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पौड़ी में होमस्टे पर आने वाले पर्यटकों को परंपरागत भवनशैली, लोक-संस्कृति, पारंपरिक कास्त आकर्षित करते है।


जनपद में पर्यटन को बढ़ावा देने हेतु जिला पर्यटन विकास अधिकारी पौड़ी खुशाल सिह नेगी ने सोमवार को जनपद के यमकेश्वर विकास खण्ड के अन्तर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में भ्रमण कर लोगों को अपने घरों को होमस्टे के रूप में विकसित करने तथा राज्य सरकार द्वारा संचालित|

रिपोर्ट  - à¤…ंजना भट्ट घिल्डियाल

पौड़ी/दिनांक 8 सितम्बर, 2020, जनपद में पर्यटन को बढ़ावा देने हेतु जिला पर्यटन विकास अधिकारी पौड़ी खुशाल सिह नेगी ने सोमवार को जनपद के यमकेश्वर विकास खण्ड के अन्तर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में भ्रमण कर लोगों को अपने घरों को होमस्टे के रूप में विकसित करने तथा राज्य सरकार द्वारा संचालित कल्याणकारी योजना दीनदयाल उपाध्याय गृह होमस्टे योजना तथा वीरचन्द्र सिह गढ़वाली योजना की विस्तार पूर्व जानकारी दी। जिला पर्यटन विकास अधिकारी नेगी ने यमकेश्वर के अन्तर्गत देवीखाल, थलनदी, नालीबड़ी आदि ग्रामीण क्षेत्रों में स्थानीय लोगों द्वारा अपने घरों को सुधारीकरण कर होमस्टे के रूप में विकसित करने के कार्यो का भी निरीक्षण करते हुए, लोगों को होमस्टे संचालन की भी आवश्यक जानकारी दी। उन्होने कहा कि अपने घर परिसर में सौन्दर्यकृत कार्य को प्राथमिकता दे तथा आंगन परिसर में फुलवारी, कींचन गार्डन आदि को विकसित करें। घरों एवं परिसर में नियमित साफ सफाई रखें। शौचालय आदि की समुचित व्यवस्था बनाये रखे। उन्होने यह भी कहा कि अपने क्षेत्रान्तर्गत प्रसिद्ध, धार्मिक अथवा पर्यटकों को लुभावन वाले क्षेत्र की जानकारी रखें। जिसे अपने होमस्टे के मानचित्र पर अंकित करें व आने वाले पर्यटकों को इसकी जानकारी दे, जिससे वे उक्त स्थल का भी सेर-सफाटे कर, अधिक समय तक होमस्टे पर ठहर सकेगें। जिससे आप लोगों की अच्छी आमदनी हो सकता है। कहा कि होमस्टे पर आने वाले पर्यटकों को परंपरागत भवनशैली, लोक-संस्कृति, पारंपरिक कास्त आकर्षित करते है। स्थानीय उत्पाद के व्यंजन उन्हे खुब पसंद होती है। कहा कि जिस देशकाल से आपके रहन-सहन भवन इत्यादि की परंपरा चली आ रही है, केवल उसे सवांर कर रखने की जरूरत है। होमस्टे योजना के तहत जहां आपके घर आंगन में लोगों की चहल कदमी बढेगी वहीं जैविक उत्पाद की अच्छी खपत हो सकेगे। जिससें आपके अच्छी आमदनी हो सकता है। उन्होने उक्त योजना का अधिक से अधिक लाभ एवं जानकारी लेने की अपील करते हुए, अपनी विरान हो रही भवनों को होमस्टे में विकसित कर अपने क्षेत्र में स्वरोजगार स्थापित करने को कहा। साथ ही उन्होने लोगों को अपने होमस्टे को पर्यटन विभाग से पंजीकृत करने को कहा।

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