कथावाचिका संगीता किशोरी कहती हैं कि सावन के महीने को शिव उपासना का सरà¥à¤µà¥‹à¤¤à¥à¤¤à¤® महीना माना जाता है इस महीने में देवालय में शिव सà¥à¤¤à¥à¤¤à¤¿ के सà¥à¤µà¤° गà¥à¤‚जायमान रहते हैं सावन का पवितà¥à¤° माह शिवालयों में जलाà¤à¤¿à¤·à¥‡à¤• दà¥à¤—à¥à¤§ अà¤à¤¿à¤·à¥‡à¤• व शिव आराधना से सराबोर रहता है
रिपोर्ट - लाल कà¥à¤†à¤‚ नैनीताल से अजय उपà¥à¤°à¥‡à¤¤à¥€ की रिपोरà¥à¤Ÿ
कथावाचिका संगीता किशोरी कहती हैं कि सावन के महीने को शिव उपासना का सरà¥à¤µà¥‹à¤¤à¥à¤¤à¤® महीना माना जाता है इस महीने में देवालय में शिव सà¥à¤¤à¥à¤¤à¤¿ के सà¥à¤µà¤° गà¥à¤‚जायमान रहते हैं सावन का पवितà¥à¤° माह शिवालयों में जलाà¤à¤¿à¤·à¥‡à¤• दà¥à¤—à¥à¤§ अà¤à¤¿à¤·à¥‡à¤• व शिव आराधना से सराबोर रहता है शिव को कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ का देवता माना जाता है अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤ सावन का महीना शिव पूजा के माधà¥à¤¯à¤® से हमें संदेश देता है कि हमें सदैव शिव के कलà¥à¤¯à¤¾à¤£à¤®à¤¯à¥€ रूप का धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ कर सरà¥à¤µ मंगल की कामना करनी चाहिठसावन के महीने का आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤• धारà¥à¤®à¤¿à¤• और पौराणिक महतà¥à¤µ बहà¥à¤¤ है इसकी महतà¥à¤¤à¤¾ से संपूरà¥à¤£ धारà¥à¤®à¤¿à¤• गà¥à¤°à¤‚थ à¤à¤°à¥‡ पड़े हैं और सà¤à¥€ ने à¤à¤• सà¥à¤µà¤° में सावन के महीने में शिव की महिमा को कहा है,सà¥à¤¨à¤¾ है लेकिन इन मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾à¤“ं से हटकर यदि हम कà¥à¤› अनà¥à¤¯ जगह पर दृषà¥à¤Ÿà¤¿ डालें तो हम देखते हैं कि आजकल परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ में चारों ओर हरियाली छाई रहती है फलों से आचà¥à¤›à¤¾à¤¦à¤¿à¤¤ वृकà¥à¤· तने शाखाà¤à¤‚ सà¤à¥€ शà¥à¤°à¥‡à¤·à¥à¤ पà¥à¤·à¥à¤Ÿ और हरे-à¤à¤°à¥‡ तमाम जगहों पर नाना किसà¥à¤® की घास औषधीय पौधे पà¥à¤°à¤šà¥à¤° मातà¥à¤°à¤¾ में दिखाई देते हैं सावन की फà¥à¤¹à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ का à¤à¥€ अपना à¤à¤• अलग ही आनंद है यानी कि सावन का महीना नैसरà¥à¤—िक सà¥à¤‚दरता से परिपूरà¥à¤£ है यह महीना हमको पौधारोपण कर धरती को हरा à¤à¤°à¤¾ रखने का संदेश देता है पà¥à¤°à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ को सजाने और संवारने का या खास महीना होता है इस महीने में छाई हरियाली को देखकर लगता है कि मानो धरती ने अपना पूरा सौंदरà¥à¤¯ इसी महीने में अपने ऊपर उड़ेल लिया हो à¤à¤• à¤à¤¸à¥€ अनà¥à¤à¥‚ति जो हर किसी का मन मोह लेती है इसीलिठसावन को मनà¤à¤¾à¤µà¤¨ à¤à¥€ कहा गया है शिव पà¥à¤°à¤¾à¤£ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° इस महीने में पौधारोपण करने का विशेष महतà¥à¤µ है यदि यह पौधारोपण जलाशय के नजदीक या वन में किया जाठतो इसका महतà¥à¤µ कई गà¥à¤¨à¤¾ बढ़ जाता है कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि वृकà¥à¤· को संपूरà¥à¤£ देवताओं का वास कहा गया है और शिव पà¥à¤°à¤¾à¤£ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° पौधारोपण करने वाले को अंत समय में यम के à¤à¤¯ से मà¥à¤•à¥à¤¤à¤¿ मिल जाती है और वह शिवलोक का सानिधà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ करता है कहा गया है मूल बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤¾,तà¥à¤µà¤šà¤¾ विषà¥à¤£à¥ शाखा रूदà¥à¤° महेशà¥à¤µà¤° पतà¥à¤¤à¥‡ पतà¥à¤¤à¥‡ तू देवानाम वृकà¥à¤· देवाय नमो नमः उकà¥à¤¤ शà¥à¤²à¥‹à¤• वृकà¥à¤· की महिमा को समà¤à¤¾à¤¨à¥‡ के लिठपरà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¥à¤¤ है देवी संगीता किशोरी कहती हैं कि सावन का महीना हमें आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤• और धारà¥à¤®à¤¿à¤• दृषà¥à¤Ÿà¤¿ से तो मजबूत बनाता है हमारे अंदर आसà¥à¤¥à¤¾ और विशà¥à¤µà¤¾à¤¸ का बीजारोपण करता है वही यह महीना हमें परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ के संरकà¥à¤·à¤£ का उसके संवरà¥à¤§à¤¨ का, जल संचय का और जल के संरकà¥à¤·à¤£ का संदेश देता है जिस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° से पà¥à¤°à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ में सरà¥à¤µà¤¤à¥à¤° हरियाली और खà¥à¤¶à¤¹à¤¾à¤²à¥€ दिखाई देती है हमारे विचारों में à¤à¥€ à¤à¤¸à¥‡ ही शà¥à¤°à¥‡à¤·à¥à¤ à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ होनी चाहिठऔर हम सà¤à¥€ का जीवन मानव मातà¥à¤° की à¤à¤²à¤¾à¤ˆ में बीतना चाहिठजय à¤à¥‹à¤²à¥‡ शंकर