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मेजर ध्यान चन्द जैसी विभूति को भारत रत्न दिया जाना चाहिए- प्रो0 रूपकिशोर शास्त्री


गुरूकुल कांगडी विश्वविद्यालय के शारीरिक शिक्षा एवं खेल विभाग द्वारा राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर नेशनल आॅनलाईन वेबीनार का आयोजन किया। हाॅकी के जादूगर मेजर ध्यान चन्द के जन्मदिवस पर अपने श्रद्वा-सुमन अर्पित करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 रूपकिशोर शास्त्री ने कहाॅ कि शारीरिक शिक्षा के बिना स्वस्थ्य जीवन की कल्पना करना संभव नही है।

रिपोर्ट  - allnewsbharat.com

हरिद्वार-29.08.2020, गुरूकुल कांगडी विश्वविद्यालय के शारीरिक शिक्षा एवं खेल विभाग द्वारा राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर नेशनल आॅनलाईन वेबीनार का आयोजन किया। हाॅकी के जादूगर मेजर ध्यान चन्द के जन्मदिवस पर अपने श्रद्वा-सुमन अर्पित करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 रूपकिशोर शास्त्री ने कहाॅ कि शारीरिक शिक्षा के बिना स्वस्थ्य जीवन की कल्पना करना संभव नही है। व्यक्तिगत अनुभव मे शारीरिक श्रम की उपयोगिता बताते हुए कहाॅ कि तीन जगह से तिरछे शरीर को सीधा करने के लिए व्यक्ति को केवल जमीन पर सोने से 100 वर्ष आयु तक जिया जा सकता है। उन्होने पढ-लिखकर भी नवाब बनने के साथ खेल-कूद से भी नवाब बनने की भावना को विकसित करने पर जोर दिया। कार्यक्रम में वक्ताओं का स्वागत करते हुए योग एवं शारीरिक शिक्षा संकाय के डीन प्रो0 आर0के0एस0 डागर ने कहाॅ कि भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के निर्देशन तथा केन्द्रीय शिक्षा मंत्री डाॅ रमेश पोखरियाल निशंक के प्रयासों से नई शिक्षा नीति-2020 को बदलते भारत के परिप्रेक्षय मे तैयार करके लागू किये जाने का स्वागत किया। डाॅ0 डागर ने शारीरिक शिक्षा के लिए चुनौतियाॅ तथा उनका मुकाबला करने के लिए एक प्रभावी कार्ययोजना तैयार करने का जिम्मा वर्तमान चिन्तकों का है। आमंत्रित अतिथि एम0डी0यू0, रोहतक के प्रो0 भगत सिंह ने कहाॅ कि वर्तमान शिक्षा नीति मे भी शारीरिक शिक्षा की चुनौती कम नही, लेकिन नई शिक्षा नीति 2020 मे कई आशायें बलवती हुई है, जिसमे प्राईमरी स्तर से शारीरिक शिक्षा आरम्भ कर इन्फ्रास्ट्रक्चर को बढाकर इसमें परिवर्तन किया जायेगा। उन्होने जी0डी0पी0 का 6-फीसदी प्राईमरी शिक्षा पर खर्च करके स्वरूप तथा स्तर में बदलाव का स्वागत किया। शारीरिक शिक्षा के भीष्म, केरल विश्वविद्यालय के डायरेक्टर तथा साई, एलएनआईपी एवं खेल मंत्रालय की अनेक समितियों के सदस्य रहे प्रो0 एम0एल0 कमलेश ने कहाॅ कि स्कूल स्तर पर फिजिकल एजूकेशन, यूनिवर्सिटी लेवल पर स्पोटर्स विद साइंस को बढावा देने से शारीरिक शिक्षा में बदलाव लाया जा सकता है। है। बिना विज्ञान के खेल का अस्तित्व संभव नही। उन्होने कहाॅ कि स्पोटर्स को बैकअप देने वाली केवल साईंस ही है। ग्वालियर के प्रो0 जसराज सिंह ने कहाॅ कि 34 साल के बाद भी शारीरिक शिक्षा की चुनौतियाॅ आज तक भी कम नही हुई है। शारीरिक शिक्षा को पढाने के लिए भी कुशल शिक्षकों को भी तैयार करने की जरूरत है। ओ0पी0जिंदल यूनिवर्सिटी, सोनीपत के प्रो0 संजीव सहानी ने कहाॅ कि 16 फीसदी बजट काटकर उच्च शिक्षा मे केवल इसलिए खर्च किया गया ताकि विश्वविद्यालयों की रैंकिंग सुधारी जा सके। उन्होने नई शिक्षा नीति मे प्राईमरी स्कूलों पर ज्यादा ध्यान देने की आवश्यकता पर बल दिया। विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो0 दिनेश चन्द्र भटट ने कहाॅ कि प्राइमरी स्कूल मनुष्य निर्माण की बुनियाद तैयार करता है। इसलिए स्कूल स्तर पर शारीरिक शिक्षा को लागू करना सरकार का सराहनीय कदम है। उन्होने वर्तमान मे सरकारी स्कूलों के भवनों की दयनीय स्थिति पर चिन्ता व्यक्त की। उदघाटन सत्र का संचालन डाॅ0 अजय मलिक द्वारा किया गया। जबकि अतिथि वक्ताओं के कार्यक्रम मे मोडरेटर की भूमिका आयोजन सचिव डाॅ0 शिवकुमार चैहान ने निभाई। आॅनलाईन नेशनल वेबीनार मे हैदराबाद, लक्षद्वीप, ग्वालियर, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, उ0प्र0, हिमाचल, उत्तराखंड सहित राजस्थान के शिक्षाविद्व, खेल प्रशिक्षक, जिम टेªनर, फिजियोथैरेपिस्ट, शोधार्थी, एम0पी0एड0 तथा बी0पी0एड0 छात्रों ने भाग लिया। कार्यक्रम मे कोर्डिनेटर डाॅ0 कपिल मिश्रा, डाॅ0 अनुज कुमार, डाॅ0 प्रणवीर सिंह, सुनील कुमार, सिंकन्दर रावत सहित अश्वनी कुमार, जोगेन्द्र एवं विजयपाल आदि सम्मिलित रहे।

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