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राज्यपाल श्रीमती मौर्य ने कहा कि नई शिक्षा नीति को प्रभावी तरीके से लागू करने में विश्वविद्यालयों की महत्वपूर्ण भूमिका है।


राज्यपाल श्रीमती बेबी रानी मौर्य ने बुधवार को राजभवन में राजकीय विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ नई शिक्षा नीति एवं विश्वविद्यालय से संबंधित अन्य विषयों पर चर्चा की। राज्यपाल श्रीमती मौर्य ने कहा कि नई शिक्षा नीति को प्रभावी तरीके से लागू करने में विश्वविद्यालयों की महत्वपूर्ण भूमिका है।

रिपोर्ट  - ALL NEWS BHARAT

राज्यपाल श्रीमती बेबी रानी मौर्य ने बुधवार को राजभवन में राजकीय विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ नई शिक्षा नीति एवं विश्वविद्यालय से संबंधित अन्य विषयों पर चर्चा की। राज्यपाल श्रीमती मौर्य ने कहा कि नई शिक्षा नीति को प्रभावी तरीके से लागू करने में विश्वविद्यालयों की महत्वपूर्ण भूमिका है। नई शिक्षा नीति में व्यावसायिक शिक्षा और कौशल विकास पर बल दिया गया है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड का प्रत्येक विश्वविद्यालय नई शिक्षा नीति के अनुसार अपनी भविष्य की कार्ययोजना और चुनौतियों से अवगत कराये। राज्यपाल श्रीमती मौर्य ने मुक्त एवं दूरस्थ शिक्षा को नई शिक्षा नीति के लिए महत्वपूर्ण बताया। राज्यपाल श्रीमती मौर्य ने विश्वविद्यालयों से उनकी परीक्षाओं तथा आगामी सत्र के प्रवेश की जानकारी भी प्राप्त की। राज्यपाल श्रीमती मौर्य ने आॅनलाइन शिक्षा एवं परीक्षा प्रणाली हेतु विश्वविद्यालयों द्वारा किये जा रहे प्रयासों की जानकारी भी ली। मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ. ओ.पी.एस.नेगी ने बताया कि दूरस्थ एवं मुक्त शिक्षा के माध्यम से हर नागरिक को उच्च शिक्षा के अवसर दे सकते हैं। तकनीकि विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ. एन.एस.चैधरी ने कहा कि नई शिक्षा नीति आकलन, मूल्यांकन और सृजन को प्रोत्साहित करती है। श्री देव सुमन विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ0 पी.पी.ध्यानी ने बताया कि नई शिक्षा नीति में नवाचार को प्रमुखता दी गई है। संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. देवी प्रसाद त्रिपाठी ने संस्कृत शिक्षा को बढ़ावा देने की बात की। दून विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ0 अजीत कुमार कर्नाटक ने बताया कि अंतिम वर्ष के परीक्षार्थियों हेतु आॅनलाइन परीक्षा ली जायेगी। भरसार विश्वविद्यालय में पहले से ही अंतिम वर्ष के परिणाम फील्ड टेªनिंग और थीसिस के आधार पर दिये जाने की व्यवस्था है। कुमाऊँ विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ0 एन.के.जोशी ने बताया कि 14 सितम्बर से अंतिम वर्ष की परीक्षाएं होंगी। 17 अगस्त से आॅनलाइन कक्षाएं प्रारम्भ हो गयी है। कई विश्वविद्यालयों द्वारा उनके परीक्षा केन्द्रों, गाड़ियों, कर्मचारियों का कोविड केयर हेतु अधिग्रहण होने की समस्या भी बताई गई। इस पर राज्यपाल श्रीमती मौर्य ने अपने सचिव श्री बृजेश कुमार संत को जिलाधिकारियों तथा शासन से समन्वय करने के निर्देश दिये। इस अवसर पर आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.डाॅ.सुनील कुमार जोशी, सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय अल्मोड़ा के कुलपति डाॅ0 एन.एस.भंडारी, सचिव श्री राज्यपाल श्री बृजेश कुमार संत, संयुक्त सचिव श्री जितेन्द्र कुमार सोनकर, सहित राजभवन के अधिकारी भी उपस्थित थे।

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