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देवभूमि सिविल सोसायटी ने किया जेल भरो आंदोलन का ऐलान


देवभूमि सिविल सोसायटी द्वारा उत्तराखंड में शराब कारखाने लगाने जाने के विरोध में चल रहा धरना व क्रमिक अनशन 11वें दिन भी जारी रहा। बृहष्पतिवार को सामाजिक कार्यकर्ता सुनील अग्रवाल अनशन पर बैठे। डासना मंदिर के परमाध्यक्ष महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती, बाबा बलराम दास हठयोगी, सामाजिक सेना प्रमुख विनोद महाराज, कबीर आश्रम के महंत सच्चिदानंद गोस्वामी, महंत श्यामप्रकाश आदि संतों व ज्ञानेंद्र पंडित, विपिन चंद्र मिश्रा, राजा गौतम, आर्यन उपाध्याय आदि ने धरना स्थल पहुंचकर आंदोलन को समर्थन देने का ऐलान किया।

रिपोर्ट  - 

हरिद्वार, 12 सितम्बर। देवभूमि सिविल सोसायटी द्वारा उत्तराखंड में शराब कारखाने लगाने जाने के विरोध में चल रहा धरना व क्रमिक अनशन 11वें दिन भी जारी रहा। बृहष्पतिवार को सामाजिक कार्यकर्ता सुनील अग्रवाल अनशन पर बैठे। डासना मंदिर के परमाध्यक्ष महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती, बाबा बलराम दास हठयोगी, सामाजिक सेना प्रमुख विनोद महाराज, कबीर आश्रम के महंत सच्चिदानंद गोस्वामी, महंत श्यामप्रकाश आदि संतों व ज्ञानेंद्र पंडित, विपिन चंद्र मिश्रा, राजा गौतम, आर्यन उपाध्याय आदि ने धरना स्थल पहुंचकर आंदोलन को समर्थन देने का ऐलान किया। धरने को संबोधित करते हुए महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती ने कहा कि उत्तराखण्ड में शराब कारखाने लगाए जाने की अनुमति देकर सरकार देवभूमि की पवित्रता व जनभावनाओं से खिलवाड़ कर रही है। सरकार की इस नीति को सहन नहीं किया जाएगा। यदि सरकार शराब कारखाने लगाने की नीति को वापस नहीं लेती है तो जेल भरो आंदोलन शुरू किया जाएगा। बाबा हठयोगी व विनोद महाराज ने कहा कि सरकार राज्य के युवाओं को नशे की गर्त में धकेलना चाहती है। सरकार को पहाड़ों पर शराब उद्योग लगाने के बजाए दूसरे उद्योग धंधे लगाने चाहिए। जिससे राज्य का विकास हो और युवाओं को रोजगार मिले। पंडित अधीर कौशिक ने कहा कि सरकार की उदासीनता के चलते धरने व आंदोलन को 11 दिन बीत जाने के बाद भी किसी अधिकारी ने आंदोलनकारियों से उनकी मांगों के संबंध में वार्ता तक नहीं की। उन्होंने ऐलान किया कि यदि सरकार मांगे नहीं मानती है तो जेल भरो आंदोलन शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि शराब विरोधी आंदोलन को पूरे प्रदेश में विस्तार दिया जाएगा। अल्मोड़ा से इसकी शुरूआत करते हुए आंदोलनकारी गिरफ्तारी देंगे। विपिन चंद मिश्रा व ज्ञानेंद्र पंडित ने कहा कि रोजगार के अभाव में उत्तराखण्ड से युवाओं को लगातार पलायन हो रहा है। सरकार को शराब नीति पर ध्यान केंद्रित करने के बजाए युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने की योजनाएं संचालित करनी चाहिए। महाकंुभ मेला प्रारम्भ होने वाला है। लेकिन विकास कार्य कहीं दिखाई नहीं दे रहे हैं। जनसमस्याओं के अंबार प्रदेश भर में लगे हुए हैं। चाटुकार मंत्री मुख्यमंत्री त्रिवंेंद्र सिंह रावत को भ्रमित करने का काम कर रहे हैं। राज्य के युवाओं को रोजगार चाहिए। नशे पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध होना चाहिए।

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