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चमोली में बेटी बचाओ बेटी पढाओं योजना के बेहतर क्रियान्वयन के लिए जिला टास्क फोर्स समिति की बैठक


जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने बुधवार को क्लेक्ट्रेट सभागार में बेटी बचाओ बेटी पढाओं योजना के बेहतर क्रियान्वयन के लिए जिला टास्क फोर्स समिति की बैठक ली।

रिपोर्ट  - à¤…ंजना भट्ट घिल्डियाल

चमोली 26 अगस्त,2020, जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने बुधवार को क्लेक्ट्रेट सभागार में बेटी बचाओ बेटी पढाओं योजना के बेहतर क्रियान्वयन के लिए जिला टास्क फोर्स समिति की बैठक ली। उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य, बाल विकास, पंचायती राज एवं अन्य सामाजिक संगठनों को आपसी तालमेल के साथ लोगों को जागरूक कर लिंगानुपात को संतुलित करने, बालिकाओं के उत्थान एवं उन्हें आत्मनिर्भर बनाने पर जोर दिया। जिलाधिकारी ने कहा कि बेटा व बेटी में कोई अंतर नही है। बेटियां बचेंगी तभी समाज बचेगा। यही बात गांव गांव तक पहुॅचाने की आवश्यकता है। लिंगानुपात पर चिंता जाहिर करते हुए उन्होंने इसमें सुधार लाने की बात कही। कहा कि लिंगानुपात को संतुलित बनाने के लिए लोगों को जागरूक करना आवश्यक है। लिंग परीक्षण पर स्वास्थ्य विभाग को कडी कारवाई करने के निर्देश दिए। ग्राम स्तर से जुड़े कार्मिकों के माध्यम से योजना का वृहत स्तर पर प्रचार प्रसार करने को कहा। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओं योजना के तहत इस वित्तीय वर्ष में प्रस्तावित कार्यो पर बैठक में विस्तार से चर्चा की गई। जिलाधिकारी ने कहा कि 12वीं कक्षा के बाद कमजोर आर्थिक स्थिति के कारण जो मेधावी बालिकाएं काॅलेज में प्रवेश नही ले पा रही है उनको चिन्हित किया जाए। ऐसी बालिकाओं को इस योजना के तहत आगे पढाया जाएगा। साथ ही उन्होंने हाईस्कूल व इंटर परीक्षा में जिले से पहले तीन स्थान पर रही बालिकाओं को लैपटाॅप देकर सम्मानित करने को कहा। समाज को जागरूक करने के लिए स्कूली छात्राओं को बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओं के टैग लगे स्कूल बैग बांटने, जिले के प्रमुख सड़क मार्गो एवं सार्वजनिक स्थानों पर जागरूकता के लिए बेटी बचाओ बेटी पढाओं संबधी वाॅल पेंटिंग बनाने के साथ ही कलैण्डर इत्यादि प्रचार सामग्री के माध्यम से व्यापक प्रचार प्रसार कर लोगों को जागरूक करने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने कहा कि जिन स्कूलों में छात्राओं की संख्या अधिक है उन सभी स्कूलों में सैनेटरी वैन्डिग नैपकीन मशीन लगवाई जाए। बेटियों को सभी स्कूलों में रोजगारपरक शिक्षा देने के लिए प्रशिक्षक की व्यवस्था भी करने के निर्देश दिए गए। गर्भवती माताओं को पोषण एवं मेडिकल किट उपलब्ध कराने को कहा गया। पहली बार गर्भवती महिलाओं को प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना का लाभ देने के लिए आशा व आंगनबाडी कार्यकत्रियों के माध्यम से घर-घर सर्वे कराने के निर्देश दिए। कहा कि पहली बार गर्भवती कोई भी महिला इस योजना से वंचित न रहे। जिलाधिकारी ने कहा कि अगर पहली बार गर्भवती कोई भी महिला इस योजना से वंचित मिली तो इसके लिए सीधे तौर पर आंगनबाडी कार्यकत्री को जिम्मेदार माना जाएगा। उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को सीएचसी व पीएचसी के माध्यम से भी ऐसी सभी गर्भवती की जानकारी साझा करने के निर्देश दिए। ताकि पहली बार गर्भवती सभी महिलाओं को इस योजना से लाभान्वित किया जा सके। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत पहली बार गर्भवती महिला को 5 हजार दिए जाते है। स्कीम में गर्भधारण करने के बाद पंजीकरण होता है साथ ही गर्भवती को पहली किश्त 1 हजार, गर्भावस्था के 6 माह बाद दूसरी किश्त में 2 हजार तथा प्रसव होने के बाद बच्चे के प्रथम टीकाकरण चक्र पूरा होने पर तीसरी किश्त के तहत 2 हजार धनराशि डीबीटी के माध्यम से लाभार्थी को दी जाती है।

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