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आईआईटी रुड़की द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए इंडो-जापान विश्वविद्यालयों के साथ मिलकर वर्चुअल हैकथॉन का आयोजन करेगा


सोशल इनोवेशन ऑनलाइन हैकथॉन (एसआईओएच) के आयोजन के लिए आईआईटी रुड़की, इंडो-जापान लेबोरेटरी, केयो विश्वविद्यालय, रिज़िलीअन्स इनोवेशन नॉलेज अकैडमी, आईआईटी हैदराबाद, वीएनआईटी- नागपुर और एनआईटी- दुर्गापुर साथ आया। विजेता टीम को इंडो-जापान लेबोरेटरी, आईआईटी- रुड़की, आईआईटी- हैदराबाद, वीएनआईटी- नागपुर और एनआईटी- दुर्गापुर में इंटर्नशिप का अवसर मिलेगा।

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

रुड़की, 24 अगस्त 2020: आईआईटी रुड़की ने तीन अन्य भारतीय संस्थानों और भारत में रिज़िलीअन्स इनोवेशन नॉलेज अकैडमी (आरआईकेए (RIKA) - एक सामाजिक उद्यम) तथा केयो (Keio) विश्वविद्यालय और इंडो-जापान लेबोरेटरी, जापान के साथ सोशल इनोवेशन ऑनलाइन हैकथॉन (एसआईओएच) के आयोजन के लिए सहयोग किया है। अन्य तीन भारतीय संस्थान आईआईटी- हैदराबाद, वीएनआईटी- नागपुर और एनआईटी- दुर्गापुर हैं। यह कार्यक्रम 25 अगस्त 2020 को जापान के समयानुसार (जेएसटी) 16:00 - 18:00 बजे के बीच और भारतीय समयानुसार (आईएसटी) 12:30 - 14:30 के बीच आयोजित किया जाएगा। इस आयोजन में जूम मिटिंग के माध्यम से भाग लिया जा सकता है - https://keio-univ.zoom.us/j/97894738817। हैकथॉन का उद्देश्य कोविड-19 महामारी जैसी अप्रत्याशित समस्याओं से निपटने के लिए खास समाधान खोजना है। साथ ही ज़ीरो हंगर, स्वास्थ्य, लिंग समानता, स्वच्छ पानी और स्वच्छता, सस्टेनेबल शहरों, समुदायों और जलवायु के सतत विकास लक्ष्यों के अनुरूप एक बेहतर समाज का निर्माण करना है। यह पहल सतत विकास लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित करते हुए कोविड-19 से निपटने के लिए कम लागत वाले, नवीन और कार्यान्वयन के योग्य समाधानों के साथ आने के इच्छुक उद्यमियों को एक अवसर प्रदान करती है। इन समाधानों में स्वास्थ्य सेवाओं के प्रबंधन, फेरीवालों से जुड़ने के लिए उपभोक्ताओं को सक्षम बनाने, प्लास्टिक कचरे का प्रबंधन और महिलाओं के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य और वित्त सुविधाओं तक की पहुंच, खाद्य सुरक्षा और जल संरक्षण से संबंधित समस्याओं तथा अन्य का समाधान शामिल है। प्रतिभागी पाँच प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों से हैं, जिनके पास आर्किटेक्चर, प्लानिंग, आपदा प्रबंधन, कंप्यूटर विज्ञान और अनुप्रयोग, अर्बन स्टडीज और पाॅलिसी स्टडीज में विशेष अनुभव है। विजेता टीम को इंडो-जापान प्रयोगशाला, आईआईटी- रुड़की, आईआईटी- हैदराबाद, वीएनआईटी- नागपुर और एनआईटी- दुर्गापुर में एक इंटर्नशिप का अवसर मिलेगा। श्री किशोर कमल, सदस्य, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (भारत), स्केलेबल, अप्रोप्रीएट और सस्टेनेबल (एसएएस) उत्पादों को विकसित करने की आवश्यकता पर बल देते हैं। प्रो. राजीव शॉ, निदेशक, इंडो-जापान लेबोरेटरी, केयो यूनिवर्सिटी सामुदायिक समस्याओं के समाधान में विज्ञान और नवाचार की भूमिका पर प्रकाश डालते हैं। उन्होंने शैक्षणिक भागीदारी के माध्यम से भारत-जापान द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने में इस हैकथॉन के महत्व पर भी जोर दिया। केयो (Keio) विश्वविद्यालय के प्रोफेसर जून मुराई ने कोविड ​​-19 लॉकडाउन के दौरान इंटरनेट कनेक्टिविटी की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इंटरनेट आधारित कनेक्टिविटी और सॉफ्टवेयर समाधान के माध्यम से नवाचार, सामाजिक-आर्थिक समस्याओं को हल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। जीका इंडिया कार्यालय के प्रमुख प्रतिनिधि श्री काटसू मात्सुमोतो ने यह मंच प्रदान करने के विश्वविद्यालयों के प्रयासों की सराहना की और छात्रों को सामाजिक नवाचार करने के लिए प्रोत्साहित किया। अधिक जानकारी के लिए आप प्रो. महुआ मुखर्जी, हेड- सीओईडीएमएम (आईआईटी, रुड़की) से mahuafap@iitr.ac.in पर संपर्क कर सकते हैं|

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