à¤à¤®à¥à¤¸ ऋषिकेश की ओर से राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ पोषण सपà¥à¤¤à¤¾à¤¹ के तहत, सà¥à¤•à¥‚ल के बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯à¤µà¤°à¥à¤§à¤• कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤“ं की जानकारी दी गई और पोषक ततà¥à¤µà¥‹à¤‚ को लेकर जागरà¥à¤• किया गया।
रिपोर्ट - अंजना à¤à¤Ÿà¥à¤Ÿ घिलà¥à¤¡à¤¿à¤¯à¤¾à¤²
अखिल à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ आयà¥à¤°à¥à¤µà¤¿à¤œà¥à¤žà¤¾à¤¨ संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ à¤à¤®à¥à¤¸ ऋषिकेश की ओर से राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ पोषण सपà¥à¤¤à¤¾à¤¹ के तहत, सà¥à¤•à¥‚ल के बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯à¤µà¤°à¥à¤§à¤• कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤“ं की जानकारी दी गई और पोषक ततà¥à¤µà¥‹à¤‚ को लेकर जागरà¥à¤• किया गया। à¤à¤®à¥à¤¸ के सामà¥à¤¦à¤¾à¤¯à¤¿à¤• à¤à¤µà¤‚ पारिवारिक चिकितà¥à¤¸à¤¾ विà¤à¤¾à¤— दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾, राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ पोषण सपà¥à¤¤à¤¾à¤¹ के तहत पांचवें दिन शà¥à¤•à¥à¤°à¤µà¤¾à¤° को इंदिरा राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ बाल विकास उचà¥à¤š पà¥à¤°à¤¾à¤¥à¤®à¤¿à¤• विदà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯, रायवाला में ककà¥à¤·à¤¾ छह से आठतक के छातà¥à¤°-छातà¥à¤°à¤¾à¤“ं को विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤“ं के माधà¥à¤¯à¤® से सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯à¤µà¤°à¥à¤§à¤• व पौषà¥à¤Ÿà¤¿à¤• आहार के बारे में जानकारी दी गई। इस अवसर पर अपने संदेश में निदेशक à¤à¤®à¥à¤¸ पदà¥à¤®à¤¶à¥à¤°à¥€ पà¥à¤°à¥‹ रवि कांत ने कहा कि बचà¥à¤šà¥‡ à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ की नींव होते हैं, लिहाजा अà¤à¤¿à¤à¤¾à¤µà¤•à¥‹à¤‚ à¤à¤µà¤‚ सà¥à¤•à¥‚ल के शिकà¥à¤·à¤•à¥‹à¤‚ को उनके खानपान पर धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ देने की विशेष आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ है। निदेशक à¤à¤®à¥à¤¸ पà¥à¤°à¥‹. रवि कांत ने कहा कि वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ आपाधापी वाली दिनचरà¥à¤¯à¤¾ व बिगड़ती जीवनशैली, अनियमित खानपान अधिकांश रोगों का कारण है, लिहाजा रोगों से बचने के लिठदिनचरà¥à¤¯à¤¾ व खानपान को नियमित व संयमित करना जरà¥à¤°à¥€ है। इस अवसर पर संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ के सीà¤à¤«à¤à¤® विà¤à¤¾à¤— की ओर से अपर आचारà¥à¤¯ डा. रंजीता कà¥à¤®à¤¾à¤°à¥€ की देखरेख में विदà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ में निशà¥à¤²à¥à¤• शिविर के माधà¥à¤¯à¤® से बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ का सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯ परीकà¥à¤·à¤£ किया गया, à¤à¤µà¤‚ उनके वजन, लंबाई आदि की माप à¤à¥€ की गयी । इस अवसर पर बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को à¤à¤• रोमांचक सांप सीढ़ी खेल के माधà¥à¤¯à¤® से सेहतमंद खादà¥à¤¯ पदारà¥à¤¥à¥‹à¤‚ à¤à¤µà¤‚ हानिकारक खादà¥à¤¯ पदारà¥à¤¥à¥‹à¤‚ के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ जागरà¥à¤• किया गया। साथ ही इनके सेवन से होने वाले शारीरिक लाठà¤à¤µà¤‚ हानि की जानकारी à¤à¥€ दी गई। इस अवसर पर शिविर में मौजूद संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ के चिकितà¥à¤¸à¤•à¥‹à¤‚ व सà¥à¤Ÿà¤¾à¤« दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ विदà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ परिसर में विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ पà¥à¤°à¤œà¤¾à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ अमरूद, पपीता, मौसमी के फलदार पौधों का रोपण à¤à¥€ किया गया, जिससे बचà¥à¤šà¥‡, आने वाले वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ में फलों का सेवन कर सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¥ रह सकें। इस अवसर पर मासà¥à¤Ÿà¤° इन पबà¥à¤²à¤¿à¤• हेलà¥à¤¥ (à¤à¤®à¤ªà¥€à¤à¤š) के सà¥à¤Ÿà¥‚डेंटà¥à¤¸ डा. अमिटि, डा. साकà¥à¤·à¥€, डा. बिपाशा, डा. मेघा, डा. दिशा, डा. टà¥à¤µà¤¿à¤‚कल, डा. पावना à¤à¤µà¤‚ इंटेरà¥à¤¨à¥à¤¸ डा.कीमिया, डा. जयदेव, डा. तà¥à¤·à¤¾à¤°, डा. लकà¥à¤·à¥à¤¯ आदि मौजूद थे।