तीरà¥à¤¥à¤¨à¤—री हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° के कनखल सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ पà¥à¤°à¤–à¥à¤¯à¤¾à¤¤ धारà¥à¤®à¤¿à¤• संसà¥à¤¥à¤¾ शà¥à¤°à¥€ अवधूत जगतराम उदासीन आशà¥à¤°à¤®, कनखल, हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° में à¤à¤—वान शà¥à¤°à¥€à¤šà¤‚दà¥à¤° के जयंती अवसर पर तीन दिवसीय कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® का आयोजन किया गया।
रिपोर्ट -
तीरà¥à¤¥à¤¨à¤—री हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° के कनखल सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ पà¥à¤°à¤–à¥à¤¯à¤¾à¤¤ धारà¥à¤®à¤¿à¤• संसà¥à¤¥à¤¾ शà¥à¤°à¥€ अवधूत जगतराम उदासीन आशà¥à¤°à¤®, कनखल, हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° में à¤à¤—वान शà¥à¤°à¥€à¤šà¤‚दà¥à¤° के जयंती अवसर पर तीन दिवसीय कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® का आयोजन किया गया। जिसमें आदि शà¥à¤°à¥€ गà¥à¤°à¥‚गंà¥à¤°à¤¥ साहिब जी की पवितà¥à¤° वाणी का अखणà¥à¤¡ पाठ, à¤à¤—वान शà¥à¤°à¥€ शà¥à¤°à¥€à¤šà¤¨à¥à¤¦à¥à¤° जी की पूजा अरà¥à¤šà¤¨à¤¾ व आरती कर समसà¥à¤¤ संत समाज ने विशà¥à¤µ कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ की कामना के साथ ही संत समà¥à¤®à¤²à¥‡à¤¨ व à¤à¤£à¥à¤¡à¤¾à¤°à¥‡ का आयोजन महामणà¥à¤¡à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ सà¥à¤°à¥‡à¤¨à¥à¤¦à¥à¤° मà¥à¤¨à¤¿ जी महाराज के संयोजन मंे किया गया। इस अवसर पर महामणà¥à¤¡à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ सà¥à¤°à¥‡à¤¨à¥à¤¦à¥à¤° मà¥à¤¨à¤¿ जी महाराज ने कहा कि उदासीन समà¥à¤ªà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¯ के आचारà¥à¤¯ à¤à¤—वान शà¥à¤°à¥€à¤šà¤‚दà¥à¤° सà¥à¤µà¤¦à¥‡à¤¶ पà¥à¤°à¥‡à¤®à¥€ व संत समाज के गौरव थे। जिनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने अपनी अदà¥à¤µà¤¿à¤¤à¥€à¤¯ à¤à¤µà¤‚ अतà¥à¤²à¤¨à¥€à¤¯ विदà¥à¤µà¤¤à¤¾ से समाज का मारà¥à¤—दरà¥à¤¶à¤¨ कर समरसता का संदेश दिया और यà¥à¤µà¤¾ अवसà¥à¤¥à¤¾ में ही समà¥à¤ªà¥‚रà¥à¤£ विशà¥à¤µ का à¤à¥à¤°à¤®à¤£ कर अखणà¥à¤¡ साधना आतà¥à¤®à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¨ और धरà¥à¤®à¤¸à¥‡à¤µà¤¾ के माधà¥à¤¯à¤® से समाज और राषà¥à¤Ÿà¥à¤° निरà¥à¤®à¤¾à¤£ में अपना अहम योगदान पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ किया। हमें उनके जीवन से पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾ लेकर मानव सेवा को सदैव ततà¥à¤ªà¤° रहना चाहिठकà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि मानव सेवा ही सबसे धरà¥à¤® है। शà¥à¤°à¥€ पंचायती उदासीन अखाड़ा के कोठारी महंत पà¥à¤°à¥‡à¤®à¤¦à¤¾à¤¸ महाराज ने कहा कि à¤à¤—वान शà¥à¤°à¥€à¤šà¤‚दà¥à¤° संत समाज और उदासीन समà¥à¤ªà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¯ के गौरव थे। जिनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ à¤à¤µà¤‚ सनातन धरà¥à¤® का पूरे विशà¥à¤µ में à¤à¥à¤°à¤®à¤£ कर पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤° पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤° किया और à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ परंपरा का बड़ा ही अदà¥à¤à¥à¤¤ व पà¥à¤°à¤¾à¤®à¤¾à¤£à¤¿à¤• अनà¥à¤à¤µ विशà¥à¤µ पटल पर पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ किया। