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गंगा के नाम पर हजारों करोड़ खर्च होने पर भी गंगा गन्दी की गन्दी, जब गंगा में आज भी गिर रहे है नाले तो करोड़ों की बर्बादी क्यों ?


तीर्थ नगरी हरिद्वार में मां गंगा की आस्था के कारण गंगा में स्नान करने लाखों करोड़ों श्रद्धालु आते हैं लेकिन यहां का प्रशासन व सरकार लाखों करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था से खिलवाड़ कर रही है| माँ गंगा की स्वच्छता नाम पर हजारों करोड़ रुपए का बजट बना चुकी है व सैकड़ों एनजीओ संस्थाएं वह धार्मिक संस्थाएं काम कर रही हैं लेकिन गंगा की स्थिति ज्यों की त्यों बनी हुई है|

रिपोर्ट  - à¤°à¤¾à¤®à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤° गौड़

तीर्थ नगरी हरिद्वार में मां गंगा की आस्था के कारण गंगा में स्नान करने लाखों करोड़ों श्रद्धालु आते हैं लेकिन यहां का प्रशासन व सरकार लाखों करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था से खिलवाड़ कर रही है| माँ गंगा की स्वच्छता नाम पर हजारों करोड़ रुपए का बजट बना चुकी है व सैकड़ों एनजीओ संस्थाएं वह धार्मिक संस्थाएं काम कर रही हैं लेकिन गंगा की स्थिति ज्यों की त्यों बनी हुई है| सरकार द्वारा वह नमामि गंगे द्वारा गंगा में गंदे नाले ना गिरें उसके लिए ट्रीट प्लांट बनाए गए थे उसके बावजूद भी सीवर का गंदा पानी गंगा में गिर रहा है| जो गंदे नाले टेप हैं लोकनाथ घाट, दुर्गा नगर का गंदा नाला, भीमगोडा, ललितारो पुल, गोविंदपुरी, पांडे वाला, सुभाष नगर ज्वालापुर के सभी टेपिंग नालों का गंदा पानी गंगा के पवित्र जल को प्रदूषित कर रहा है| जबकि पिछले वर्ष पंपिंग स्टेशनों की मरम्मत में करोड़ों रुपए का खर्चा आया था उसके बावजूद भी यह गंदे नाले गंगा को प्रदूषित कर रहे हैं| पंपिंग स्टेशनों के पास रहने वाले लोग बताते हैं कि जिस समय बिजली की कटौती होती है उस दौरान पंपिंग स्टेशनों के डीजे सेट बंद रहते हैं और उनका डीजल मार्केट में बेच देते हैं और रात्रि के समय सीवर का गंदा पानी गंगा में छोड़ दिया करते हैं जिसका संज्ञान कोई भी अधिकारी लेने को तैयार नहीं है| इन भ्रष्ट अधिकारियों के चलते ऐसे में माँ गंगा कैसे स्वच्छ होगी यह एक सोचने की बात है|करोड़ों श्रद्धालु मां गंगा में आस्था होने के कारण हरिद्वार में डुबकी लगाने आते हैं कुंभ के दौरान माँ गंगा पर मेले लगाए जाते हैं और उन मेले की तैयारियों को लेकर सैकड़ों करोड़ रुपए का खर्चा किया जाता है लेकिन मां गंगा की स्वच्छता के लिए कोई ध्यान देने को तैयार नहीं है ऐसे में कुंभ में आने वाले श्रद्धालु इस गंदे सीवर के पानी में स्नान करने को मजबूर होंगे क्या सरकार एवं प्रशासन को गंगा की स्वच्छता पर ध्यान नहीं देना चाहिए? क्या ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्यवाही नहीं करनी चाहिए?

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