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राष्ट्र का गौरव थे भगवान श्री श्रीचंद्र: सुरेन्द्र मुनि


तीर्थनगरी हरिद्वार के कनखल स्थित प्रख्यात धार्मिक संस्था श्री अवधूत जगतराम उदासीन आश्रम, कनखल, हरिद्वार में भगवान श्रीचंद्र के जयंती अवसर पर तीन दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

रिपोर्ट  - 

तीर्थनगरी हरिद्वार के कनखल स्थित प्रख्यात धार्मिक संस्था श्री अवधूत जगतराम उदासीन आश्रम, कनखल, हरिद्वार में भगवान श्रीचंद्र के जयंती अवसर पर तीन दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें आदि श्री गुरूगं्रथ साहिब जी की पवित्र वाणी का अखण्ड पाठ, भगवान श्री श्रीचन्द्र जी की पूजा अर्चना व आरती कर समस्त संत समाज ने विश्व कल्याण की कामना के साथ ही संत सम्मलेन व भण्डारे का आयोजन महामण्डेश्वर स्वामी सुरेन्द्र मुनि जी महाराज के संयोजन मंे किया गया। इस अवसर पर महामण्डेश्वर स्वामी सुरेन्द्र मुनि जी महाराज ने कहा कि उदासीन सम्प्रदाय के आचार्य भगवान श्रीचंद्र स्वदेश प्रेमी व संत समाज के गौरव थे। जिन्होंने अपनी अद्वितीय एवं अतुलनीय विद्वता से समाज का मार्गदर्शन कर समरसता का संदेश दिया और युवा अवस्था में ही सम्पूर्ण विश्व का भ्रमण कर अखण्ड साधना आत्मदर्शन और धर्मसेवा के माध्यम से समाज और राष्ट्र निर्माण में अपना अहम योगदान प्रदान किया। हमें उनके जीवन से प्रेरणा लेकर मानव सेवा को सदैव तत्पर रहना चाहिए क्योंकि मानव सेवा ही सबसे धर्म है। श्री पंचायती उदासीन अखाड़ा के कोठारी महंत प्रेमदास महाराज ने कहा कि भगवान श्रीचंद्र संत समाज और उदासीन सम्प्रदाय के गौरव थे। जिन्होंने भारतीय संस्कृति एवं सनातन धर्म का पूरे विश्व में भ्रमण कर प्रचार प्रसार किया और भारतीय परंपरा का बड़ा ही अद्भुत व प्रामाणिक अनुभव विश्व पटल पर प्रस्तुत किया। उन्होंने सदैव अपने जीवनकाल में समाज को शिक्षित कर भावी पीढ़ी को संस्कारवान बनाने का संदेश दिया। साथ ही विशुद्ध भारतीय दर्शन को दृढ़ता के साथ समाज के समक्ष रखा। संत समाज उनके इस अहम योगदान का सदैव आभारी रहेगा। महंत रविद्रदास महाराज व म.मं. स्वामी प्रकाश मुनि जी महाराज ने कहा कि संतों के सानिध्य में ही व्यक्ति के उत्तम चरित्र का निर्माण होता है। जिससे वह संस्कारवान बनकर स्वयं को सबल बनाता है। और सत्कर्मो की और अग्रसर रहता है। भगवान श्रीचंद्र एक दिव्य महापुरूष थे। जिन्होंने तप साधना द्वारा भारत को विश्व में नई पहचान दी। उन्हीं के पदचिन्हों पर चलकर संत समाज सनातन धर्म व भारतीय संस्कृति को निरन्त बढ़ावा देकर राष्ट्र कल्याण में अपना योगदान निभाता चला आ रहा है। इस अवसर पर म. मं. स्वामी हरिचेतनानंद जी महाराज ने कहा कि स्वामी सुरेन्द्र मुनि जी महाराज उदासीन समाज के गौरव हैं। उनके संयोजन में श्री अवधूत जगतराम उदासीन आश्रम में कई दशकों से भगवान श्री श्रीचन्द्र जी महाराज की जन्म जयन्ती महोत्सव को धूमधाम से मनाया जाता है जिससे युवा पीढ़ी को अपने महापुरूषों के चरित्र के संदर्भ मंे जानकारी प्राप्त होती है। इस अवसर पर संत सुदेश मुनि व संत सुतीक्ष्ण मुनि ने सभी संतों व गणमान्यजनों का स्वागत-सत्कार करते हुए आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर महंत जगजीत सिंह, महंत गंगादास, रविदेव शास्त्री, आचार्य हरिहरानन्द, महंत दिनेश दास, महंत जमना दास, महंत सूरज दास, पार्षद अनिरूद्ध भाटी, विनित जौली समेत देशभर से आये श्रद्धालु भक्तजन व ट्रस्टीगण उपस्थित रहे।

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