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने सदैव अपने जीवनकाल में समाज को शिकà¥à¤·à¤¿à¤¤ कर à¤à¤¾à¤µà¥€ पीà¥à¥€ को संसà¥à¤•à¤¾à¤°à¤µà¤¾à¤¨ बनाने का संदेश दिया। साथ ही विशà¥à¤¦à¥à¤§ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ दरà¥à¤¶à¤¨ को दृà¥à¤¤à¤¾ के साथ समाज के समकà¥à¤· रखा। संत समाज उनके इस अहम योगदान का सदैव आà¤à¤¾à¤°à¥€ रहेगा। महंत रविदà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¸ महाराज व म.मं. सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ मà¥à¤¨à¤¿ जी महाराज ने कहा कि संतों के सानिधà¥à¤¯ में ही वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ के उतà¥à¤¤à¤® चरितà¥à¤° का निरà¥à¤®à¤¾à¤£ होता है। जिससे वह संसà¥à¤•à¤¾à¤°à¤µà¤¾à¤¨ बनकर सà¥à¤µà¤¯à¤‚ को सबल बनाता है। और सतà¥à¤•à¤°à¥à¤®à¥‹ की और अगà¥à¤°à¤¸à¤° रहता है। à¤à¤—वान शà¥à¤°à¥€à¤šà¤‚दà¥à¤° à¤à¤• दिवà¥à¤¯ महापà¥à¤°à¥‚ष थे। जिनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने तप साधना दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ à¤à¤¾à¤°à¤¤ को विशà¥à¤µ में नई पहचान दी। उनà¥à¤¹à¥€à¤‚ के पदचिनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ पर चलकर संत समाज सनातन धरà¥à¤® व à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ को निरनà¥à¤¤ बà¥à¤¾à¤µà¤¾ देकर राषà¥à¤Ÿà¥à¤° कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ में अपना योगदान निà¤à¤¾à¤¤à¤¾ चला आ रहा है। इस अवसर पर म. मं. सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ हरिचेतनानंद जी महाराज ने कहा कि सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ सà¥à¤°à¥‡à¤¨à¥à¤¦à¥à¤° मà¥à¤¨à¤¿ जी महाराज उदासीन समाज के गौरव हैं। उनके संयोजन में शà¥à¤°à¥€ अवधूत जगतराम उदासीन आशà¥à¤°à¤® में कई दशकों से à¤à¤—वान शà¥à¤°à¥€ शà¥à¤°à¥€à¤šà¤¨à¥à¤¦à¥à¤° जी महाराज की जनà¥à¤® जयनà¥à¤¤à¥€ महोतà¥à¤¸à¤µ को धूमधाम से मनाया जाता है जिससे यà¥à¤µà¤¾ पीà¥à¥€ को अपने महापà¥à¤°à¥‚षों के चरितà¥à¤° के संदरà¥à¤ मंे जानकारी पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ होती है। इस अवसर पर संत सà¥à¤¦à¥‡à¤¶ मà¥à¤¨à¤¿ व संत सà¥à¤¤à¥€à¤•à¥à¤·à¥à¤£ मà¥à¤¨à¤¿ ने सà¤à¥€ संतों व गणमानà¥à¤¯à¤œà¤¨à¥‹à¤‚ का सà¥à¤µà¤¾à¤—त-सतà¥à¤•à¤¾à¤° करते हà¥à¤ आà¤à¤¾à¤° वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤ किया। इस अवसर पर महंत जगजीत सिंह, महंत गंगादास, रविदेव शासà¥à¤¤à¥à¤°à¥€, आचारà¥à¤¯ हरिहराननà¥à¤¦, महंत दिनेश दास, महंत जमना दास, महंत सूरज दास, पारà¥à¤·à¤¦ अनिरूदà¥à¤§ à¤à¤¾à¤Ÿà¥€, विनित जौली समेत देशà¤à¤° से आये शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤²à¥ à¤à¤•à¥à¤¤à¤œà¤¨ व टà¥à¤°à¤¸à¥à¤Ÿà¥€à¤—ण उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ रहे।