परमारà¥à¤¥ निकेतन के परमाधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी महाराज ने आज अहिलà¥à¤²à¤¯à¤¾à¤¬à¤¾à¤ˆ होलà¥à¤•à¤° की पà¥à¤£à¥à¤¯à¤¤à¤¿à¤¥à¤¿ पर à¤à¤¾à¤µà¤à¥€à¤¨à¥€ शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤‚जलि अरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ करते हà¥à¤¯à¥‡ कहा कि अहिलà¥à¤²à¤¾à¤¬à¤¾à¤ˆ ने कनà¥à¤¯à¤¾à¤•à¥à¤®à¤¾à¤°à¥€ से हिमालय तक और दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¿à¤•à¤¾ से लेकर पà¥à¤°à¥€ तक अनेक मंदिर, घाट, तालाब, बावड़ियाà¤, धरà¥à¤®à¤¶à¤¾à¤²à¤¾à¤à¤‚, कà¥à¤à¤‚, à¤à¥‹à¤œà¤¨à¤¾à¤²à¤¯, आदि बनवाये थे।
रिपोर्ट - ALL NEWS BHARAT
ऋषिकेश, 13 अगसà¥à¤¤à¥¤ परमारà¥à¤¥ निकेतन के परमाधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी महाराज ने आज अहिलà¥à¤²à¤¯à¤¾à¤¬à¤¾à¤ˆ होलà¥à¤•à¤° की पà¥à¤£à¥à¤¯à¤¤à¤¿à¤¥à¤¿ पर à¤à¤¾à¤µà¤à¥€à¤¨à¥€ शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤‚जलि अरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ करते हà¥à¤¯à¥‡ कहा कि अहिलà¥à¤²à¤¾à¤¬à¤¾à¤ˆ ने कनà¥à¤¯à¤¾à¤•à¥à¤®à¤¾à¤°à¥€ से हिमालय तक और दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¿à¤•à¤¾ से लेकर पà¥à¤°à¥€ तक अनेक मंदिर, घाट, तालाब, बावड़ियाà¤, धरà¥à¤®à¤¶à¤¾à¤²à¤¾à¤à¤‚, कà¥à¤à¤‚, à¤à¥‹à¤œà¤¨à¤¾à¤²à¤¯, आदि बनवाये थे। उनà¥à¤¹à¥‹à¥‡à¤‚ने काशी का पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ विशà¥à¤µà¤¨à¤¾à¤¥ और अनà¥à¤¯ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ पर पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ मंदिर à¤à¤µà¤‚ घाट का निरà¥à¤®à¤¾à¤£ और जीरà¥à¤£à¥‹à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤° करवाया था, यह सब उनकी सेवा और धरà¥à¤®à¤ªà¤°à¤¾à¤¯à¤£à¤¤à¤¾ का उतà¥à¤•à¥ƒà¤·à¥à¤Ÿ उदाहरण है। उनके दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ करवाया गया निरà¥à¤®à¤¾à¤£ कारà¥à¤¯ सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¤à¥à¤¯ कला का उतà¥à¤•à¥ƒà¤·à¥à¤Ÿ उदाहरण पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ करता हैं। आज उनकी पà¥à¤£à¥à¤¯à¤¤à¤¿à¤¥à¤¿ पर उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ और उनके कारà¥à¤¯à¥‹ को नमन। अहिलà¥à¤²à¤¾ बाई ने मालवा का राजपाठसमà¥à¤à¤¾à¤²à¤¾ और समà¥à¤ªà¥‚रà¥à¤£ à¤à¤¾à¤°à¤¤ को नारी की शकà¥à¤¤à¤¿ से परिचय करवाया। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने नारियों की सेना बनाई और सà¥à¤µà¤¯à¤‚ उस सेना का नेतृतà¥à¤µ à¤à¥€ किया तथा पेशवा के सामने अपने राजà¥à¤¯ की à¥à¤¾à¤² बनकर खड़ी रही। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी ने कहा कि अहिलà¥à¤¯à¤¾ बाई à¤à¤¾à¤°à¤¤ की वीरांगनाओं में से à¤à¤• थी। उनके साहसिक कारà¥à¤¯à¥‹à¤‚ और धरà¥à¤®à¤¨à¤¿à¤·à¥à¤ ा के लिये उनà¥à¤¹à¥‡ ंहमेशा याद किया जायेगा। à¤à¤¾à¤°à¤¤ की नारिया ंहमेशा से ही साहस और समरà¥à¤ªà¤£ की पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤®à¥‚रà¥à¤¤à¤¿ रही है और आज à¤à¥€ है, जरूरत है तो उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ समà¥à¤®à¤¾à¤¨ देने की। अहिलà¥à¤¯à¤¾à¤¬à¤¾à¤ˆ वासà¥à¤¤à¤µ में नà¥à¤¯à¤¾à¤¯ और धरà¥à¤® की पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤®à¥‚रà¥à¤¤à¤¿ थीं। हिनà¥à¤¦à¥à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤¨ के इतिहास में यह à¤à¤• बड़ा अदà¥à¤à¥à¤¤ समय था जब राजà¥à¤¯ कारà¥à¤¯ की धà¥à¤°à¥€ à¤à¤• उपासना परायण, धरà¥à¤®à¤¨à¤¿à¤·à¥à¤ नारी के हाथ में सौंपी गयी थी। à¤à¤¾à¤°à¤¤ के इतिहास में à¤à¤• समय à¤à¤¸à¤¾ à¤à¥€ आया जब à¤à¤• नारी कà¥à¤¶à¤²à¤¤à¤¾ से राज कारà¥à¤¯ चला रही थी। कहा जाये तो उस समय मराठों ने à¤à¤• à¤à¤¸à¤¾ पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— किया कि राजà¥à¤¯ की शकà¥à¤¤à¤¿ अहिलà¥à¤¯à¤¾à¤¬à¤¾à¤ˆ के हाथ में सौंप दी और उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने बहà¥à¤¤ अचà¥à¤›à¥€ तरह राजà¥à¤¯ चलाया। अपने जà¥à¤žà¤¾à¤¨, संयम और शसà¥à¤¤à¥à¤°à¤¬à¤² से दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ को जीतने का पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ किया और पà¥à¤°à¥‡à¤® से व धरà¥à¤® से दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ को पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ à¤à¥€ किया। अहिलà¥à¤²à¤¾à¤¬à¤¾à¤ˆ होलà¥à¤•à¤° की दो पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° की विचारधाराà¤à¤ थी उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने अंधविशà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥‹à¤‚ और रूà¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को समापà¥à¤¤ करने का पूरा पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ किया। वह उस समय अà¤à¤§à¥‡à¤°à¥‡ में पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶-किरण के समान थीं, अपने उतà¥à¤•à¥ƒà¤·à¥à¤Ÿ विचारों à¤à¤µà¤‚ नैतिक आचरण के चलते ही समाज में उनà¥à¤¹à¥‹à¤¨à¥‡ शà¥à¤°à¥‡à¤·à¥à¤ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ किया और उनके दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ किये गये सेवा कारà¥à¤¯à¥‹ के लिये उनà¥à¤¹à¥‡ ंहमेशा याद किया जायेगा। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी ने कहा कि जिस समय अहिलà¥à¤²à¤¾à¤¬à¤¾à¤ˆ ने राजगदà¥à¤¦à¥€ समà¥à¤à¤¾à¤²à¥€ तब वह मातà¥à¤° 30 वरà¥à¤· की विधवा थीं। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने अपने पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨ को बखूबी समà¥à¤à¤¾à¤²à¤¾ और वे राजकाज करने में सफल à¤à¥€ हà¥à¤ˆà¥¤ वे शानà¥à¤¤à¤¿à¤ªà¥à¤°à¤¿à¤¯ महिला थी उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने यà¥à¤¦à¥à¤§à¥‹à¤‚ को टाला और हमेशा शांति कायम रखने का पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ किया। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने अपने राजà¥à¤¯ और पà¥à¤°à¤œà¤¾ को हमेशा खà¥à¤¶à¤¹à¤¾à¤² रखने का पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ किया। à¤à¤¸à¥€ वीरांगना को à¤à¤¾à¤µà¤à¥€à¤¨à¥€ शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤‚जलि।