÿ हà¥à¤† करता हूà¤à¥¤ गीता में à¤à¤—वान कृषà¥à¤£ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ अरà¥à¤œà¥à¤¨ को दिये गये धरà¥à¤® शासà¥à¤¤à¥à¤° के इसी उपदेश में वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ को जीवन का सार समà¤à¤¾à¤¯à¤¾ गया है। वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ जीवन मे कितना à¤à¥€ साधन समà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ बन जाये, धरà¥à¤® और अधरà¥à¤® के बीच चलता उसका जीवन पग पग पर इसी à¤à¤¾à¤µà¤¾à¤°à¥à¤¥ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° करà¥à¤® करने की पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾ देता है। अनीति à¤à¤µà¤‚ अनà¥à¤¯à¤¾à¤¯ के मारà¥à¤— पर चलने से वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ की हानि ही हानि है। इसलिठसदैव धरà¥à¤® और अधरà¥à¤® की विवेक पूरà¥à¤£ विचार करके ही किसी à¤à¥€ करà¥à¤® को करने के लिठआगे बढना चाहिà¤à¥¤ जीवन मे इसी संकलà¥à¤ª को याद दिलाने का परà¥à¤µ है शà¥à¤°à¥€ कृषà¥à¤£ जनà¥à¤®à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¤®à¥€ महोतà¥à¤¸à¤µ! शà¥à¤°à¥€ हरि विषà¥à¤£à¥ से लिया गया à¤à¤—वान शà¥à¤°à¥€à¤•à¥ƒà¤·à¥à¤£ का अवतार अनीति, अधरà¥à¤®, अतà¥à¤¯à¤¾à¤šà¤¾à¤° à¤à¤µà¤‚ अà¤à¤¿à¤®à¤¾à¤¨ का शमन करने के लिठà¤à¤µà¤‚ साधॠसनà¥à¤¤à¥‹à¤‚ à¤à¤µà¤‚ à¤à¤¦à¥à¤° पà¥à¤°à¥‚षों को इससे मà¥à¤•à¥à¤¤à¤¿ पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ करने के लिठही हà¥à¤† था। à¤à¤—वान शà¥à¤°à¥€à¤•à¥ƒà¤·à¥à¤£ के जनà¥à¤® के साथ जà¥à¤¡à¥€ पौराणिक कथा का à¤à¥€ यही अà¤à¤¿à¤ªà¥à¤°à¤¾à¤¯ है। à¤à¤¾à¤¦à¥à¤°à¤ªà¤¦ कृषà¥à¤£ अषà¥à¤Ÿà¤®à¥€ को शà¥à¤°à¥€à¤•à¥ƒà¤·à¥à¤£ जनà¥à¤®à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¤®à¥€ कहते हैं। यह दिन à¤à¤—वान शà¥à¤°à¥€à¤•à¥ƒà¤·à¥à¤£ का जनà¥à¤®à¤¦à¤¿à¤µà¤¸ माना जाता है। इसी तिथि की घनघोर अंधेरी आधी रात को रोहिणी नकà¥à¤·à¤¤à¥à¤° में मथà¥à¤°à¤¾ के कारागार में वसà¥à¤¦à¥‡à¤µ की पतà¥à¤¨à¥€ देवकी के गरà¥à¤ से à¤à¤—वान शà¥à¤°à¥€à¤•à¥ƒà¤·à¥à¤£ ने जनà¥à¤® लिया था। यह तिथि उस शà¥à¤ घड़ी की याद दिलाती है और सारे देश में बड़ी धूमधाम से मनाई जाती है। जनà¥à¤®à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¤®à¥€ के दिन कà¥à¤› लोग à¤à¤—वान शà¥à¤°à¥€à¤•à¥ƒà¤·à¥à¤£ के जनà¥à¤® संबंधी कथा का à¤à¥€ सà¥à¤®à¤°à¤£ करते à¤à¤µà¤‚ सà¥à¤¨à¤¤à¥‡-सà¥à¤¨à¤¾à¤¤à¥‡ हैं। दà¥à¤µà¤¾à¤ªà¤° यà¥à¤— में à¤à¥‹à¤œà¤µà¤‚शी राजा उगà¥à¤°à¤¸à¥‡à¤¨ मथà¥à¤°à¤¾ में राजा हà¥à¤à¥¤ उनके आततायी पà¥à¤¤à¥à¤° कंस ने उनà¥à¤¹à¥‡ गदà¥à¤¦à¥€ से उतार कर सà¥à¤µà¤¯à¤‚ मथà¥à¤°à¤¾ का राजा बन बैठा। कंस की à¤à¤• बहन देवकी थी, जिसका विवाह वसà¥à¤¦à¥‡à¤µ नामक यदà¥à¤µà¤‚शी सरदार (मà¥à¤–िया) से हà¥à¤†à¥¤ à¤à¤• समय कंस अपनी बहन देवकी को उसकी ससà¥à¤°à¤¾à¤² पहà¥à¤‚चाने जा रहा था तब रासà¥à¤¤à¥‡ में आकाशवाणी हà¥à¤ˆ- हे कंस, जिस देवकी को तू बड़े पà¥à¤°à¥‡à¤® से ले जा रहा है, उसी में तेरा काल बसता है। इसी के गरà¥à¤ से उतà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ आठवां बालक तेरा वध करेगा। यह सà¥à¤¨à¤•à¤° कंस वसà¥à¤¦à¥‡à¤µ को मारने के लिठउदà¥à¤¯à¤¤ हà¥à¤†à¥¤ तà¤à¥€ देवकी ने उससे विनयपूरà¥à¤µà¤• कहा- मेरे गरà¥à¤ से जो संतान होगी, उसे मैं तà¥à¤®à¥à¤¹à¤¾à¤°à¥‡ सामने लाकर रख दूंगी। बहनोई को मारना सबसे बडा पाप है। कंस ने देवकी की बात मान ली और मथà¥à¤°à¤¾ वापस चला आया। उसने वसà¥à¤¦à¥‡à¤µ और देवकी को कारागृह में डाल दिया। उसने वसà¥à¤¦à¥‡à¤µ-देवकी के à¤à¤•-à¤à¤• करके सात पà¥à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ को जनà¥à¤® लेते ही मार डाला। जब आठवां बचà¥à¤šà¤¾ होने वाला था, तब कंस ने कारागार में उन पर कड़ा पहरा बैठा दिया। उसी समय नंद की पतà¥à¤¨à¥€ यशोदा को à¤à¥€ à¤à¤• पà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ पैदा हà¥à¤ˆà¥¤ उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने वसà¥à¤¦à¥‡à¤µ-देवकी के दà¥à¤–ी जीवन को देख आठवें बचà¥à¤šà¥‡ की रकà¥à¤·à¤¾ का उपाय रचा। जिस समय वसà¥à¤¦à¥‡à¤µ-देवकी को पà¥à¤¤à¥à¤° पैदा हà¥à¤†, उसी समय संयोग से यशोदा के गरà¥à¤ से जनà¥à¤®à¥€ कनà¥à¤¯à¤¾ जो और कà¥à¤› नहीं सिरà¥à¤« माया रूप थी। जिस कोठरी में देवकी-वसà¥à¤¦à¥‡à¤µ कैद थे, उसमें अचानक पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ हà¥à¤† और उनके सामने शंख, चकà¥à¤°, गदा, पदà¥à¤® धारण किठचतà¥à¤°à¥à¤à¥à¤œ à¤à¤—वान पà¥à¤°à¤•à¤Ÿ हà¥à¤à¥¤ दोनों à¤à¤—वान के चरणों में गिर