परमारà¥à¤¥ निकेतन के परमाधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी ने कहा कि आज का दिन वासà¥à¤¤à¤µ में अदà¥à¤à¥à¤¤ और अविसà¥à¤®à¤£à¥€à¤¯ है। आज के दिन, 1893 में शिकागो में आयोजित विशà¥à¤µ धरà¥à¤® संसद में सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ विवेकानंद जी ने वहाठà¤à¤•à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¤ हà¥à¤ 5000 पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¨à¤¿à¤§à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को ’मेरे अमेरिकी à¤à¤¾à¤‡à¤¯à¥‹ à¤à¤µà¤‚ बहनो’ शबà¥à¤¦à¥‹à¤‚ से समà¥à¤¬à¥‹à¤§à¤¿à¤¤ कर सà¤à¥€ का अà¤à¤¿à¤µà¤¾à¤¦à¤¨|
रिपोर्ट - allnewsbharat.com
ऋषिकेश, 11 सितमà¥à¤¬à¤°à¥¤ परमारà¥à¤¥ निकेतन के परमाधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी ने कहा कि आज का दिन वासà¥à¤¤à¤µ में अदà¥à¤à¥à¤¤ और अविसà¥à¤®à¤£à¥€à¤¯ है। आज के दिन, 1893 में शिकागो में आयोजित विशà¥à¤µ धरà¥à¤® संसद में सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ विवेकानंद जी ने वहाठà¤à¤•à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¤ हà¥à¤ 5000 पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¨à¤¿à¤§à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को ’मेरे अमेरिकी à¤à¤¾à¤‡à¤¯à¥‹ à¤à¤µà¤‚ बहनो’ शबà¥à¤¦à¥‹à¤‚ से समà¥à¤¬à¥‹à¤§à¤¿à¤¤ कर सà¤à¥€ का अà¤à¤¿à¤µà¤¾à¤¦à¤¨ कर अपने उदà¥à¤¬à¥‹à¤§à¤¨ के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿, संसà¥à¤•à¤¾à¤° और अधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤® की गंगा बहायी थी। 100 साल बाद मà¥à¤à¥‡ उसी मंच पर आज के ही दिन समà¥à¤¬à¥‹à¤§à¤¿à¤¤ करने का अवसर मिला। वह सà¥à¤¥à¤² à¤à¥€ अपने आप में पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾ का पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤• बन गया है। सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤°à¤¤à¤¾ के पशà¥à¤šà¤¾à¤¤ à¤à¥‚दान और गà¥à¤°à¤¾à¤® दान आंदोलनों के माधà¥à¤¯à¤® से देश के दरिदà¥à¤° नारायणों को समाज की मà¥à¤–à¥à¤¯ धारा में लाने के लिये राषà¥à¤Ÿà¥à¤° वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¥€ आनà¥à¤¦à¥‹à¤²à¤¨ चलाने वाले विनोबा à¤à¤¾à¤µà¥‡ जी का जनà¥à¤® दिवस à¤à¥€ है। दोनों महापà¥à¤°à¥‚षों ने मानवता, राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯à¤¤à¤¾ और à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ को जीवंत बनाये रखने के लिये अदà¥à¤à¥à¤¤ योगदान दिया। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी ने कहा कि à¤à¤¾à¤°à¤¤ माता के अनà¥à¤ªà¤® लाल, à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿, संसà¥à¤•à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ à¤à¤µà¤‚ मूलà¥à¤¯à¥‹à¤‚ को समरà¥à¤ªà¤¿à¤¤, अधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤® और विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ का अदà¥à¤à¥à¤¤ संगम आदरणीय संत शà¥à¤°à¥€ मोहन à¤à¤¾à¤—वत जी को जनà¥à¤®à¤¦à¤¿à¤µà¤¸ की हारà¥à¤¦à¤¿à¤• शà¥à¤à¤•à¤¾à¤®à¤¨à¤¾à¤¯à¥‡à¤‚। माठगंगा à¤à¤µà¤‚ ईशà¥à¤µà¤° उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ दीरà¥à¤˜à¤¾à¤¯à¥, दिवà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¥ और सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¥ रखे ताकि वे à¤à¤¾à¤°à¤¤ माता की सेवा करते हà¥à¤¯à¥‡ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ यà¥à¤µà¤¾à¤“ं का मारà¥à¤—दरà¥à¤¶à¤¨ करते रहें। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी ने कहा कि माननीय मोहन à¤à¤¾à¤—वत जी के नेतृतà¥à¤µ में राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ सà¥à¤µà¤¯à¤‚ सेवक संघ परिवार के सदसà¥à¤¯à¥‹à¤‚ ने सेवा, सयंम और समरà¥à¤ªà¤£ का उतà¥à¤•à¥ƒà¤·à¥à¤Ÿ उदाहरण पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ किया है। माननीय à¤à¤¾à¤—वत जी अपने उदà¥à¤¬à¥‹à¤§à¤¨à¥‹à¤‚ के माधà¥à¤¯à¤® से देश की यà¥à¤µà¤¾ शकà¥à¤¤à¤¿ में राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ का जज़à¥à¤¬à¤¾, जà¥à¤¨à¥‚न, और जोश पà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¹à¤¿à¤¤ करते रहते हंै। आदरणीय शà¥à¤°à¥€ गोलवलकर गà¥à¤°à¥ जी का मंतà¥à¤° इदम राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤¾à¤¯ इदम न मम के अनà¥à¤°à¥‚प संघ परिवार इनà¥à¤¹à¥€à¤‚ संसà¥à¤•à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ के साथ आगे बॠरहा है। वासà¥à¤¤à¤µ में किसी à¤à¥€ संसà¥à¤¥à¤¾ का मà¥à¤–िया समरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ हो तो हर मेमà¥à¤¬à¤° समरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ होता है और यही आदरà¥à¤¶ माननीय à¤à¤¾à¤—वत जी ने सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ किया है। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी ने कहा कि सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ विवेकाननà¥à¤¦ जी ने à¤à¤¾à¤°à¤¤ की अमूलà¥à¤¯ और अदà¥à¤à¥à¤¤ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ से पूरे विशà¥à¤µ को परिचित कराया। उनà¥à¤¹à¥‹à¥‡à¤‚ने हिनà¥à¤¦à¥‚ धरà¥à¤®, दरà¥à¤¶à¤¨ और संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ को अनà¥à¤¤à¤°à¥à¤°à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ पहचान दिलवायी। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ विवेकाननà¥à¤¦ जी à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ को विशà¥à¤µ की धरती पर ले जाने वाले अगà¥à¤°à¤¦à¥‚त हंै। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी ने कहा कि ’सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤° वही हो सकता है जो अपना काम अपने आप कर लेता है!’ इस à¤à¤• वाकà¥à¤¯ में ही शà¥à¤°à¥€ विनोबा à¤à¤¾à¤µà¥‡ जी ने जीवन के पूरे विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ को समाहित कर दिया है। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चिदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी ने कहा कि शà¥à¤°à¥€ विनोबा à¤à¤¾à¤µà¥‡ जी का चिंतन लोगों के दिल, दिमाग और हृदय परिवरà¥à¤¤à¤¨ करने वाला था। उनकी बातें जनमानस के विचार और सोच को बदलने वाली थी।