पड़े। तब à¤à¤—वान ने उनसे कहा- अब मैं पà¥à¤¨à¤ƒ नवजात शिशॠका रूप धारण कर लेता हूं। तà¥à¤® मà¥à¤à¥‡ इसी समय अपने मितà¥à¤° नंदजी के घर वृंदावन à¤à¥‡à¤œ दो और उनके यहां जनà¥à¤®à¥€ कनà¥à¤¯à¤¾ को लाकर कंस के हवाले कर दो। इस समय वातावरण अनà¥à¤•à¥‚ल नहीं है। फिर à¤à¥€ तà¥à¤® चिंता न करो। कारागार मे जागते हà¥à¤ पहरेदार सो जाà¤à¤‚गे, कारागृह के फाटक अपने आप खà¥à¤² जाà¤à¤‚गे और उफनती अथाह यमà¥à¤¨à¤¾ तà¥à¤®à¤•à¥‹ पार जाने का मारà¥à¤— दे देगी। उसी समय वसà¥à¤¦à¥‡à¤µ नवजात शिशà¥-रूप शà¥à¤°à¥€à¤•à¥ƒà¤·à¥à¤£ को सूप में रखकर कारागृह से निकल पड़े और अथाह यमà¥à¤¨à¤¾ को पार कर नंदजी के घर पहà¥à¤‚चे। वहां उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने नवजात शिशॠको यशोदा के पास सà¥à¤²à¤¾ दिया और कनà¥à¤¯à¤¾ को लेकर मथà¥à¤°à¤¾ आ गà¤à¥¤ कारागृह के फाटक पूरà¥à¤µà¤µà¤¤ बंद हो गà¤à¥¤ अब कंस को सूचना मिली कि वसà¥à¤¦à¥‡à¤µ-देवकी का आठवा बचà¥à¤šà¤¾ पैदा हà¥à¤† है। कंस ने बंदीगृह में जाकर देवकी के हाथ से नवजात कनà¥à¤¯à¤¾ को छीनकर पृथà¥à¤µà¥€ पर पटक देना चाहा, परंतॠवह कनà¥à¤¯à¤¾ आकाश मारà¥à¤— से उड़ गई और कहा- अरे मूरà¥à¤–, मà¥à¤à¥‡ मारने से कà¥à¤¯à¤¾ होगा? तà¥à¤à¥‡ मारने वाला तो वृंदावन में पैदा हो चà¥à¤•à¤¾ है। वह जलà¥à¤¦ ही तà¥à¤à¥‡ मार कर मथà¥à¤°à¤¾ नगरी को तेरे अनà¥à¤¯à¤¾à¤¯ à¤à¤µà¤‚ अतà¥à¤¯à¤¾à¤šà¤¾à¤° से मà¥à¤•à¥à¤¤à¥€ पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ करेगा। à¤à¤—वान शà¥à¤°à¥€à¤•à¥ƒà¤·à¥à¤£ के जनà¥à¤® की कथा, हमें यही सनà¥à¤¦à¥‡à¤¶ देती है कि पापी अतà¥à¤¯à¤¾à¤šà¤¾à¤°à¥€ कितना ही बडा कà¥à¤¯à¥‹ न हो। जीवन में à¤à¤• दिन वह अवशà¥à¤¯ ही अपने करà¥à¤®à¥‹ का फल पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ करता है। इसके लिठही à¤à¤—वान का पृथà¥à¤µà¥€ पर अवतरण होता है। आओं à¤à¤—वान शà¥à¤°à¥€à¤•à¥ƒà¤·à¥à¤£ के जनà¥à¤® दिवस के पावन अवसर पर हम सà¤à¥€ वà¥à¤°à¤¤ धारण करे कि हम जीवन में सदैव सदà¥à¤•à¤°à¥à¤®à¥‹ का अनà¥à¤¸à¤°à¤£ करेगे तथा अपने मन, वचन तथा करà¥à¤® से किसी को à¤à¥€ दà¥à¤–ः नही पहà¥à¥…चायेगे। तà¤à¥€ सनातन धरà¥à¤® के पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤• इस महापरà¥à¤µ को मनाने की सारà¥à¤¥à¤•à¤¤à¤¾ सिदà¥à¤µ होती है।